स्ट्रेच मार्क्स की वजह से आप अपनी मनपसंदीदा ड्रेस पहनने में झिझकते हैं और अपने मन के साथ समझोता करना शुरू कर देते हैं।
स्ट्रेच मार्क्स हटाने के तरीक़े आपने बहुत आज़माएँ होंगे, परंतु उनके फ़ायदे या नुक़सान को लेकर दुविधा में फ़सें है। लेकिन आपको इस दुविधा में फ़सने की कोई ज़रूरत नहीं है।
पहली बात तो ये कि स्ट्रेच मार्क्स सिर्फ़ आप अकेले को नहीं है। लगभग सभी महिलाओं को और पुरुषों को भी स्ट्रेच मार्क्स होते हैं। मुझको भी है।
जिस तरह के कपड़े पहनते होंगे, उनमे आपके स्ट्रेच मार्क्स किसी को दिखाई नहीं देते हैं लेकिन फिर भी इनको कम या ठीक करने का प्रयास करते हैं और हर मुमकिन कौशिश करते हैं|
अगर कोई घरेलु उपाय बता दे स्ट्रेच मार्क्स कम करने का, तो आप उसी पल से शुरू हो जाते हो|
मैं ठीक कह रहा हूँ ना?
अगर इस पर मेरा ओपिनियन जाने तो ..
“बेशक! स्ट्रेच मार्क्स किसी को ना दिखे, लेकिन इसके बावजूद भी आप इसलिए कौशिश करते रहते हैं क्योंकि ये आपकी सेल्फ रेस्पेक्ट कम करता है|”
स्ट्रेच मार्क्स को कोई हक़ नहीं बनता कि आपकी सेल्फ रेस्पेक्ट को हर्ट करे| लेकिन “टीम हेल्थ की बात” आपको साइंस आधारित सच बताने की कौशिश करेगा|
हम आपको बताएँगे कि स्ट्रेच मार्क्स के लिए क्या, कितना, कब और क्यों करना सही है?
Table of Contents
स्ट्रेच मार्क्स का हटाने का परमानेंट तरीक़ा
“स्ट्रेच मार्क्स का कोई परमानेंट सोल्युशन नहीं है, लेकिन इनको थोडा कम करने की और इनसे बचाव की कौशिश करी जा सकती है|”
माफ़ कीजियेगा लेकिन झूठी तसल्ली नहीं दे पायेंगे|
शुरू में ही इसलिए बताया ताकि आपको चिटीड ना लगे|
लेकिन ये विश्वास जरुर दिलाते हैं कि जो सोल्युशन मौजूद है उनको फायदे-नुक्सान और खर्च के बारे में हम आपको कम्पलीट जानकारी देने की कौशिश जरुर करेंगे|
स्ट्रेच मार्क्स क्या होते हैं?
स्ट्रेच मार्क्स हमारी स्किन पर लम्बे लम्बे बेंड्स(धारियाँ) होते हैं, क्योंकि इनके नीचे की स्किन या सपोर्ट करने वाली मेटेरियल पतली होती है|
इनका कलर आपकी स्किन से हल्का या डार्क हो सकता है| इनको टच करने से खुजली या इरिटेशन महसूस होती है|
स्ट्रेच मार्क्स होने के कारण
ये आपकी स्किन में ज्यादा स्ट्रेच या खिचाव होने की वजह से होते हैं|
कुछ ऐसे समझिये कि रबड़ को अगर थोडा खीचेंगे तो रबड़ वापिस से उसी शेप और साइज़ में चला जाएगा बिना किसी बदलाव के|
लेकिन जब इसी रबड़ को ज्यादा खींच दिया जाए तो वापिस से उसी शेप में नहीं जाता है बल्कि उसमे सफेद या हलके रंग की धारियां भी पड़ जाती है|
ज्यादा स्ट्रेच के अलावा कुछ होर्मोन का लेवल बढ़ना भी एक इम्पोर्टेन्ट वजह है, और इसमें सबसे ऊपर आता है कोर्टीसोन हॉर्मोन का, जो की हमारी किडनी के ऊपर लगे छोटे से ग्लैंड, एड्रेनल ग्लैंड, से निकलता है| इसको स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहते हैं|
हमारी स्किन की फ्लेक्सिबिलिटी या एलाटीसिटी बनाए रखने का काम स्किन के नीचे मौजूद कोलेजन का होता है|
कोर्टीसोन हॉर्मोन का ज्यादा लेवल इन्ही कोलेजन को कमजोर का काम करता है,जिसकी वजह से स्ट्रेच मार्क्स होते हैं|
बहुत जल्दी वजन बढ़ने या बहुत जल्दी वजन घटने से स्किन स्ट्रेच हो जाती है और उसके नीचे की कोलेजन फट जाती है|
ऐसा होने से छोटी-छोटी खून की सिरायें भी जख्मी हो जाती है, जिसकी वजह से स्ट्रेच मार्क्स शुरुवात में लाल नज़र आते हैं और बाद इन जख्मों के भरने या हील होने की वजह से हलके रंग के नज़र आने लगते है|
स्ट्रेच मार्क्स की अच्छी बात ये है कि इनका शरीर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है|
किन–किन सिचुएशन में स्ट्रेच मार्क्स होने का रिस्क सबसे ज्यादा होता है?
1. प्रेगनेंसी: मुख्य कारण यही है, जोकि आधे से ज्यादा लोगों में स्ट्रेच मार्क्स करता है|(strech marks in pregnancy)
2. किशोरावस्था में: लेकिन इनमे ये धीरे-धीरे अपने आप ही हलके पड़ने लगते हैं|
3. लम्बे समय तक स्टेरॉयड युक्त क्रीम और लोशन का इस्तेमाल से स्किन के नीचे मौजूद कोलेजन कमजोर पड़ने लगता है| इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरॉयड ना ही तो खाने चाहिए और ना ही स्किन पर लगाने चाहिए|
आपको जितने समय तक इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है उतने दिन तक ही इस्तेमाल करना चाहिए|
4.अगर परिवार में स्ट्रेच मार्क्स की हिस्ट्री है, तो इनके होने के चांस थोदा ज्यादा होगा| अगर माँ में स्ट्रेच मार्क्स हुए हैं तो बेटी में हो सकते हैं|
5. मोटापा
6. किसी तरह की लम्बी बिमारी
7. कुछ मेडिकल प्रॉब्लम में भी स्ट्रेच मार्क्स ज्यादा होते हैं,जैसे कि मार्फ्न सिंड्रोम (कोलेजन का ही रोग होता है), कशिंग सिंड्रोम (हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है),एड्रेनल ग्लैंड में कोई दिक्कत होने पर
स्ट्रेच मार्क्स सबसे ज्यादा कहाँ पर होते हैं?
1.पेट पर
2.ब्रैस्ट (स्तन के एरिया में)
3. हिप्स(कूल्हों पर)
4. पेट के साइड में(फलान्क्स में)
5. जाँघों पर(thighs)
स्ट्रेच मार्क्स का ट्रीटमेंट क्या है? treatment of strech marks
ट्रीटमेंट के बारे में बताने से पहले सबसे जरुरी दो बातें आपको बताना बहुत जरुरी समझता हूँ|
- स्ट्रेच मार्क्स का ट्रीटमेंट बहुत फर्सट्रेटिंग(निराशाजनक) हो सकता है और शायद आपको उतने अच्छे रिजल्ट न मिले।
- क्योंकि इस ब्लॉग के लिखे जाने तक कोई भी ट्रीटमेंट ऐसा नहीं है जो इनको पूरी तरह खत्म कर दे|
- ट्रीटमेंट शुरू करने से पहले अपने आप को इन स्ट्रेच मार्क्स के साथ अपनाना पड़ेगा, एक्सेप्ट करना पड़ेगा|
अपनी आँखें बंद कीजिये और देखिये ध्यान से आपको नज़र आएगा मोस्ट ब्यूटीफुल पर्सन इन यू ..देट्स रियल यू|
सबसे पहले प्रिवेंशन की बात करते हैं कि स्ट्रेच मार्क्स को होने से कैसे बचा जा सके?
प्रेगनेंसी में होने वाले स्ट्रेच मार्क्स
जिनको स्टराया ग्रेवीढेरम (striae gravidarum) भी कहा जाता है, ज्यादातर छ्टे और सातवें महीने में होते हैं| कुछ में थोड़ा और जल्दी भी हो सकते हैं| क्योंकि प्रेगनेंसी में वजन कम और बढ़ना दोनों ही बदलाव होते हैं|
सबसे ज्यादा पेट, जाँघों और स्तन के एरिया में होते हैं| इनके अलावा कमर के निचले हिस्से और बाजुओं के ऊपरी हिस्से में भी हो सकते हैं|
शुरुआत में ये लाल रंग के होते हैं लेकिन बाद में धीरे धीरे इनका रंग हल्का भी पड़ने लगता है| लेकिन ये पूरी तरह से खत्म नहीं होते हैं|
अब इनसे बचने के लिए क्या क्या कौशिश कर सकते हैं?
1. प्रेगनेंसी के शुरुआत से ही हर रोज़ रात को सोने से पहले नारियल या अरंडी (coconut oil या olive oil) के तेल से हलकी मसागे कीजिये| ऐसा करने से आपकी स्किन की हाइड्रेशन(पानी की मात्रा) सही बनी रहेगी और स्किन भी सॉफ्ट रहेगी|
2. कम से कम साबुन कैस्तेमाल कीजिये और अगर करें भी तो सॉफ्ट साबुन का इस्तेमाल कीजिये| हार्ड साबुन आपकी स्किन को सॉफ्ट बना देगी और हाइड्रेशन को कम कर देगी, जिसकी वजह से स्ट्रेच मार्क्स को बढ़ावा मिलेगा|
3. लगभग सभी(90%) प्रेग्नेंट महिलाओं को स्ट्रेच मार्क्स होते हैं, किसी को कम तो किसी को ज्यादा| प्रेगनेंसी में इसका अपने आप से कोई ट्रीटमेंट बिलकुल मत लीजिये क्योंकि इसका बुरा प्रभाव आपके बच्चे पर पड़ेगा| मेरे ख्याल से आप ऐसा तो बिलकुल नहीं चाहोगे|
प्रेगनेंसी के बाद स्ट्रेच मार्क्स कम करने के लिए कुछ घरेलू तरीके इस्तेमाल कर सकते हैं|
शुगर स्क्रब
इस तरीके के जरिये स्किन को छोटी-छोटी चोट पहुंचाकर उपरी स्किन को छीला जाता है जिसको एक्सफोलियेसन(Exfoliation of skin) कहते हैं|
इसके बाद स्किन अपने आप ठीक होगी और उसका कलर भी थोडा हल्का हो जाएगा|
कैसे करना है?
बहुत जोर से स्क्रब नहीं करना है क्योंकि स्किन ज्यादा छिल सकती है| हर रोज़ सिर्फ आठ से दस मिनट ही करना है| इसके लिए एक कप चीनी और उसमे सॉफ्टनर के तौर पर एक चौथाई कप नारियल का तेल मिलाइए| इसके बाद इसमें निम्बू का जूस मिलाइए (इसमें विटामिन सी भरपूर होता है)|
आप एलो वेरा,कास्टर आयल,बादाम के तेल और ओलिव आयल से भी मसाज कर सकते हैं|
स्किन को हाइड्रेट रखने के लिए दिन में 7 से 8 गिलास पानी पीजिये| नहाने के तुरंत बाद मोइस्च्राइजर जरुर लगाइए क्योंकि जब स्किन थोड़ी गीली होती है तब मोइस्च्राइज़र अच्छे से स्किन में अवशोषित हो जाता है|
ह्यालुरोनिक एसिड के कैप्सूल का इस्तेमाल
इसका रोल कोलेजन की प्रोडक्शन को बढ़ाने में आता है और ऐसा करके ये स्किन की शेप को बरकरार रखता है| कैप्सूल में आता है जिसको अप्लाई किया जाता है स्ट्रेच मार्क्स पर|
सनलाइट से प्रोटेक्शन रखिये
सनलाइट में अल्ट्रावायलेट किरणें पुराने निशान जो मार्क्स की वजह से बने हैं उनको और ज्यादा उभार देता है|
इसलिए सनस्क्रीन लगाना मत भूलिए जब भी बाहर जाने की जरुरत है| अच्छे सन प्रोटेक्टिव फैक्टर (SPF) वाली सनस्क्रीन ही इस्तेमाल करनी चाहिए|
स्ट्रेच मार्क्स करने वाली क्रीम (रेटिनॉल-A क्रीम)
यह विटामिन-A का ही एक रूप है|इसको रात को सोने से पहले पतली लेयर में स्ट्रेच मार्क्स पर लगाना चाहिए और सुबह उठकर गुनगुने पानी से धोना चाहिए| धोने के बाद मोइस्च्राजर लगाना बहुत जरुरी है|
क्योंकि रेटिनॉल स्किन के अंदर अवशोषित होकर कोलेजन को बढाता है और स्किन को एक्सफोलिएट करता है| इसलिए मोइस्च्राजर स्किन के हाइड्रेशन को सही रखने के लिए जरुरी है|
रेटीनोईक एसिड बहुत ही स्ट्रोंग दवाई है इसलिए इसको सबसे कम डोज़ से शुरू किया जाता है| अगर किसी तरह की जलन या दर्द या स्किन में किसी भी तरह का असामान्य बदलाव नज़र आये तो तुरंत डॉक्टर को रिपोर्ट करना चाहिए|
डॉक्टर की सलाह पर लेना क्यों जरुरी है?
रेटीनोइक एसिड शुरूआती स्ट्रेच मार्क्स पर ज्यादा अच्छे रिजल्ट देता है और पुराने स्ट्रेच मार्क्स पर ज्यादा इफेक्टिव नहीं पाया गया है| एक एक्सपर्ट के लिए बहुत आसान है कि स्ट्रेच मार्क्स किस स्टेज में हैं|
इम्पोर्टेन्ट नोटिस:
1. एक बार आपके स्ट्रेच मार्क्स हल्के होने के बाद इसका ज्यादा इस्तेमाल आपको कोई फायदा नहीं पहुंचाने वाला है| अगर आपको याद दिलाऊं तो स्ट्रेच मार्क्स हलके हो सकते हैं पूरी तरह से खत्म नहीं होंगे तो शायद ज्यादा बेहतर होगा|
2. प्रेगनेंसी के दौरान इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका भ्रूण पर बुरा प्रभाव पड़ता है|
ये सारे तरीके आपको बिना हताश हुए कम से कम 4 से 6 महीने तक आजमाने हैं|
एक पॉजिटिव बात कहूँ तो बस इतना याद रखिये कि आप सबसे अलग और अपने आप में सबसे बेहतर हो|
और अगर इन तरीकों से स्ट्रेच मार्क्स पर फर्क पड़े या ना पड़े परन्तु कम से कम आप आपना ख्याल तो रख रहे हैं ना|
ये सारे तरीके आजमाने के बाद भी आप नेक्स्ट स्टेप पर जाना चाहते हैं तो डॉक्टर की एक्सपर्ट सलाह के बाद ही करें, अपने आप बिलकुल नहीं|
डॉक्टर ही आपको चेक करने के बाद आपको मौजूदा आप्शन के फायदे, नुक्सान और कीमत के बारे में बताएँगे|
एक्सपर्ट इसलिए भी जरुरी है क्योंकि आजकल कॉस्मेटिक प्रोसीजर बहुत अनक्वालिफाइड लोग भी कर रहे हैं|
स्ट्रेच मार्क्स के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट?
लेज़र और लाइट थेरेपी – Laser and light therapy
नई थेरेपी है और काफी इफेक्टिव भी ,है स्ट्रेच मार्क्स की अपीयरेंस को कम करने के लिए|
पल्सड डाई लेज़रस- Pulsed dye lasers
ये तकनीक कोलेजन के लेवल को बूस्ट करती है| लेकिन ध्यान रहे कि इसके लिए क्वालिफाइड कॉस्मेटिक और स्किन डॉक्टर के पास जाए|
-महंगी है|
-टाइम ज्यादा लगता है|पूरे ट्रीटमेंट में कम से कम 20 सिटींग लग सकती है| (पेशेंस बनाए रखिये)
-20-60% तक इम्प्रूवमेंट हो सकती है|
फ्रेकस्न्ल थेर्मलिसिस-Fractional thermolysis
वैसे तो यह लेज़र ट्रीटमेंट की तरह काम करती है, लेकिन ये थोड़े एरिया पर काम करती है|
माइक्रो–डर्मा–अब्रेजन-Microdermaabrasion
हिंदी अनुवाद करूँ तो “चमड़ी पर छोटी-छोटी चोट
शुगर स्क्रब की तरह नयी स्किन को बढ़ावा देने की कौशिश की जाती है| इसमें छोटे-छोटे क्रिस्टल का इस्तेमाल करके पुरानी स्किन को एक्सफोलिएट कर दिया जाता है|
कुछ लोग इसका होम-वर्जन भी बना लेते हैं जिसमे नारियत तेल को स्किन पर लगाकर हेयर रोलर (hair roller) के साथ हल्की-हल्की मसाज करते हैं| आप भी ऐसा कर रहे हैं तो आराम से सॉफ्ट हैण्ड से कीजिये|
एक्स्सिमर लेज़र स्टीमुलेसन-Excimer laser stimulation
यह तकनीक स्ट्रेच मार्क्स के एरिया में स्किन के अंदर मेलेनिन की प्रोडक्शन को बढ़ा देती है जिसके कारण स्ट्रेच मार्क्स आस-पास की स्किन के रंग के जैसे मैच करने लग जाते हैं| क्योंकि मेलेनिन हमारी स्किन को कलर देने का काम करती है| ज्यादा मेलेनिन मतलब डार्क स्किन|
आखिरकार इतना सब बताने के बाद भी मेरी व्यक्तिगत सलाह आपको यही है कि-
1. एक्सेप्ट कीजिये अपने आप को और अपने स्ट्रेच मार्क्स को (आप अकेले नहीं है) और फिर इन तरीकों पर काम कीजिये| असर कम होगा तब भी आपको अपने आप से प्यार कम बिलकुल नहीं होगा|
2. स्ट्रेच मार्क्स पूरी तरह से ख़तम नहीं होंगे, लेकिन रेगुलर केयर करने से इनकी अपीयरेंस को ठीक करने की कौशिश कर सकते हैं|
3. आपको दुनिया भर के लॉजिक देकर आपको विटामिन सी,विटामिन ए, एंटी-ऑक्सीडेंट खाने के लिए मजबूर किया जाएगा| लेकिन एक बात गाँठ बाँध लीजिये कि आपके शरीर को सप्लीमेंट्स नहीं बल्कि नेचुरल डाइट से मोहब्बत है|
4. कुछ ट्रीटमेंट आप्शन हैं लेकिन बिना एक्सपर्ट की सलाह के अपने आप को इस जाल में ना फसायें तो बेहतर आप्शन है|
ये ब्लॉग सिर्फ़ और सिर्फ़ आम लोगों की जानकारी बढ़ाने के लिए बनाया है ताकि लोगों की हेल्प हो सके और वो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई ट्रीटमेंट अपने आप से शुरू ना कर दे। यह ब्लॉग कोई ट्रीटमेंट प्रिंसक्रिपसन नहीं है। अगर किसी तरह का ट्रीटमेंट शुरू करना चाहते हैं तो वो सिर्फ़ और सिर्फ़ क्वालिफ़ायड डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
उम्मीद करता हूँ कि ये ब्लॉग आपको अच्छा लगा होगा और आपको दूसरे साथियों के साथ शेयर करने के बारे में सोचेंगे।
धन्यवाद
टीम healthkibaat.com
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