अगर आप डायबिटिक हो, तो ये बात गाँठ बाँध लीजिये कि आपके  चेहरे से भी ज्यादा जरुरी है- आपके पैर | क्योंकि 15-20% सुगर के मरीजों के पैरों में जख्म होना आम बात है | कुछ लोगों में तो पैर की  ऊँगली, अंगूठा या पैर ही काटना पड़ता है | लेकिन ये सात टिप्स फॉलो करने से आप अपने पैरों को सुरक्षित रख पाओगे

वैसे तो पैरों की केयर सभी को करनी चाहिए, लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए इसकी इम्पोर्टेंस बहुत ज्यादा बढ जाती है| क्योंकि डायबिटीज में खून का दौरा सही से नहीं होता और नर्व यानी स्नायु-तंत्र को भी बहुत नुक्सान पहुँचता है | जिसकी वजह से जख्म नहीं भरते और छूने, महसूस करने की अक्षमता कम होने से गर्म, ठंडा, जलने का मेह्स्सोस नहीं होता है, और नए-नए जख्म होते रहते हैं | इसलिए डायबिटिक मरीज अपनी इन्द्रियों के भरोसे नहीं रह सकता है | अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ फूट एंड एंकल सर्जन(ACFAS) ने इस बारे में काफी डिटेल से गाइडलाइन्स दी है | आइये इस बारे में बहुत सिंपल भाषा में बात करते है |

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  1. हर रोज़ अपने पैरों को चेक कीजिये(Inspect Your Feet Regularly) 

डायबेटिक्स के लिए हर रोज़ पैर चेक करना बहुत जरुरी है |

-सबसे पहले प्रेशर पॉइंट्स को चेक करिए (Check pressure points).जिन पॉइंट्स पे सबसे ज्यादा प्रेशर पड़ता है,जैसे कि आपकी एड़ी, पाँव का पंजा के पिछला हिस्सा इत्यादि|

-किसी भी तरह का कट, स्किन का रंग में बदलाव, बदबू तो नहीं है | (check for any cut, smell, color change)

-अपनी जुराबों को जरुर चेक करें कि कहीं किसी तरह का कोई दाग तो नहीं है | (check stain in socks)

-जूतों में कोई छोटा पत्थर या कोई रफ़ सरफेस तो नहीं है |(check if any stone or rough surface in shoes)

अगर आपको खुद से अपना पैर चेक करने में दिक्कर है,तो अपने फॅमिली मेम्बर की  मदद ले लीजिये | और कौशिश करें कि ये एक ही मेम्बर से करवाए ताकि वो किसी भी तरह के नए बदलाव के बारे में आपको अवगत करवा सके |

  1. पैरों को सुखा रखें (Keep Your Feet Dry)

बारिश, बर्फ या कीचड की  वजह से आपके पैरों में नमी हो जाती है | इस नमी की  वजह से पैरों और जुराबों के

बीच में इन्फेक्शन होने का ख़तरा बढ़ जाता है | इसलिए जितना जल्दी हो सके अपने पैरों को सुखा लीजिये |

आपको उँगलियों के बीच की जगह को ख़ास ध्यान देने की  जरुरत होती है, क्योंकि उँगलियों  के बीच में नमी

छुपी रहती है | पैरों को सुखाने वाले टोवल या तौलिये के बारे में ये जरुरी है की वो सॉफ्ट हो | कई बार हार्ड टोवल

की  वजह से छोटी-छोटी चोटें लग जाती है, जो बाद में जाकर अलसर का रूप ले सकती है |

  1. अपने पैरों को मॉइस्चराइजर जरुर लगायें (Moisturise Your Feet Every Day)

सर्दियों में सुखी स्किन(DRY SKIN) होने की  वजह से खुजली और स्किन का फटना शुरू हो जाता है | सुगर के

मरीजों में ये दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि खून का दौरा कम होने की  वजह से मॉइस्चराइजर बनाए रखने

वाली ग्रंथियां(GLANDS)  कम काम करते हैं |जिसकी वजह से सूखापन बहुत बढ़ जाता है | ये सूखापन उँगलियों

के बीच में फंगल इन्फेक्शन को जन्म देता है |

-इसलिए हर रोज़ नहाने के बाद मॉइस्चराइजर क्रीम जरुर लगायें | आजकल पैरों पे लगाने वाले लोशन या

पेट्रोलियम जेली आसानी से मिल जाती है | (apply moisturizer every day after bath)

-मॉइस्चराइजर लगाने के बाद जुराब पहनाने से पहले कोई भी पाउडर लगा लीजिये | इससे पैर सुखा रहेगा ,

अगर एंटी-फंगल होगा तो और ज्यादा बेहतर रहेगा | (dry powder before  wearing socks)

– उँगलियों के बीच में मॉइस्चराइजर लगाना बहुत जरुरी होता है | लेकिन बहुत ज्यादा मॉइस्चराइजर नहीं लगाना

चाहिए, नहीं तो थोड़े बहुत काम करने वाली ग्रंथियां भी ब्लाक हो जायेगी | (moisturizer between finger)

  1. सर्दी में गर्मी के अहसास को समझदारी से लें (Careful About Heat)

डायबेटिक्स में नर्व, जिनकी वजह से ठंडा, गरम महसूस होता है, को काफी नुक्सान होता है, जिसे न्यूरो-पैथी कहा  जाता है | इस न्यूरो-पैथी की  वजह से पैरों में सुन्पन रहने लग जाता है, और पैरों से महसूस होना कम या  बिलकुल बंद हो जाता है | जिसकी वजह से इनको सर्दियों में 2nd या 3rd डिग्री तक बर्न या जलने की  समस्याओं का सामना करना पड़ता है |  इसलिए सुगर के मरीज ठन्डे, गरम के अहसास के लिए अपनी इन्द्रियों पे भरोसा नहीं कर सकते हैं| इसके लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी पड़ेगी |

  1. नहाते समय गर्म पानी को अपने पैरों से बिलकुल चेक ना करें, थर्मामीटर या हाथ से चेक करें | अगर संभव हो तो अपने फॅमिली मेम्बर को चेक करने के लिए बोलिए | क्योंकि अगर आपकी सेंसेशन कम हो रही है, तो अनजाने में आप अपने पाँव जला लोगे|
  1. अपनी कार में हीटर को अपने पैरों पे डायरेक्ट सेट ना करें |
  2. अगर आप फॅमिली के साथ अंगीठी या हीटर पे अपने हाथों या पैरों कि शिकाई करते हैं, तो आपको दूर बैठना चाहिए |
  1. किसी भी तरह का मैकेनिकल तकनीक से पैरों को गर्म मत कीजिये |जैसे की  फूट वार्मर इस्यादी का इस्तेमाल न करें | ज्यादा से ज्यादा नेचुरल तरीके से पैरों को गर्म रखें |
  1. जूता डिज़ाइनर नहीं, सही चुने (Get The Right Shoe for You)

डायबेटिक्स के लिए सही जूता चुनना भी बहुत जरुरी स्टेप है अपने पैरों कि देखभाल के लिए | आपका जूता

आपके पैरों को गर्म रखें, पानी, बर्फ यानी नमी से बचाके रखे, और आपके पैरों की मूवमेंट को भी बनाए रखे |

उसके लिए कुछ खास टिप्स जान लीजिये |

-जूते फिट होने चाहिए- न बहुत बड़े और न छोटे

-आपके पैर के पंजों वाली जगह भिड़ी नहीं होनी चाहिए, नहीं तो आपके पैरों की  उँगलियों के बीच में दवाब

बढेगा और इन्फेक्शन का खतरा भी |

-सिंथेटिक मटेरियल से बने जूते न पहने |

-जूता हमेशा शाम के समय खरीदें, क्योंकि उस वक़्त आपका पैर मैक्सिमम साइज़ में होता है |

-जुराबें मौसम के हिसाब से चुने | आजकल डायबिटिक थर्मल सॉक्स(Diabetic Thermal Socks OR Thermal

Insulated Diabetic Socks) आती है |

-सर्दियों के लिए वूलेन सॉक्स अच्छी रहती है | पैरों को गर्म भी रखेंगी और क्युशन का भी काम करेगी |

-नायलॉन की  जुराबें और इलास्टिक रिंग वाली जुराबें सही नहीं है |

-हो सके तो पोली-प्रोपाइलेन स्टोकिंग (Polypropylene Stocking) को जुराबों के नीचे पहने, इनसे नमी कम हो

जाती है |

  1. नाख़ून सावधानी से काटिये  (Cut Your Nail Carefully)

नाख़ून नैचुरली बढ़ते हैं, और अगर ये बढ़ते हुए आपके पैरों की आसपास की  जगह में घुसने लग जाए तो

डायबिटिक लोगों में नासूर बन सकता है| इसलिए नाखूनों को रेगुलरली काटें |

-सबसे पहले अपने पाँव को गीला कीजिये, ताकि आपके नाख़ून नर्म हो जाएँ |

-अपने नाखूनों को हमेशा सीधा काटें, क्योंकि घुमावदार काटने से आसपास काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं |

-हमेशा नेल-कटर का इस्तेमाल करें |ब्लेड से नाख़ून नहीं काटने चाहिए |

-अगर आपको दिक्कत हो रही हो तो किसी की  मदद लेने में झिझकिये मत |

-आपको जानकर हैरानी होगी कि डायबिटिक लोगों के लिए कुछ देशों में नाखून और उँगलियों का भी

इंश्योरेंस(MEDICARE/HEALTH INSURANCE FOR DIABETICS) होता है|

  1. रेगुलरली अपने डॉक्टर से चेकअप करवाइए और सुगर कण्ट्रोल रखिये (Periodic Check-up to maintain blood sugar normal)

अपने डॉक्टर से रेगुलर चेकअप  करवाइए और अपने पैरों की  भी जांच करवाइए |

अपना ब्लड सुगर और बी पी अपने डॉक्टर के कहे अनुसार रेगुलरली चेक करते रहिये

हर तीसरे महीने अपना HBA1C (ग्लाइकेटीड  हीमोग्लोबिन) जरुर चेक करवाइए, इससे आपको पता रहेगा कि पिछले तीन महीने में आपने सुगर को कितना कण्ट्रोल में रखा |

अपने दवाइयां फिक्स टाइम पे डॉक्टर के कहे अनुसार लीजिये

अपने खाने में सलाद को सम्मान-जनक जगह जरुर दीजिये, आपको बहुत फायदा होगा |

और बहुत खुश रहिये

ये ब्लॉग सिर्फ आपकी जानकारी बढाने के लिए है | ये किसी तरह का ट्रीटमेंट या प्रिस्क्रिप्शन नहीं है |

किसी भी तरह की  स्वास्थ्य संबधी परेशानी होने पे एक क्वालिफाइड डॉक्टर को दिखाइये |

अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करने के बारे में जरुर सोचिये|क्योंकि डायबिटीक लोगो में सेल्फ-केयर को बढ़ावा देना बहुत जरुरी है|