इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च(ICMR) ने कोरोना के बढ़ते मरीजों और मौतों के मद्देनज़र कोरोना टेस्टिंग की गाइडलाइन्स में अहम् बदलाव किये हैं| फिलहाल इंडिया में हर 100 सैंपल में से 20 सैंपल पॉजिटिव आ रहे हैं|(Nationwide test positivity rate=20%).हालांकि पिछले हफ्ते के मुकाबले पॉजिटिव केसेस कि संख्या कुछ कम हो रही है लेकिन अभी भी हमारे देश की टेस्टिंग फैसिलिटी पे बहुत भार है| आज तक (5 मई 2021) हमारे पास टोटल  2506 मॉलिक्यूलर टेस्टिंग लैब है और दिन में तीन शिफ्टों में काम करने के बावजूद, 15 लाख टेस्ट हर रोज कर पा रहे हैं| बहुत सारे स्टाफ के पॉजिटिव होने से और बढ़ते केसों को ध्यान में रखते हुए टेस्टिंग गाइडलाइन्स में कुछ बदलाव किये हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक टेस्टिंग सुविधा पहुंचाई जा सके|

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गाइडलाइन्स की डिटेल बताने से पहले जो सबसे अहम् बात कही गयी है वो ये है-

“फिलहाल कोरोना के बढ़ते मरीजों को ध्यान में रखते हुए, अगर कोई भी व्यक्ति में बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में दर्द या खराश,सांस फूलना, बदन दर्द,हाल फिलहाल में स्वाद और स्मेल चले जाना,थकान और दस्त जैसे लक्षण आ रहे हैं, तो उसे तब तक कोविड-19 का केस मानिए जब तक कोई दूसरी वजह नहीं मिलती”

  1. एक बार किसी का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आने पर (वो चाहे RT-PCR पे पॉजिटिव हो या RAPID ANTIGEN TEST पर पॉजिटिव आये) उसका टेस्ट रिपीट नहीं किया जाएगा|
  2. हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के समय कोविड टेस्ट की जरूरत नहीं है|
  3. अगर किसी में कोई लक्षण नहीं है और उसे एक राज्य से दुसरे राज्य में घरेलु ट्रेवल करना है, तो उसके लिए कोविड टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट की जरुरत को हटा दिया गया है| इससे पहले दुसरे राज्य में जाने से पहले आपको कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट क नेगेटिव होना जरुरी था| ऐसा करने से टेस्टिंग फैसिलिटी पे बोझ को कम किया जा सकेगा|
  4. अगर बहुत ज्यादा जरुरी नहीं है, तो जिन लोगों में कोरोना के लक्षण है, उन लोगों को ट्रेवल नहीं करना चाहिए| वो चाहे अपने राज्य में हो या किसी दुसरे राज्य में जाने कि बात हो| इससे इन्फेक्शन को फैलने से रोका जा सकता है|
  5. जिन लोगो में लक्षण नहीं है, उन्हें अगर जरुरी वजह से ट्रेवल करना है, तो कोविड एप्रोप्रियेट व्यवहार (COVID APPROPRIATE BEHAVIOUR) को फॉलो करना चाहिए| (मास्क, दूरी , हैण्ड हाईजिन)
  6. राज्यों को RT-PCR टेस्टिंग के लिए मोबाइल सिस्टम को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि भीड़ को कम किया जा सके|

इनके अलावा रैपिड एंटीजन टेस्टिंग (RAT) को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने कि सलाह भी दी गयी है| क्योंकि इस टेस्ट कि रिपोर्ट 15-30 मिनट में तैयार हो जाती है| जो कि मरीज के लिए अच्छा है ताकि उसका समय पे इलाज किया जा सके| जो सिचुएशन को एक्सप्लेन किया है-

-अगर किसी में लक्षण है और उसका रैपिड एंटीजन टेस्टिंग पॉजिटिव आया है तो उसका टेस्ट दुबारा करने कि जरुरत नहीं है| (ना ही RT-PCR और ना ही RAT) हेल्थ मिनिस्ट्री कि गाइडलाइन्स के अनुसार उसको मैनेज किया जाना चाहिए|

-अगर किसी में लक्षण है और RAT नेगेटिव आ गया है, तो उसको RT-PCR टेस्ट किया जाना चाहिए| और जब तक RT-PCR की रिपोर्ट नहीं आती तब तक हेल्थ मिनिस्ट्री कि गाइडलाइन्स के अनुसार उसको मैनेज किया जाना चाहिए|

अब हर एक टेस्ट के लिए COVID वैक्सीन के बारे में इनफार्मेशन देनी आवश्यक होगी| आपको बताना होगा कि आपको वैक्सीन लगा है या नहीं| और लगा है, तो एक लगा है या पूरा कोर्स ले चुके हो|

उम्मीद करते हैं कि आपको ये जानकारी अच्छी लगेगी और आप इसको अपनों के साथ शेयर करने के बारे में जरुर सोचेंगे|

धन्यवाद

References:

  1. ICMR (04.05.2021) – Advisory for COVID-19 testing during the second wave of the pandemic. Accessed on 05.05.2021 at 2:30 PM.
  2. Image courtesy:

https://pixabay.com/photos/coronavirus-mass-testing-covid-19-5739918/