क्या आप नहीं चाहते कि “हमारी पावरी हो री है” पे अपना विडियो पोस्ट करें
और हमारे यार दोस्त उसे लाइक करें और पांच दस लोग गाली दें ….
“अबे तू क्या अपने आप को हीरो समझ रहा है…शकल देखी है अपनी ..
आप मिस तो कर ही रहे होंगे अपने दोस्तों की महफ़िल जिसमे टेबल पे रखते हैं
अपना कलेजा और मिल बैठते हैं
NOT CHAAR YAAR… बल्कि बहुत सारे यार ….
पिछले दो साल से तो शादियाँ भी ऐसे हो रही है जैसे कि लड़का-लड़की भागके शादी कर रहे हों ….नो बकेती…
ना ही तो किसी का दिल टूट रहा है (क्योंकि पता ही नहीं चलता कि शादी कब हो गयी ), ना ही शादियों में अब
फूफा रूस रहा है (उनकी टी आर पी वैसे कम हुई पड़ीं है) .
अबे! बच्चे मिस कर रहे हैं अपने स्कूल को ….पकने लग गए हैं स्क्रीन के सामने बैठे बैठे ….
पापा लोग परेशान हो गए हैं …अब बन्दा बाथरूम से तौलिया बाँध के कॉन्फिडेंस से बाहर नहीं निकल सकता.
पता लगे बच्चे कि टीचर ने पापा का फॅमिली पैक देख लिया ..क्योंकि जिम तो बंद हो गए हैं….
और वैसे भी अब बच्चे हर वक़्त घर पे हैं तो “नो हैप्पी टाइम्स”
बिचारी मम्मियों को भी खुसर-फुसर का मौक़ा नहीं मिल रहा है , क्योंकि जब घर से बाहर निकलेगा इंडिया तभी तो
मसाला देगा इंडिया …
पार्कों में बुजुर्ग तो अब अपनी जवानी के दिनों के किस्से किसको बताएं….किसको बताएं कि अगर सब मन का
होता तो जो बच्चे पार्क में खेलने आते हैं उनका दादा वो खुद होता (अब तो उनकी दादी भी आइसोलेट हो रख्खी है) …
ठीक है, पतियों के पैसे बच रहे हैं, क्योंकि अब बीवी को शौपिंग तो करवानी नहीं पड़ती है ….लेकिन भैया वो मजा
भी तो कहाँ मिल रहा है जब बिल आप बीवी के अकाउंट कि बजाय अपने अकाउंट से करते थे और उसके बाद जो
बीवी के चेहरे पे सो भीनी-भीनी स्माइल आती थी ….”हाय मैं मर जावा इस पल पे”….
जरा सोचो यार हम लड़कपन (इसमें लड्किपन भी है …दोनों की ही बात है ये ) में किसी का दीदार मात्र के लिए
हम क्या-क्या जतन करते थे …. तो क्या हम ये चाहते हैं कि हमारे बच्चे अपनी जिंदगी के अहम् पलों को एन्जॉय ही
ना करें ….
सुबह चार बजे दौड़ लगाते नौजवानों को पुलिस और फ़ौज की भर्ती के लिए तैयारी करते कौन नहीं देखना चाहता ..
नयी नौकरी लगने की ख़ुशी को अपने माँ-बाप के चेहरे पे कौन नौजवान नहीं तरस रहा हैं ….
किसी का कोई अपना चला गया और हम दो पल के लिए उसके पास जाके उसका दुःख तक बाट नहीं पा रहे हैं …
किसी को काम, किसी को खाने के लिए, किसी को ऑक्सीजन के लिए, किसी को अस्पताल के लिए तड़पते देखकर…………………………………………………………………………………………………………………………………..
कब तक अफ़सोस करेंगे ..
क्या हम ट्विटर और फेसबुक की दुनिया में ही गुम हो जायेंगे …वहीँ पर बैठे-बैठे ट्रोल करते रहेंगे पूरी दुनिया को …
जरा सोचो ….बच्चे स्कूल, बुजुर्ग पार्क, कोई कोचिंग, कोई अपने कॉलेज,कोई अपनी नौकरी या काम काज पे
निकला है.
आपने इस सन्डे मूवी का प्लान बनाया है .घर का होम मिनिस्टर डिनर बाहर करने के लिए प्रेशर बना रहा है (वो भी
पक जाते हैं यार अपने हाथ का खाना खा-खाके)..
और फिर सन्डे शाम को वही कहना अपने आप से “क्या बोरिंग बकवास जिंदगी है”..कल से फिर वही रूटीन ….
अगर चाहते हैं फिर से वही इंडियनाईजेसन, तो लगवा लीजिये COVID-19 का वेक्सिनेसन
1 मई 2021 से शुरू हो रहा है 18 साल से ऊपर के लोगों में … COWIN और आरोग्य सेतु APP के जरिये रजिस्टर कीजिये ..
वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क बहुत जरुरी है और बाकी सब सावधानियां भी जरुरी है ….दोनों डोज़ लेनी हैं …
प्लीज …….