Dragon Fruit की super quality की वजह से ही इसको superfood की category में बहुत ऊपर रखा जाता है| Dragon fruit diabetes, constipation, low Hb जैसी परेशानियों में बहुत ही काम का फ्रूट है| अगर इसकी कीमत को नज़र अंदाज कर सकें तो यह बहुत आपके रूटीन जीवन का हिस्सा बन सकता है|

ड्रैगन फ़्रूट का नाम इसकी चमकीली लाल स्किन और हरे रंग के स्केल (पत्तों) की वजह से पड़ा है, जिस वजह से ये ड्रैगन के जैसा नज़र आता है।

क्योंकि इसका फूल सिर्फ रात में ही खिलता है। इसलिए इसको ”क्वीन ऑफ नाईट” भी कहा जाता है|

इस ब्लॉग में हम “ड्रैगन फ्रूट खाने से होने वाले हेल्थ बेनेफिट्स” के बारे में बात करेंगे|

इसके फायदों के जानने के बाद आपको समझ आएगा कि “ड्रैगन-फ्रूट को सुपर-फ्रूट क्यों कहा जाता है”?

अब ड्रैगन फ्रूट की इतनी तारीफें पढ़ने के बाद अगर मैं सीधा इसके फायदे बताऊंगा,तो आप कहोगे कि हीरो को अच्छे से इंट्रोड्यूस तो करवाओ|

वैसे भी ये तो वैसे क्वीन की इंट्रो है| वो तो थोड़ा डिटेल में ही होना चाहिए| सो गाइज हियर वी आर प्रेसेंटिंग टू यू! (So guys, here we are presenting to you)

dragon fruit is a super fruit

Dragon Fruit “क्वीन ऑफ़ नाईट”

कौन है ये? जिसने पू…को मुड़के नहीं देखा

क्वीन ऑफ़ नाईट के अलावा इसको पिताया (pitaya),पिताहया(pitahaya) और स्ट्रॉबेरी Pear के नाम से भी जाना जाता है।

ये एक बेल पे लगता है, जो कि सुखी जगह में उगती है।

क्योंकि ये एक तरह का कैक्टस ही होती है। वैसे तो ये सेंट्रल अमेरिका और मेक्सिको में सबसे ज्यादा मिलता है, लेकिन आजकल दुनिया के हर एक देश में मिलता है।

इसकी न्यूट्रिशन वैल्यू इतनी ज्यादा जानी जाती है कि सभी देश इसकी खेती करते हैं।

इंडिया को ही ले लो गुजरात के कच्छ के एरिया में तो इसे भरपूर मात्रा में लगाया जाता है।

यहां तक कि गुजरात में तो इसका नाम बदलकर “कमलम” रखने की तैयारी हो चुकी है। देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने भी “मन की बात” में इसका जिक्र किया है।

ड्रैगन फ्रूट ज्यादातर तो वाइट पल्प और काले बीज वाला होता है, लेकिन इसके अलावा लाल और येलो ड्रैगन फ्रूट भी होता है।

हालाकिं इसकी शक्ल जंगली फल जैसी लगती है, लेकिन इसका टैस्ट कीवी और नाशपाती का मिक्स होता है|

इसके फायदों को देखते हुए बहुत सारे लोग तो इसे “स्वर्ग से उतरा हुआ फल” भी कहते हैं|

ऐसा भी क्या है इसमें कि सभी इसकी खेती करने लगे हैं?

आमतौर पे ड्रैगन फ्रूट 150 से 500 ग्राम तक होता है|

एक साल में इसकी पांच से छह फसल तक होती है|

इसको फ्लेवरिंग एजेंट के तौर पर ड्रिंक्स, जूस, पेस्ट्री और शराब इत्यादि में मिलाया जाता है।

इसके फूलों की कोंपलों की सब्जी भी बनायी जाती है।

इसके छिलके को सुखाके पीसने के बाद नेचुरल कलर के तौर भी इस्तेमाल किया जाता है।

ड्रैगन फ्रूट् में पोषक तत्व कौन से और कितने होते हैं?

इसकी नुट्रिशन वैल्यू इसमें मौजूद फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स, मैग्निसियम , आयरन की वजह से जयादा होती है।

100  ग्राम ड्रैगन फ्रूट में सबसे अहम तत्वों की बात करें तो इसमें

कैलोरी – 60

प्रोटीन – 1.2  ग्राम

कार्बोहायड्रेट -13  ग्राम

फाइबर- 3  ग्राम

इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी 1,2 ,3, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, कॉपर अच्छी खासी मात्रा में होते हैं| थोडा बहुत फैट भी होता है| इसमें भरपूर मात्रा में पानी भी होता है।

इतने कसीदे पढ़ने के बाद ये जानना तो अब अहम हो गया है कि ड्रैगन फ्रूट के हेल्थ फायदे कौन-कौन से हैं

 Dragon Fruit diabetes control रखने में  कैसे हेल्प करता है?

ड्रैगन फ्रूट का सेवन डायबिटीज के मरीजों में इन्सुलिन के असर को बेहतर करता है।

क्योंकि ये हमारी पैंक्रियास जहां से इन्सुलिन निकलता है, के अंदर कोशिकाओं की वृद्धि करता है। इसीलिए dry dragon fruit को डायबिटिक पेशेंट के डाइट मेनू में रखा जाता है।

इसके अलावा इसमें मौजूद भरपूर फाइबर भी ब्लड शुगर के लेवल को नियत्रण में रखने में मदद करता है।

रिसर्च में पाया गया कि dragon fruit के सेवन का सबसे ज्यादा फायदा टाइप-2 डायबिटीज की प्रेडियबेटिक स्टेज में सबसे ज्यादा होता है।

Dragon Fruit आँतों में दोस्त बैक्टीरिया को बढ़ाके पाचन तंत्र हेल्थी कैसे करता है?

dragon fruit for constipation

ड्रैगन फ्रूट में मौजूद पानी और फाइबर आपकी पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है।

क्योंकिdragon fruit हमारे पाचन तंत्र में मौजूद फ्रेंडली जीवाणुओं की वृद्धि करता है, क्योंकि ये उन जीवाणुओं को बढ़ने में सही वातावरण देता है।

खासतौर से सबसे जरुरी जीवाणु लैक्टिक एसिड बेसिलस और बाईफिडस बैक्टीरिया को बढ़ाता है|

और ये बैक्टीरिया खतरनाक बैक्टीरिया को मार भगाते हैं।

इसलिए dragon fruit को बहुत अच्छा “प्री-बायोटिक” भी कहा जाता है।

वजन घटाना में dragon fruit कैसे मदद करता है?

फाइबर और पानी की वजह से ये हमारे पेट में भरा होने की फीलिंग पैदा करता है और वजन कम करने में सहायक होता है।

जल्दी जख्म भरने में

जख्म को सही और जल्दी भरने के लिए विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स की आवश्यकता होती है| और dragon fruit में ये दोनों ही बहुतायत में होते हैं।

लम्बी बीमारियां (आर्थराइटिस, दिल की बिमारी, कैंसर , शुगर ) से बचाव

ड्रैगन फ्रूट में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स, मल्टीविटामिन्स और मिनरल्स इसको सुपरफूड की केटेगरी में बहुत ऊपर पहुंचा देती है।

और इन्ही की वजह से लम्बी बीमारियों से बचाता है।

हमारे शरीर में बहुत सारे फ्री रेडिकल बनते रहते हैं और वो हमारी कोशिकाओं को नुक्सान पहुंचाते हैं|

जिसकी वजह से बुढापन और लम्बे रोग लगते है। इनको ख़तम करने के लिए एंटीऑक्सिडेंट्स चाहिए होते हैं।

कौन-कौन से antioxidants होते हैं dragon fruit में

बीटालाइंस बुरे कोलेस्ट्रॉल को खतरनाक रूप लेने से रोकता है।

हाइड्रोक्सीसीनामेट कैंसर के खतरे को कम करता है।

फ़लेवोनोइड्स हमारे दिल और दिमाग के सवास्थ्य को दुरस्त रखते हैं।

पॉलीफेनोल्स, कैरोटेनॉयड्स, betacyaninn जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स इसकी एंटीइंफ्लाममटोरी शक्ति को बढ़ा देती है।

खुद विटामिन सी बहुत अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होता है| जो तवचा को जवान बनाये रखने में मदद करता है।

फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम रखता है जिसकी वजह से हमारी खून की धमनिया फ्लेक्सिबल रहती है।

और दिल की बिमारियों का ख़तरा कम होता है।

Dragon Fruit के ब्लैक सीड्स में लिनोलिक एंड लिनोलेनिक एमिनो एसिड होते हैं जो शरीर के लिए एसेंशियल होते हैं|

क्योंकि शरीर इनको अपने आप नहीं बना सकता है और ड्रैगन फ्रुट इसका बहुत अच्छा सोर्स है।

अनीमिया से बचाव

100 ग्राम ड्रैगन फफ्रूट में हमारे शरीर की प्रतिदिन जरुरत का 4 % आयरन होता है।

इसी वजह से रिसर्च में पाया गया कि प्रेग्नेंट महिलाओं में red dragon fruit काफी कामगर है।

आंत के कैंसर से बचाव

फाइबर युक्त डाइट आंत के कैंसर से बचाती है। dragon fruit अपनी fibre की मात्रा की वजह से बहुत अच्छे स्नेक के तौर पे खूब खाया जाता है।

एक महिला को एक दिन में 25 ग्राम और एक पुरुष को एक दिन में लगभग 35 ग्राम फाइबर लेना चाहिए। जरुरत से ज्यादा फाइबर आपको परेशान भी कर सकता है”। 

जवान स्किन

बहुतायत में पानी, विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स की वजह से ड्रैगन फ्रूट हमारी स्किन पे झुर्रियां आने से रोकता है, बालों की हेल्थ सही रखता है।

इसको फेसिअल और हेयर प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है।

dragon fruit for skin

इसके अलावा इसमें विटामिन ए, कॉपर, कैल्शियम भी हमारी आँखें, हड्डियां को स्वस्थ रखता है और रेस्पिरेटरी सिस्टम को सही रखता है और इन्फेक्शन से बचाता है|

ड्रैगन फ्रूट का छिलका भी कुछ कम नहीं है क्योंकि इसको कलरिंग एजेंट के तौर पे इस्तेमाल किया जाता है।

ड्रैगन फ्रूट को खाते समय सावधानियां न भूलें

सिर्फ फायदे ही नहीं हमें किसी भी फ्रूट को खाने से पहले उसके ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले नुक्सान या किसी तरह की एलर्जी के बारे में भी जरूर जानना चाहिए।

  1. ये बात सही है कि ड्रैगन फ्रूट डायबिटीज के मरीजों में शुगर कण्ट्रोल करने में मदद करता है| लेकिन ऐसा पाया गया है कि सभी लोगो में एक जैसा इफ़ेक्ट आये ये जरुरी नहीं है। इसलिए आप कौन से फ्रूट खा रहे हैं, इस बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताइएं।
  2. कब्ज से परेशान लोग फाइबर वाली डाइट बहुत ज्यादा खाना शुरू कर देते हैं। लेकिन आपको इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि अपनी फाइबर की मात्रा धीरे धीरे बढ़ानी चाहिए।
  3. अगर इसको खाने के बाद आपके शरीर में किसी तरह की खुजली शुरुर हो गयी है, जीभ पे सूजन आ गयी है, उलटी शुरू हो गयी है या दस्त लग गए हैं तो शायद आपको एलर्जी है ड्रैगन फ्रूट से। जिन लोगो में पहले से एलर्जी होती है खाने पीने की चीजों से तो उन्हें इन लक्षणों पे अपनी नज़र रखनी चाहिए।
  4. ड्रैगन फ्रूट खाने के बाद आपके पेशाब का कलर पिंक या लाल हो सकता है। डरने की जरुरत नहीं है। ये नार्मल है। चकुंदर खाने से भी ऐसा होता है। जैसे ही आप खाना छोड़ेंगे और ये बाहर निकल जाएगा हजम होने के बाद तो आपके यूरिन का कलर नार्मल हो जाएगा।

मुझे क्या लगता है?

MUST Read: मुनक्का खाने के हेल्थ बेनेफिट्स 

dragon fruit के benefitsदे बहुत है लेकिन इसकी कीमत आम भारतीय की पहुँच से बहुत बाहर है।

एक औसतन साइज का ड्रैगन फ्रूट 100  से 120 रूपये तक खर्च करवा सकता है।

जो कि अपने आप में बहुत बड़ी बाधा है, इसके रूटीन इस्तेमाल में। उम्मीद ये है कि जैसे जैसे इसकी फसल भारत में ज्यादा होगी, तो हमें इसे बहार से आयत न करना पड़े और इसकी कीमत कम हो जाए|

ताकि सभी को इसका फायदा पहुँच सके। अगर आप अपने आस-पास के सीजनल फ्रूट्स को देखेंगे तो 120 रूपये में आप पूरी फॅमिलि को वो सारे पौषक तत्व खिला पाएंगे जो ड्रैगन फ्रूट में होते है।

ये ब्लॉग किसी तरह की मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन नहीं है, बल्कि आपकी जानकारी बढ़ाने की कोशिश है। अगर आपको कोई हेल्थ रिलेटेड इशू है, तो क्वालिफाइड डॉक्टर से जाकर परामर्श जरूर कीजिये। सेल्फ ट्रीटमेंट ना करें।

उम्मीद करते हैं कि आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी और आप इसे शेयर करने के बारे में विचार करेंगे|

धन्यवाद

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