अगर किसी अनपढ़ से भी पूछोगे तो वो भी जानता होगा cholesterol के बारे में.
उसको यहाँ तक भी शायद पता हो कि घी खाने से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है.
इनके अलावा और बहुत सी जानकारियाँ पता होगी इस ख़ास तरह के फेट या वसा या चर्बी के बारे में.
लेकिन ये जरुरी नहीं कि वो सारी जानकारियाँ साइंटिफिक भी हो.
हो सकता है कि उनमे से ज्यादातर मात्र भ्रांतियां ही हो.
आज के इस ब्लॉग में हम बात करने वाले हैं cholesterol से जुडी उन top 5 भ्रांतियों के बारें में जिनको लोग सच मानते हैं.
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cholesterol के बारे में थोड़ी सी इंट्रोडक्शन
हालांकि कोलेस्ट्रॉल को ज्यादातर बुरी नज़र से ही देखा जाता है और इसको हमारे दिल का दुश्मन समझा जाता है.
लेकिन यह सच नहीं है.
कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर की कोशिकाओं के लिए बहुत आवश्यक है
और इसी वजह से हमारी शरीर की कौशिकायें कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करती रहती है.
लेकिन जब यही कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में जरुरत से ज्यादा हो जाए
तो फिर ये धमनियों और दिल पर प्रभाव डालना शुरू कर देता है.
शरीर में मौजूद वसा, कैल्शियम को अपने साथ मिला लेता है और फिर तो धीरे-धीरे से
इंसान को लकवे और दिल के दौरे कि तरफ ले जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संघठन के अनुसार इस दुनिया में लगभग 25 लाख से ज्यादा लोगों के शरीर में cholesterol level ज्यादा होता है.
और जब कोई भी प्रॉब्लम इतने ज्यादा लोगो में होती है तब तो वाजिब है कि उनके अंदर तरह तरह की भ्रांतियां भी होगी.
तो आइये इन्ही के बारे में बात करते हैं.
क्या सभी तरह के cholesterol शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं?
अगर मैं ये कहूँ कि बिना cholesterol के आपका शरीर विटामिन डी, होर्मोन जैसी अति आवश्यक चीजें बना ही नहीं पायेगा,
तो क्या फिर भी आप सभी तरह के cholesterol को बुरा भला कहेंगे.
नहीं ना..
कोलेस्ट्रॉल का नुक्सान पहुंचाना हमारे मॉडर्न लाइफ स्टाइल की वजह से है.
हमारा शरीर आदिकाल से ही इस तरह का है जिसको भोजन के आभाव में एडजस्ट करने की आदत है.
लेकिन जब इसी शरीर को जरुरत से ज्यादा भोजन उपलब्ध हो जाए और वो भी ख़ास तरह का, तभी cholesterol दुश्मन बन जाता है.
शरीर में cholesterol को ट्रांसपोर्ट करने के लिए कुछ तत्व होते हैं जो प्रोटीन और फैट के मिलन से बनते हैं.
इनको लेपोप्रोटीन कहा जाता है.
जो लेपोप्रोटीन cholesterol को लीवर से निकाल कर शरीर की विभिन्न कोशिकाओं तक ले जाता है, जहां इसका इस्तेमाल अलग अलग
किर्याओं में होता है, उसको LDL कहा जाता है. इसी को बाद cholesterol के नाम से जानते हैं. इसी का भाई बंधू होता है, VLDL.
इनकी मात्रा जितनी ज्यादा उतना ही कोलेस्ट्रॉल शरीर की कोशिकाओं में आएगा.
एक होता है, HDL जिसको हम कहते हैं दोस्त कोलेस्ट्रॉल ,
क्योंकि यह हमारे कोशिकाओं से कोलेस्ट्रॉल को लीवर के अंदर लेकर आता है.
इसलिए यह कहना बिलकुल गलत है कि सभी कोलेस्ट्रॉल नुकसानदायक होते हैं.
अब आप इसे याद रखेंगे ना.
जिनका वजन नार्मल होता है, उनके अंदर cholesterol level normal होता है.
अगर मोटे तौर पर समझे तो लगेगा कि वजन अगर नार्मल है तो कोलेस्ट्रॉल भी नार्मल ही होगा.
जितना ज्यादा फैट खायेंगे उतना मोटे होंगे और उतना ही कोलेस्ट्रॉल बढेगा.
यही लगता है ना?
लेकिन ये पूरी तरह सही नहीं है.
इसको समझना जरुरी है क्योंकि यही नजरअन्दाजगी को जन्म देती है.
हाई cholesterol के कुछ कारण ठीक नहीं किये जा सकते हैं जैसे कि
बढती उम्र
आपका जेनेटिक मेक-अप- कुछ लोगो में अनुवाशिक तौर पर बढ़ता है.
इसके अलावा हर दो सौ लोगों में से किसी एक को फेमिलियल हाइपर-कोलेस्ट्रॉइमिया
नाम की बिमारी होती है.
हाई cholesterol के कुछ कारण आप खुद कण्ट्रोल कर सकते हैं.
पूरी नींद
सही एक्सरसाइज
सही डाइट
सही थाइरोइड फंक्शन
क्योंकि cholesterol सिर्फ वजन पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि और बहुत से कारणों पर निर्भर करता है.
इसलिए यह जरुरी नहीं कि आपका वजन ज्यादा है तो कोलेस्ट्रॉल भी ज्यादा होगा
और अगर वजन नार्मल है तो cholesterol भी नार्मल होगा.
अगर cholesterol ज्यादा होगा तो लक्षण तो आयेंगे ही.
इस बात से तो आप इतेफाक रखोगे कि बहुत बार आपके जानने वालों में किसी न किसी की मौत अचानक से हार्ट अटैक से हो गयी.
उसके बाद चर्चा का विषय ये हो जाता है कि वह तो बिलकुल स्लिम-ट्रिम थे.
उनको तो किसी तरह की कोई दिक्कत ही नहीं थी.
जिन लोगो में cholesterol नुक्सान पहुंचाना शुरू करता है
उनमे यह बहुत ही चुपचाप तरीके से धमनियों में इकठा होता रहता है.
जब ये धमनियों का रास्ता ब्लाक करने लगता है तब कुछ लोगो में अचानक ही लकवा या हार्ट अटैक के लक्षण आते हैं.
इसलिए एक उम्र के बाद रेगुलर तौर पर अपना चेकअप करवाते रहना चाहिए.
अगर पहले कोई ऐसी दिक्कत हुई है या घर में आपके ब्लड रिलेशन में किसी को ऐसी दिक्कत है
या पहले हुई थी तो आपको डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए कि
कितनी जल्दी-जल्दी आपको अपना चेक अप करवाना चाहिए.
इसलिए यह बात समझाना बहुत जरुरी है कि बढ़ा हुआ
cholesterol कई बार अचानक से भयंकर लक्षण दिखाता है.
इसलिए एक उम्र के बाद स्क्रीनिंग करवाते रहना चाहिए.
cholesterol rich food खाने से ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. और अगर नहीं खायेंगे तो नहीं बढेगा
हम कभी भी जाकर cholesterol युक्त खाने की चीजें नहीं खरीदते हैं. बल्कि यह तो हमारे रूटीन खाने वाली चीजों में शामिल होता है.
हम अंडे, रेड मीट और बाहर का जंक food खाते हैं और इनमे कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ होता है सैचुरेटेड फैट.
यह सैचुरेटेड फैट सिर्फ कोलेस्ट्रॉल को नहीं बढाता है बल्कि LDL (बैड कोलेस्ट्रॉल) को बढाता है.
यही हमारी धमनियों में जाके प्लाक बनाता है और बाकी तो आप जानते ही हो कि क्या होता है
धीरे-धीरे धमनियों में प्लाक जमने के बाद.
अब जानिये इससे भी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट बात.
सिम्पल आप सुगर या कार्बोहायड्रेट ज्यादखा रहे हो और एक्सरसाइज से आपका कोई लेना देना नहीं है,
तब भी कोलेस्ट्रॉल अपना बुरा रूप दिखाने में झिझकेगा नहीं.
एक्सरसाइज करने से और कम cholesterol खाने से कोलेस्ट्रॉल लेवल सही रहता है,
लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है कि सिर्फ cholesterol rich food खाने से ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है.
अगर cholesterol फ्री खाना भी खाओगे और एक्टिव नहीं रहोगे या
परिवार में किसी को कोलेस्ट्रॉल से जुडी दिक्कत है, तो आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है.
सभी का नार्मल cholesterol लेवल एक जैसा ही होता है.
जी नहीं, यह एक भ्रान्ति है.
जिनको किसी तरह की कोई दिल से जुडी कोई बिमारी नहीं है, उनको बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल 100 mg/dl से नीचे रखना चाहिए.
लेकिन यह वैल्यू 70 mg/dl से नीचे रखनी पड़ती है अगर आपको कोई दिल से जुडी कोई बिमारी हो गयी है.
या आपको डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी लम्बी बिमारी हो गयी है.
बढती उम्र के साथ भी इसकी वैल्यू को कम रखा जाता है.
सारी बातों को ध्यान में रखते हुए ही आपका डॉक्टर आपको सही लेवल के बारे में जानकारी देगा.
हो सकता है कि आपको कंफ्यूजन लग रहा हो कि जब LDL बुरा cholesterol है,
तो इसका लेवल बिलकुल जीरो क्यों नहीं किया जाना चाहिए.
तो आप याद होगा कि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी चाहिए होता है.
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हम उम्मीद करते हैं कि cholesterol से जुड़े 5 top myths के बारे में जानकारी अच्छ लगी होगी और अगर आपके दिमाग में कोई सवाल या myth हो तो हमसे पूछने में झिझकिये नहीं.
यह ब्लॉग मात्र आपको एदुकाते करने के लिए है. इसको किसी तरह का प्रिस्क्रिप्शन या ट्रीटमेंट समझाने से बचें.
धन्यवाद