ये ब्लॉग dental care during pregnancy के बारे में है. आपकी  जिंदगी के अहम् 5 मिनट इस ब्लॉग पर खर्च करके आपको क्या नॉलेज मिलने वाली है और किन सवालों के जवाब मिलेंगें.

  1. क्या dental care during pregnancy का असर आपके बच्चे पर पड़ता है.
  2. कई रिसर्च में माँ की खराब ओरल हेल्थ  का कनेक्शन उसके बच्चे का समय से  पहले जन्म और कम birth weight के साथ पाया गया है.
  3. आपकी खराब ओरल हेल्थ आपके बेबी को बहुत कम उम्र में कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया के संपर्क में लाएगा।
  4. दिन में दो बार ब्रश और एक बार फ्लॉसिंग करके आप अपनी ओरल हेल्थ को बिलकुल दुरुस्त रख सकते हैं.

    dental care during pregnancy

    Poor dental care may lead to low birth weight and preterm baby

चलिए शुरुआत मेरी आप बीती से करते हैं.

Table of Contents

आपको आप बीती पसंद है ना?

जब हमारा बेटा हमारी लाइफ में आने की राह पर था और ऑर्गोजेनेसिस (जिस प्रकिर्या से बेबी के बॉडी पार्ट्स बनते हैं) की प्रक्रिया में था, मैं और मेरी पत्नी बहुत खुश थे और डाइट, एक्सरसाइज और रेगुलर गर्भावस्था देखभाल की प्लानिंग  बनाने में व्यस्त थे.

मेरी पत्नी अपनी ओरल हेल्थ, अपने ब्रश और अपने टूथपेस्ट की क्वालिटी के बारे में बहुत ध्यान देती थी. एक दिन मैंने उनकी अपनी ओरल हेल्थ को लेके इतनी ज्यादा सीरियसनेस को टारगेट करते हुए खुद का बनाया हुआ डायलाग मारते हुए मजाक उड़ाया और कहा

“एक डेंटल सर्जन को हमेशा हर सुबह उठते ही और सोने से पहले अपने दाँत चमकाए बिना जीवन में सूनापन लगता है।”

वह अपने ताजा-ताजा ब्रश किए हुए दांतों से कुछ ऐसे  मुस्कुराई जैसे उनको मेरा मजाक जीरो परसेंट पसंद आया हो. और थोड़ी देर बाद, उसने व्हाट्सएप पर एक रिसर्च आर्टिकल शेयर। यह आर्टिकल कह रहा था…

“गर्भावस्था के दौरान मसूड़े की सूजन और पीरियोडोंटाइटिस समय से पहले जन्म (preterm birth) और जन्म के समय कम वजन (low birth weight) की संभावना को बढ़ा सकता है।”

हर एक समझदार पति (खुद की इतनी शेखी तो बनती है) की तरह मैं तुरंत समझ गया कि वह डेली दो बार ब्रश क्यों करती है और एक बार फ्लॉस क्यों करती है. और फिर बेचारा सा चेहरा बनाके उनसे कहा, “मुझे यह नहीं पता था।” सॉरी..

दोस्तों, अभी तक जिंजीवाईटिस (मसूड़े की सूजन) और पेरियोडोंटाइटिस जैसे वैज्ञानिक शब्दों का इस्तेमाल करने  के लिए मुझे खेद है. चिंता मत करो, मैं जल्द ही इसे समझाऊंगा. लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि जल्दी जन्म ( Preterm birth) और कम वजन के बच्चे (low birth weight) जैसे शब्द, वो भी ओरल हेल्थ की वजह से, आपके लिए चिंताजनक होंगे।

ब्लॉग में आगे बढ़ने से पहले, मैं आपको मेरी पत्नी और खुद से मिलवाता हूं. यह इस ब्लॉग के लिए आवश्यक है. तभी गर्भावस्था से जुडी देखभाल के इस इम्पोर्टेन्ट मुद्दे की आवश्यकता को अच्छी तरह से समझा जा सकेगा।

dental care during pregnancy

dental care during pregnancy is the combined responsibility of the couple

मैं डॉक्टर ऑफ मेडिसिन हूं, और मेरी पत्नी डेंटल सर्जन हैं. हमारे स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान किसी ने हमें दंत चिकित्सा के बारे में गंभीरता से नहीं सिखाया. हालांकि डेंटल कॉलेज में 15 दिन की पोस्टिंग लगाना जरुरी थी.

शायद उस वक़्त तक इस तरह की रिसर्च कम थी जो ये बता सके कि माँ की खराब ओरल हेल्थ का बुरा प्रभाव बच्चे पर पड़ेगा. इस बात पर भी रिसर्च नहीं थी कि खराब ओरल हेल्थ का नाता डायबिटीज, हाई बी पी, स्तंभन दोष (तनाव कम आना), स्ट्रोक, आदि जैसे कई अन्य स्वास्थ्य रोगों से होता है.

आज के समय में प्रेगनेंसी से पहले, प्रेगनेंसी के दौरान और बाद में रेगुलर ओरल केयर की जरुरत पर प्रकाश डालने वाले बहुत सारे रिसर्च हो चुके हैं. लेकिन अब सवाल यह है कि  dental care during pregnancy  कैसे करें।

इसके लिए हम आपके साथ हैं।

इस ब्लॉग के जरिये मैं साझा करूंगा कि मेरी वाइफ ने मुझे इस बारे में क्या सिखाया और इसके बारे में क्या गाइडलाइन्स है और क्या-क्या रिसर्च मौजूद है. अब एक कमाल की बात बताता हूँ आपके बारें में.

आप यहाँ तक 600 से ज्यादा शब्द पढ़े हैं और आपके इस इंटरेस्ट की वजह से हमारी मोरल रेस्पोंसिबिलिटी बढ़ जाती है कि आपको अपने समय का सही हक मिले.

ज़िन्ज़िवाईटिस और पेरियोडोंटाइटिस के बारे में थोडा सा बेसिक समझते हैं

हमारे दांत ऊपर और नीचे के जबड़ों की हड्डियों में फिक्स होते हैं. इनको फिक्स करने के लिए कुदरत ने कई तरह के मजबूत टिश्यू लगाए हैं. यूँ कहिये कि मजबूत सीमेंट लगाई है. इनको कवर करने के लिए मसूढ़े बनाए हैं.

dental care during pregnancy

gingivitis leads to periodontitis if left untreated

जब हम अपनी डेंटल केयर सही से नहीं करते हैं तो बैक्टीरिया की ग्रोथ हो जाती है, जो सबसे पहले सीमेंट को नुक्सान पहुंचाते हैं. उसके बाद मसूढ़ों में सूजन, मुँह में बदबू और सही टाइम पर इलाज़ ना करवाया जाए तो धीरे-धीरे करके मसूढ़ों से ब्लीडिंग भी होने लगती है. इसको बोलते हैं ज़िन्ज़िवाईटिस (GINGIVITIS).

अगर GINGIVITIS का  इलाज़ ना करवाया जाए तो फिर ये जबड़ों की हड्डियों को नुक्सान पहुंचाना शुरू कर देते हैं. बाद में जाकर दांत खोखले होने लगते हैं. इसको बोलते हैं पेरियोडोंटाइटिस.

अब हम आगे कि बात करते हैं.

क्या भविष्य में भी हमारे आर्टिकल पढेंगे? अच्छा लगा आपके मन में हाँ सुनकर..

dental care during pregnancy इतनी इम्पोर्टेंट क्यों है?

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जैसा कि आप ज़िन्ज़िवाइटिस (मसूढ़ों की सूजन) और पीरियोडोंटाइटिस को समझ चुके हैं. आप यह भी समझ चुके होंगे कि अच्छी ओरल हेल्थ केयर करने से  हड्डियों की क्षति (पीरियडोंटाइटिस)होने से पहले रोका जा सकता है. अगर ज़िन्ज़िवाइटिस का सही से मैनेजमेंट हो जाए तो बचाव किया जा सकता है.

लेकिन आगे की लाइनें पढ़कर हैरानी होगी…

“सीडीसी की रिपोर्ट है कि 60-75% प्रेग्नेंट महिलाओं को ज़िन्ज़िवाइटिस (मसूड़े की सूजन) है।”

रिप्रोडक्टिव ऐज (बेबी पैदा करने की उम्र) की लगभग एक चौथाई महिलाओं में जिंजीवाइटिस होता है और ये प्रेगनेंसी  के दौरान बढ़ जाता है।यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो उनके बच्चों में कैविटी विकसित होने का तीन गुना अधिक जोखिम होता है. ये परेशानियां बच्चे की स्कूल अत्तेंदेंस पर भी प्रभाव डालती है.

कोई भी कपल्स नहीं चाहता कि उनका बच्चा समय से पहले पैदा हो या कम वजन के साथ पैदा हो। हर समझदार और प्यार करने वाला कपल्स प्रेगनेंसी को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कोशिश करता है.

लेकिन जिस प्रॉब्लम के बारे में उनको ज्यादा पता ही नहीं है, तो उसके बारे में वो क्या कर सकते हैं. यही वजह है की ओरल हेल्थ केयर को हमेशा पीछे की सीट लेनी पड़ती है. हमारे देश भारत में तो ये बिलकुल ही गाडी की डिग्गी में पहुँच जाती है, क्योंकि हमारे यहाँ प्रेगनेंसी के दौरान दांतों और बालों का झड़ना, दांतों से खून आना, मसूड़ों की  सूजन को एब्नार्मल नहीं माना जाता है.

और इससे भी बड़ी बात के बारे में भी लोग अवेयर नहीं है कि जन्म के एक साल के भीतर मरने वाले शिशुओं की मृत्यु के सबसे बड़े कारण है – समय से पहले जन्म (preterm डिलीवरी) और जन्म के समय कम वजन (low birth weight).

इस ब्लॉग को अंत तक पढने के लिए यह कारण काफी है ना.

तो क्या आप मेरे साथ चलने के लिए तैयार हैं?

प्रेगनेंसी में स्ट्रेच मार्क्स भी एक इम्पोर्टेन्ट इशू है. इसको कम करने के तरीकों के बारे में डिटेल यहाँ से पढ़ें  

जिंजीवाइटिस Gingivitis  की पहचान कैसे करें?

ब्रश करने के बाद आईने में देखकर आप इसे जल्दी से पहचान सकते हैं।

-ब्रश करने के बाद भी आपकी सांसों से बदबू आती है.

dental care during pregnancy

denal care during pregnancy should be part of Good ANC

-मसूड़े से किसी भी तरह के खून आना: हल्के से ब्रश करने पर भी

-लालिमा या सूजन: यह मसूड़े की रेखा के साथ मौजूद होता है।

-मसूड़ों में कोमलता (टच करने पर दर्द)

-मसूड़े चमकदार दिखते हैं

-मसूड़े की रेखा के साथ मवाद

-आपके दांत लंबे दिखाई दे सकते हैं।

गर्भावस्था के ट्यूमर को कैसे संभालें?

dental care pregnancy

प्रेगनेंसी ट्यूमर का नाम ही डरावना है. यह डिलीवरी के बाद अपने आप ठीक हो जाता है.(Image courtesy: www.hindawi.com)

ज़िन्ज़िवाईटिस और पेरियोडोंताईटिस के अलावा प्रेगनेंसी ट्यूमर नाम की प्रॉब्लम भी प्रेगनेंसी में हो जाती है. प्रिय फ्रेंड, कृपया अपने दिल से कहें कि घबराएं नहीं। ट्यूमर शब्द खतरनाक लग सकता है, लेकिन इसका मतलब कैंसर नहीं है।

प्रेगनेंसी ट्यूमर ओर कुछ नहीं बल्कि दांतों के बीच फंसे भोजन की वजह से होने वाली एक तरह की रिएक्शन है. यह 10% प्रेग्नेंट महिलाओं में होता है. दांतों के बीच मसूड़े के हिस्से पर गांठ बन जाती है और ब्रश करने पर आसानी से लाल हो जाती है.

अच्छी बात यह है कि ज्यादातर में डिलीवरी के बाद ये अपने आप ही गायब हो जाती हैं। लेकिन कुछ मामलों में, अगर वे नहीं जाती हैं तो उन्हें डिलीवरी के बाद हटाना पड़ सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि

क्योंकि डिलीवरी के दौरान अगर इसको हटा दिया जाए तब भी आधे लोगों में फिर से हो जाएगा. इसलिए डिलीवरी तक इंतजार करना ज्यादा सही रहेगा. अब यह समझने का सही समय आ गया है कि प्रेगनेंसी में ज़िन्ज़िवाइटिस (मसूड़े की सूजन) और पीरियोडोंटाइटिस का क्या कारण है

Pregnancy में ज़िन्ज़िवाईटिस और पेरियोडोंताईटिस क्यों होती है?

ब्रश करने की खराब आदतों के साथ, तीन कारण आपके ओरल कैविटी को ओरल कैविटी में बैक्टीरिया के विकास के प्रति संवेदनशील बनाते हैं जिससे सभी समस्याएं होती हैं।

हार्मोनल, डाइट, वोमिटिंग

During pregnancy hormonal changes

मुझे पता है कि यह आपके लिए कोई अजीब बात नहीं है। और आपको गर्भावस्था के दौरान एक महिला में होने वाले बदलावों के बारे में पता होना चाहिए. जब एक महिला गर्भ धारण करती है, तो उसके और बच्चे के बीच की कड़ी, जिसे प्लेसेंटा के रूप में जाना जाता है, कुछ हार्मोन बनाती है.

इन हार्मोनों में, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का शरीर में होने वाले बदलावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन मसूड़ों सहित शरीर के अंगों में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है। इसलिए मसूड़े लाल हो जाते हैं. ये सारे बदलाब कुछ बैक्टीरिया, जैसे की स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स (streptococcus mutans) जो प्लाक पैदा करते हैं, की संख्या को बढाने में मदद करते हैं.

यह हार्मोनल प्रभाव प्रेगनेंसी के  दूसरे महीने से आठ महीने तक होता है. प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में ये सारे बदलाव चरम सीमा पर होते हैं.

देखिये, आप अपने ओरल हेल्थ को ठीक रखने के लिए इन हार्मोनल बदलावों के बारे में तो कुछ नहीं कर पायेंगे. बल्कि आप कोई बदलाव करना भी नहीं चाहेंगे, जब आपको पता चलेगा की इन हार्मोनों के कारण ही आप एक नए जीवन को जन्म देने में सक्षम हैं.

प्रोजेस्टेरोन गर्भावस्था को बनाए रखता है, जिसका अर्थ है कि यह गर्भपात का कारण बनने वाले कारकों का विरोध करता है. तो फिर क्या कर सकते हैं?

तो एक चीज जो आप कर सकते हैं. वह यह है कि इन शारीरिक बदलावों को समझें और ओरल हेल्थ को ठीक रखें. क्योंकि इन हॉर्मोन की वजह से कई तरह के बदलाव आयेंगे. इन बदलावों में ही छुपा है वो मन्त्र जो आपकी ओरल हेल्थ को ठीक रखने में मदद करेगा.

आपके खाने के व्यवहार में बदलाव

हो सकता है कि आप उन खाने की चीजों को पसंद करना शुरू कर दें जिन्हें आपने कभी चखा भी नहीं है, और आपको उन खाद्य पदार्थों से इतनी नफरत हो सकती है जिनको आप खाए बिना रह नहीं सकते थे. प्रेगनेंसी के दौरान बार-बार कुछ न कुछ खाने का मन करता है और शुरूआती कुछ महीनों के दौरान कई महिलाओं को कार्बोहाइड्रेट रिच डाइट पसंद होती है।

dental care during pregnancy

low sugar diet reduce growth of plaque causing bacteria

मतली और उल्टी (मोर्निंग सिकनेस)

हमारे दांतों की बाहरी कवरिंग को इनेमल कहते हैं और यह शरीर का सबसे मजबूत हिस्सा होता है. यह आपके दांतों को ताकत और चमक देता है. लेकिन गर्भावस्था में उल्टी (मॉर्निंग सिकनेस) जो ज्यादातर पहले तीन महीनों के दौरान होती है, वह इनेमल को नुकसान पहुंचाती है.

क्योंकि उल्टी में आपके पेट से निकला एसिड होता है, जो इनेमल को नुकसान पहुंचाता है. प्लाक पैदा करने वाले बैक्टीरिया के लिए तो यह एक फेस्तिवेल के जैसे होता है. ये बैक्टीरिया उस जगह पर  अपना घर बनाता है, जिससे कैविटी हो जाती है। ये बैक्टीरिया एसिड की मात्र को और बढाते हैं जिससे इनेमल को ओर ज्यादा नुक्सान पहुंचाते हैं.

आप एक ग्रेट रीडर हैं और  आपका यह उत्साह हमें प्रेरित करता है।

हम समझते हैं कि अभी तक आप www.healthkibaat.com के ब्रांड एंबेसडर बन गए हैं, जो जरुरत पड़ने पर किसी को भी ज़िन्ज़िवाईटिस और पीरियोडोंटाइटिस के ऊपर एक लम्बी चौड़ी क्लास ले सकते हैं.

हुर्रे !!!

दोस्तों, अब हम सब एक ही फ्लोर पर पहुँच गए हैं. अब हम मिलकर इन टंग ट्विस्टर शब्दों ,ज़िन्ज़िवाईटिस और पीरियोडोंटाइटिस, को रोकने के तरीकों के बारे में बात कर सकते हैं.

तो, दोस्तों हमारे साथ बने रहें।

How to do dental care during pregnancy

प्रेगनेंसी के दौरान दांतों की देखभाल कैसे करें?

प्रेगनेंसी के दौरान दांतों की अच्छी देखभाल के लिए सबसे पहली और मोस्ट इम्पोर्टेन्ट बात यह है कि प्रेगनेंसी के दौरान दांतों का गिरना सामान्य नहीं है।

माइंडफुल ब्रशिंग (ध्यान्म्य ब्रश)

आपको ध्यानपूर्वक ब्रश करने की आवश्यकता क्यों है? आइए इसे समझते हैं।

dental care during pregnancy

– अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश करें और एक बार फ्लॉसिंग करें (फ्लोस्सिंग से दांतों के बीछ फसा खाना बाहर निकल जाता है): यूँ कहिये की सोने से पहले आखिरी चीज और सुबह सबसे पहले।

दरअसल, हम अपने मुंह में बैक्टीरिया के पनपने का मौक़ा नहीं देना चाहते हैं। और यह तो तभी हो सकता है जब हम अपने मुंह में अटका हुआ भोजन छोड़े ही ना. ना रहेगा खाना और ना ही होगी बैक्टीरिया की पार्टी. लेकिन उसके लिए आपको कम से कम 2 मिनट तक सही तरीके से ब्रश करना होगा.

कृपया सावधान रहें: आपकी ओरल कैविटी को भी उतनी ही कोमलता से पेश आयें जितनी कोमलता के साथ आप अपने चेहरे के साथ पेश आते हैं. इसलिए धीरे-धीरे सॉफ्टनेस से ब्रश करें।

प्रेगनेंसी के शुरूआती महीने में कुछ फीमेल को गैग रिफ्लेक्स की समस्या होती है. ब्रश करने की कौशिश मात्र से ही उलटी आने को हो जाती है. या कुछ को टूथपेस्ट से बनाने वाले झाग से परेशानी होती है. अगर आपको गैग रिफ्लेक्स की दिक्कत है तो सुबह ब्रश करने में देरी कर सकते हैं. प्रेगनेंसी के शुरुआती महीनों और पहली प्रेगनेंसी में यह प्रॉब्लम ज्यादा होती है।

आप चाहो तो बिना टूथपेस्ट के ब्रश करने की कोशिश करें. या ऊँगली पर पेस्ट लगाकर भी कौशिश कर सकते हैं. बाद में नास्ता करने के कुछ देर के बाद प्रॉपर ब्रश कर सकते हैं. इस तरह आप नाश्ते के बाद तरोताजा महसूस करेंगे.

लेकिन याद रखें-

– खाना खाने के तुरंत बाद कभी भी ब्रश न करें क्योंकि इससे आपके इनेमल को नुकसान हो सकता है जो हम नहीं चाहते. आपको 45 मिनट से 1 घंटे तक इंतजार करना चाहिए और इनेमल को फिर से सख्त होने देना चाहिए.

-यदि मॉर्निंग सिकनेस के कारण आपको उल्टी हो रही है, तो एसिड को बेअसर करने के लिए पानी से कुल्ला जरुर करें. बेहतर होगा कि आप ताजगी पाने के लिए तुरंत ब्रश न करें क्योंकि एसिड पहले से ही इनेमल को नुकसान पहुंचा रहा है. और इस समय ब्रश करने से आपके इनेमल को और नुकसान होगा. और इनेमल को नुक्सान कैविटी को बुलावा हो सकता है.

मुझे लगता है कि 1 घंटे प्रतीक्षा करने का यह एक अच्छा कारण है.

प्रेगनेंसी में इरिटेटिंग गैग रिफ्लेक्स के लिए क्या करें?

अगर गैग रिफ्लेक्स आपको लगातार परेशान कर रहा है, तोकुछ लोगों के लिए छोटे बच्चों के सॉफ्ट ब्रश मददगार हो सकते हैं. आप केवल अपनी उंगली से पेस्ट भी कर सकते हैं या केवल ब्रश से सफाई करने के बाद एक टूथपेस्ट की एक छोटी सी परत लगा सकते हैं.

अब आप कहोगे कि आप तो माइंडफुल बब्रशिंग की बात कर रहे थे, लेकिन अभी तक जो बताया उसमे माइंडफुल क्या है? पिछले दांतों की सफाई करते समय आप अपनी सांसों पर ध्यान दें.

सांस अंदर लें

साँस छोड़ो

अरे वाह, बढ़िया..आपने तो इसे पढ़ते-पढ़ते ही अपनी सांस पर ध्यान लगाना शुरू कर दिया.

यह ब्रश करते समय गैग रिफ्लेक्स या मतली की फीलिंग को कम करने में मदद करेगा, और आप आसानी से अपने दांतों को साफ कर पायेंगे।

सुबह उल्टी हो तो क्या करें?

आप शायद जानते नहीं है कि आपकी उल्टी में बहुत सारे एसिड होते हैं जो इनेमल को नुकसान पहुंचाते हैं. इन एसिड के प्रभाव को कम करने के लिए उल्टी के बाद आप बेकिंग सोडा से कुल्ला कर सकते हैं.  इसके लिए आपको करना क्या होगा?

आप एक कप पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं और धीरे-धीरे मुंह में सॉफ्टली कुल्ला करके इसे थूक दें। यह आपके दांतों को एसिड से बचाएगा। ऐसा करने के 1 घंटे बाद टूथपेस्ट से ब्रश करें.

ब्रश करने के बाद आपको क्या नहीं भूलना चाहिए?

ब्रश करने के बाद, शीशे में अपने दांतों पर पूरा ध्यान दें. किसी भी मसूड़े की लाली, कोमलता (स्पर्श करने पर दर्द), मसूड़े की सूजन, ब्रश के ब्रिसल्स पर खून के लिए रेगुलर इंस्पेक्शन करने से समस्या की पहचान करने में मदद मिलेगी.

बैक्टीरिया को दूर रखने के लिए आप दिन में क्या कर सकते हैं?

प्रेगनेंसी में न्यूट्रीशन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए थोड़ा और बार-बार भोजन करना ज्यादा जरुरी है. ऐसी सिचुएशन में मुंह में एसिड की मात्रा को कम रखने के लिए आप जाइलिटोल-आधारित गम (Xylitol based gum) चबा सकते हैं.

यह गलती बिलकुल नहीं करना है

यदि आप पहले से ही किसी रूट कैनाल ट्रीटमेंट से गुजर चुके हैं और क्राउन लगवाना चाह रहे हैं, तो उस तरफ गम को चबाने से बचें। ऐसा ना करने से जो फिलिंग है वह गम के साथ चिपक सकती है और बाहर निकल सकती है.

प्रेगनेंसी के दौरान आपको किस तरह की डाइट अधिक खानी चाहिए

मुझे लगता है कि प्रेगनेंसी जैसी स्पेशल सिचुएशन के लिए सिर्फ हेल्थी डाइट कहना इतना सटीक सा नहीं लगता है. चूंकि प्लाक बनाने वाले बैक्टीरिया को एसिड बनाने के लिए चीनी की आवश्यकता होती है जो हमारे इनेमल को नुकसान पहुंचाते हैं, वे हमेशा सुगर वाले खाद्य पदार्थ चुनते हैं.

मैं समझता हूं कि सुगर खाने की क्रेविंग (तृष्णा) इस ऊपर दी गई साइंटिफिक जानकारी को प्रैक्टिकल में आने से रोकती है. सभी सुगर रिच फूड्स जैसे फलों के रस, कैंडी, कुकीज़, केक आदि को हेल्थी खाने की चीजों के साथ बदलने की कौशिश कीजिये (आप सूची जानते हैं, है ना?) लो सुगर फूड्स हमारे मुंह की कैविटी को प्लाक बनाने वाले बैक्टीरिया के लिए कम पसंदीदा बना देता है.

dental care during pregnancy

healthy diet is very important for good oral health

हेल्थी खाने की चीजों का मतलब है कम सुगर वाले फ़ूड प्रोडक्ट्स जैसे कच्चे फल, सब्जियां, बिना चीनी के दही, पनीर आदि। ये आप्शन आपको हेल्थी स्नैकिंग में मदद करेंगे. ऐसा करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप हेल्थी फ़ूड आप्शन को अपनी नज़र के सामने रखें जैसे कि किचेन में, खाने की टेबल पर.

इनके अलावा, whole ग्रेन, डेयरी प्रोडक्ट, मांस, मछली, फलियां, नट्स और फाइबर आदि खाने की चीजों को प्रायोरिटी पर रखना चाहिए।

कहने का मतलब है कि आपके मुँह में जाने वाला निवाला कम फैट और कम नमक, और  न्यूट्रीशन से भरा होना चाहिए.

याद रखें: आपको दूध या कैल्शियम युक्त भोजन और आयरन सप्लीमेंट के बीच अंतर रखना चाहिए। दोनों एक साथ लिए गए आपके अच्छे दोस्त नहीं हैं। एक दुसरे के प्रभाव को कम कर सकते हैं.

प्यास लगने पर सबसे अच्छे विकल्प क्या हैं?

प्यास लगने पर फलों के जूस, कार्बोनेटेड पानी की जगह सिंपल पानी या दूध सबसे अच्छा विकल्प है. यदि आप मिनरल वाटर पी रहे हैं तो हमेशा पानी में फ्लोराइड की मात्रा से अवगत रहें क्योंकि फ्लोराइड आपके दांतों और आपके बच्चे के लिए आवश्यक है.क्योंकि गर्भ में ही बच्चे के दांत बनने शुरू हो जाते हैं. और उसके लिए फ्लोराइड आवश्यक है, और आपके द्वारा पीया जाने वाला फलोराइड ही उसके लिए एकमात्र स्रोत हैं.

पानी आपको हाइड्रेटेड रखता है, और आपको दिन भर में पानी को घूंट-घूंट करके पीना चाहिए, खासकर भोजन के बीच। एक बोतल रखें ताकि आपको पानी की मात्रा के बारे में पता रहे. प्रेगनेंसी में हार्मोनल बदलाव आपके मुँह की लार के उत्पादन को कम करते हैं जो बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ावा देता है, और उसको कम करने के लिए पानी एक बेहतर विकल्प है।

डेली रूटीन में फॉलो करने के लिए नार्मल टिप्स क्या हैं?

सॉफ्ट ब्रिसल्स वाले टूथब्रश का उपयोग करें और इसे हर तीन महीने या उससे पहले बदल दें यदि इसके ब्रिसल्स खराब हो गए हैं. अपने ब्रश को परिवार में दूसरों के ब्रश से अलग रखें, और इसे किसी के साथ साझा न करें.

सुनिश्चित करें कि टूथपेस्ट में फ्लोराइड की मात्रा है. इसके लिए अपने डॉक्टर से आप्शन के बारे में डिस्कस करना चाहिए. क्योंकि कुछ-कुछ एरिया में पीने के पानी में पहले से ही फ्लोराइड की मात्रा होती है, खासकर जब आप ग्राउंड वाटर पी रहे हों(हैंडपंप, ट्यूबवेल, कुएं का पानी).

हमेशा ज्यादा गर्म और ज्यादा ठंडी चीजों को पीने या खाने से बचें. मुंह की गंध या मसूड़ों या सनसनी (झुनझुनाहट) में कोई बदलाव महसूस हो, तो अपने डॉक्टर को रिपोर्ट करें. ब्रश करने के बाद भी मुंह से स्मेल आना इशारा है कि आपकी ओरल हेल्थ अच्छी नहीं है.

अब बात करते हैं कुछ ख़ास सवालों के बारे में जो प्रेगनेंसी और ओरल हेल्थ से रिलेटेड है और जो ज्यादातर लोगों के दिमाग में आते हैं.

FAQ related to dental care during pregnancy

गर्भावस्था के दौरान मसूड़े की सूजन (ज़िन्ज़िवाइटिस) से बचने के लिए डेंटल चेक-अप का सबसे अच्छा समय क्या है

बेहतर होगा कि आप प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले ही दांतों की ख़ास देखभाल शुरू कर दें.  ताकि गर्भधारण करने से पहले यदि कोई समस्या हो तो आप और आपके डॉक्टर उसका समाधान कर सकें.

अपने डॉक्टर को अपनी प्रेगनेंसी के स्टेटसके बारें में बताना कभी न भूलें. साथ ही, आप जो दवाएं या जरुरी सप्लीमेंट ले रहे हैं उनकी एक लिस्ट हमेशा अपने साथ रखें और इसे अपने डेंटल डॉक्टर को दिखाएं. इसके अलावा, अगर आपको किसी भी तरह की एलर्जी की हिस्ट्री है तो इसके बारे में भी अपने डॉक्टर को जरुर मेंशन करिए.

प्रेगनेंसी के दौरान कितनी बार डेंटल चेक-अप करवाना काफी रहता हैं?

आपको पहले तीन महीनों में दो बार जाना चाहिए क्योंकि मॉर्निंग सिकनेस और उल्टी आपके दांतों को प्रभावित कर सकती है. यह हार्मोनल चेंजिज के कारण मसूड़े की सूजन के लिए शुरुआती समय है.

दूसरी तिमाही में एक विजिट, और यदि कोई प्रोसीजर पेंडिंग है, तो यह आपके और आपके बच्चे के लिए सुरक्षित समय रहेगा.

तीसरी तिमाही के दौरान दो विजिट कीजिये ताकि किसी भी तरह के बदलाव या प्रॉब्लम से निपटा जा सके.

क्या प्रेगनेंसी के दौरान डेंटल एक्स-रे सुरक्षित हैं?

जी हां!

इसमें कोई शक नहीं है कि अगर आपके पेट के एरिया पर x-ray आएगी तो बच्चे को रेडिएशन  एक्सपोज़र का खतरा होता है. गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में यह क्षति सबसे अधिक होती है, क्योंकि ऑर्गेनोजेनेसिस (बेबी के बॉडी पार्ट बनना) चल रहा होता है, और रेडिएशन के संपर्क में आने से बच्चे के शरीर के हिस्से में समस्या हो सकती है.

लेकिन ज्यादातर डेंटल एक्स-रे में, रेडिएशन एक्सपोज़र बहुत कम होता है, और आपका डॉक्टर आपके थायरॉयड और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए एक कॉलर या चादर भी लगाएगा.

प्रेगनेंसी के दौरान दांतों के दर्द के लिए कौन सा पेनकिलर सेफ रहता है?

कोई भी दवा लेते समय केयरफुल रहें, चाहे वह पैन-किलर हो, कोई सप्लीमेंट हो या किसी बीमारी का इलाज हो.

कोई भी दवा आपके बच्चे को डायरेक्टली प्रभावित करेगी, इसलिए हमें समझदारी से चूज करने की जरूरत है. गर्भावस्था के दौरान आपके लिए पैरासिटामोल सबसे सेफ पैन किलर है. दर्द निवारक दवाएं जो एनएसएआईडी-NSAIDs (एस्पिरिन, इबुप्रोफेन) समूह से संबंधित हैं, बच्चे के दिल में समस्या पैदा कर सकती हैं.

प्रेगनेंसी के दौरान लोकल अनेसथेसिया के इस्तेमाल की सेफ्टी के बारे में क्या कहना है ?

कुछ डेंटल प्रोसीजर को करने के लिए लोकल अनेसथेसिया की आवश्यकता होती है. इससे प्रोसीजर के दौरान दर्द की फीलिंग को रोकता है. यदि आवश्यक हो तो इसका उपयोग किया जा सकता है क्योंकि यह सुरक्षित है. आप बेहोश नहीं होओगे और बच्चे को भी प्रभावित नहीं करेगा. इससे आपका चेहरा तो कुछ देर तक सुन्न रहेगा, लेकिन कोई चिंता की बात नहीं होती है.

यदि बहुत जरुरी हो, तो प्रेगनेंसी के दौरान कौन सी डेंटल प्रोसीजर करवाई जा सकती है?

दूसरी तिमाही (प्रेगनेंसी के 4th से 6th month) में कैविटी फिलिंग और क्राउनिंग की जा सकती है.प्रेगनेंसी के आखिरी महीनों में ऐसा करना मुश्किल होगा क्योंकि गर्भवती महिलाओं के लिए लंबे समय तक लेटना मुश्किल होगा.

गर्भावस्था के दौरान ओरल हेल्थ के लिए कौन से सप्लीमेंट अच्छे हैं?

यह आपके हेल्थ स्टेटस पर डिपेंड करता है; हालांकि, कुछ रिसर्च के सही ओरल हेल्थ बनाए रखने के लिए विटामिन सी और विटामिन डी, और कैल्शियम की भूमिका के बारे में बताया है. मेरा सुझाव है कि आप उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श के बिना कभी भी नहीं लेना चाहिए, खासकर प्रेगनेंसी के दौरान.

ठीक है, दोस्तों, ब्लॉग के अंत तक मेरे साथ रहने वाले एक awesome रीडर होने के लिए धन्यवाद, और इससे आपके साथ लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप की भावना पैदा हुई है मेरे मन में. यदि आप भी ऐसा ही फील कर रहे हैं ,तो क्या आप इस ब्लॉग के बारे में फीडबैक देंगें.मोटिवेशन मिलेगा आपको बेहतर सर्व करने के लिए.

अगर इस ब्लॉग को पढने वाला रीडर एक हस्बैंड है, तो इसे अपने जीवन साथी के साथ शेयर  करें और यदि आप खुद एक प्रेग्नेंट महिला हैं, तो अपने पति से इसे आपके लिए पढ़ने के लिए कहें.

धन्यवाद

जल्द ही फिर मिलेंगे।