हर तीन बेऔलाद कपल्स में से एक का कारण पुरुष पार्टनर की  नपुंसकता होती है| ज्यादातर में इसको ठीक किया जा सकता है|बस जरुरत है, अपनी जीवन शैली में छोटे-छोटे बदलाव करने की  !

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यह बिलकुल सच है कि हर एक नपुंसक पुरुष को ठीक नहीं किया जा सकता है|

लेकिन एक बड़ी संख्या में लोगो कि नपुंसकता को ठीक करने का सफल प्रयास किया जा सकता है|

आइये इस बारे में डिटेल से समझाने का प्रयास करते है|

शुरू करने से पहले हम ये जरुर कहना चाहेंगे कि विज्ञान ने आज इतनी तरक्की कर ली है कि सब विवाहित जोड़े औलाद का सुख ले सकते हैं|

इसलिए जीवन में मायूस बिलकुल नहीं होना चाहिए|

नपुंसकता क्या है?

 किसी का कुदरती तरीके से बच्चा पैदा न कर पाना नपुंसकता कहलाता है|

नपुंसकता पुरुषों और महिलाओं, दोनों में हो सकती है| आज के मॉडर्न जमाने में नपुंसकता बढती जा रही है|

चाहे शहर हो, या गाँव हो- दोनों ही जगह पे इसका प्रभाव बढ़ रहा है|

इसका एक बड़ा कारण हमारे नए लाइफ स्टाइल की वजह से होता है, जिसमे हमारा खान-पान सबसे पहला आता है|

पुरुषों में नपुंसकता के कारण 

पुरुषों में नपुंसकता के कई कारण हो सकते हैं, जिनमे लगभग सभी का प्रभाव पुरुष के शुक्राणुओं पे पड़ता है|

1.
टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होना- ये सेक्स हॉर्मोन होता है|

2. वीर्य में गतिशील शुक्राणु कम होना- अगर गतिशील शुक्राणुओं की संख्या कम होगी तो गर्भ ठहरने में दिक्कत होती है|

3. शुक्राणुओं की  संख्या कम होना –प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से कम शुक्राणु होना

4. स्तम्भन(ERECTILE DYSFUNCTION)की दिक्कत- अगर पुरुष अपना इरेक्शन बनाए नहीं रख पायेगा तो शुक्राणुओं को सही जगह तक पहुंचाना कठीन हो जाता है|

5.लिबिडो कम होना- अगर किसी का सम्भोग करने का मन ही नहीं होगा तो नपुंसकता की  दिक्कत अपने आप ही हो जायेगी| हालांकि बहुत सारे सप्लीमेंट आते है, जो लिबिडो को बढाते है|

6. दवाइयों का साइड इफ़ेक्ट- रेडिएशन और कीमोथेरेपी या सस्टेरॉयड का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल भी शुक्राणुओं की  संख्या और गति को प्रभावित कर सकता है|

7. अन्डकोशों में वरिकोसल(VARICOCELE)

8.
शरीर में विटामिनो की  कमी होना

आइये अब बात करते हैं उन पांच टिप्स कि जो मदद करेंगे आपके शुक्राणुओं के क्वालिटी को बढाने में-

1. बिस्तर छोड़ और एक्सरसाइज कर

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एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन यानी सेक्स हॉर्मोन की  मात्रा बढती है|

शरीर में सेक्स लिबिडो बनाए रखने के लिए टेस्टोस्टेरोन के लेवल का नार्मल होना बहुत ज्यादा जरुरी होता है|

इसी वजह से लिबिडो बढती है| लेकिन  बधुत अधिक एक्सरसाइज इसकी मात्रा पे उलटा प्रभाव भी कर सकती है|

बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने से टेस्टोस्टेरोन कि मात्रा कम हो जाती है|

आजकल आकर्षक बॉडी बनाने के लिए नौजवान आवश्यकता से ज्यादा स्तेरोइड्स(STEROID) लेते हैं, जिसकी वजह से शुक्राणु पे बहुत प्रभाव पड़ता है|

इसलिए रूटीन तौर से एक्सरसाइज करना जरुरी है|

2. खाने में विटामिन C को जगह जरुरी है

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हमारे शरीर की कौशिकायें फ्री ओक्सिजन की  वजह से चौटील होने लग जाती है| फ्री ओक्सिजन शरीर के अंदर होने वाली रूटीन किर्याओं की वजह से निकलती रहती है|

इनका हमारे शुक्राणुओं पे बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है|इस फ्री ओक्सिजन के प्रभाव को कम करने के लिए हमें एंटी-ऑक्सीडेंट कि जरुररत होती है|

अगर सबसे ज्यादा प्रभावशाली एंटी-ऑक्सीडेंट की  बात करी जाए तो विटामिन सी का नाम सबसे उपर आता है|

खट्टे फलों जैसे निम्बू, संतरा, आंवला इत्यादि में पाया जाने वाले ये विटामिन शुक्राणु की ताकत बढाने में बहुत कारगर होता है|

इसी वजह से पुरुषों में नपुंसकता में इसका बहुत ही अहम् रोल होता है|

यह एक पानी में घुलनशील विटामिन होता है, इसलिए अगर विटामिन C ज्यादा मात्रा में भी ले लिया गया है, तो पेशाब के जरिये बाहर निकल जाता है|

शुक्राणु ही नहीं, इसका और कई समस्यायों में रोल होता है-

A. गुर्दे कि पथरी
B. खून कि कमी
C. सर्दी जुकाम का प्रभाव कम करना
D. त्वचा को जवान बनाए रखना

3. विटामिन D शुक्राणुओं की  गति बढ़ाएगा

विटामिन डी शुक्राणुओं की  गति बढाने में बहुत सहायक होता है| लेकिन आम-तौर पे लोग ये मानने के लिए तैयार नहीं होते कि उनमे विटामिन

डी कि कमी हो सकती है| क्योंकि लोगो को लगता है कि सनलाइट की  वजह से उनका विटामिन डी पूरा हो जाता है| लेकिन ये सत्य नहीं है, क्योंकि इंडिया में लगभग 70 से 90 प्रतिशत लोगों में

विटामिन डी की  कमी पाई गयी है| इसका मतलब ये है कि जितनी सनलाइट हम ले रहे है, वह पर्याप्त नहीं है|

4.अच्छी सोशल लाइफ

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आजकल हम सभी लोग बहुत ज्यादा सोशल हो गए हैं और बिलकुल भी सोशल नहीं रहे हैं| समझिये!

हम सभी सोशल मीडिया पे बहुत व्यस्त हो गए हैं और जिसकी वजह से हमारी असल सोशल लाइफ खत्म होती जा रही है| और इसकी वजह से हमारा स्ट्रेस लेवल भी बढ़ रहा है|

स्ट्रेस का हमारे शुक्राणुओं पे बहुत बूरा प्रभाव पड़ता है| जितना स्ट्रेस बढ़ता जाएगा, उतना ही हमारे सेक्सुअल हेल्थ खराब होती जायेगी और जिसकी वजह से हमारे शुक्राणुओं पे बहुत प्रभाव

पड़ेगा| इसलिए अपनी फॅमिली, पार्टनर और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताइएताकि आपके शुक्राणुओं कि क्वालिटी भी अच्छी हो पाए|

5. खाने को समझदारी से चुनिए


आप जो खाते हो उसका सधा प्रभाव आपके शरीर कि हर एक प्रक्रिया पे पड़ता है| वो चाहे आपके शुक्राणु कि क्वालिटी ही क्यों ना हो|

मेडिकल रिसर्च के अनुसार कुछ खाने आपके पौरुष को सशक्त बनाने में आपकी मदद करते हैं, जैसे कि-

A. डी-अस्पर्टिक एसिड के सप्लीमेंट

B. अश्वगंधा

C. मैथी

D. जिंक सप्लीमेंट

E. फिश

ये आर्टिकल सिर्फ और सिर्फ आपकी जानकारी बढाने के लिए है, और ये किसी तरह का प्रिस्क्रिप्शन या ट्रीटमेंट नहीं है|

अगर आप एक साल से जायदा से शादीशुदा है और साथ रहते हैं और आप गर्भ धारण नहीं कर पा रहे हैं,

तो आपको एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाना चाहिए और इसके कारणों की  वजह ढूंढनी चाहिए|

उम्मीद करता हूँ कि आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी और इसको आप आगे शेयर करने के बारे में जरुर सोचेंगे|

आपके दिल में अगर कोई सवाल हो तो हमें जरुर लिख भेजिए|

धन्यवाद

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