mastrubation एक  ऐसा टॉपिक है कि जितने लोगों के साथ इस ब्लॉग को शेयर किया जाएगा, उतने ही लोग इसे पढेंगे लेकिन ज्यादातर झिझक कर और छुप कर.

लेकिन यकीं मानिए कि इस टॉपिक पर क्लैरिटी होना बहुत जरुरी है, खासतौर पर माता-पिता को.

हम उम्मीद करते हैं कि mastrubation पर लिखे इस ब्लॉग को पढने के बाद आपके दिमाग में जो भी सवाल आएगा आप कमेंट में पूछोगे जरुर.

mastrubation

हस्तमैथुन के बाद होने वाली गलानी के पीछे मन में चलने वाली भ्रांतियां होती है.

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग खासतौर से उन लोगों के लिए हैं जिनके बेटे किशोरावस्था में प्रवेश कर रहे हैं. जिसको देखकर आपके दिमाग में बहुत सारी बाते याद आ रही होगी जो आपने अपने किशोरावस्था में महसूस की थी. शायद आप अब चाहते होंगे कि  काश हमको किसी ने mastrubation से रिलेटेड समझाया होता तो शायद लाइफ में और बेहतर कर पाते. इसी कौशिश में ये ब्लॉग लिख रहा हूँ. शायद आप अपने बेटे की सिचुएशन ज्यादा बेहतर समझ पाएं.

mastrubation से जुडी myth जो हमारे दिमाग में भी थी.

जब हम लोग मेडिकल कॉलेज में पहुंचे, तब हमसे सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों में से एक सवाल था कि क्या हस्तमैथुन करते हो.

अगर करते हो तो फ्रीक्वेंसी क्या है?

अगर नहीं करते हो तो क्यों नहीं करते हो. नहीं करने की वजह जानकर सीनियर्स के दिमाग के ढक्कन खुल जाते थे.

ढक्कन तो हम फ्रेशेर्स के भी खुल जाते थे लेकिन पॉजिटिव सेंस में .

जब हम सब हमारे मन में घर की हुई भ्रांतियों के बारे में सीनियर्स को बताते थे, तब एक दुसरे की भ्रांतियों के बारे में भी पता चलता था.

बहुत सारी भ्रांतियां तो सबकी एक जैसी ही थी, जो  हमारे दिमाग में भी थी.

जब उनके पीछे की साइंस  हमारे सीनियर्स ने बतायी तो ऐसा लगा कि जिस बात को हम इस दुनिया की सबसे बड़ी प्रॉब्लम समझते थे, वो तो सही मायने में कुछ भी नहीं है.

बल्कि हमारी जिन्दगी का नार्मल हिस्सा है.

सीनियर्स ने इस बात को भी समझाया कि अति हर चीज की बुरी होती है, जो आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इफ़ेक्ट डालेगा.

अगर मिथ की बात करूँ तो आपको भी कई मिथ तो जाने पहचाने लगेंगे.

खून की साठ बूंदों से वीर्य की एक बूँद बनती है.

हस्तमैथुन से बाल झड़ते हैं.

नामर्दी आती है.

हस्तमैथुन से पिम्पल होते हैं.

इससे आँखों की रौशनी कम होती है.

और भी ना जाने क्या-क्या मिथ थे.

सब गलत है. सब मिथ है.

आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे mastrubation से जुड़े इम्पोर्टेन्ट मुद्दे पर.

बहुत सारे माता पिता और किशोरों को लगता है कि हस्तमैथुन से याद करने की क्षमता कम हो जाती है.

बाकी सारे मुद्दे तो मैंने सिरे से नकार दिए, लेकिन ये मुद्दा लायक है पूरा ब्लॉग लिखने के लिए.

क्योंकि बहुत सारे किशोर जो क्लास में पढने में बहुत अच्छे थे, लेकिन इस मुद्दे की वजह से उनमे बहुत हीन भावना जन्म लेती हैं और इसका सीधा प्रभाव उनकी पढ़ाई पर पड़ता है.

आइये बात करते हैं.

यह ब्लॉग एक कौशिश है, आम पब्लिक में हस्तमैथुन से जुड़े मुद्दों के बारे में अवेयरनेस फैलाने के लिए.

यह किसी तरह का कोई इलाज़ नहीं है. सिर्फ और सिर्फ जानकारी है.

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mastrubation का मेमोरी पर क्या प्रभाव पड़ता है?

इसका सीधा-सीधा प्रभाव याददास्त पर नहीं पड़ता है.

बल्कि इसकी वजह से बॉडी में निकलने वाले हॉर्मोन शरीर में दर्द, स्ट्रेस और थकान को कम करते हैं.

जिसकी वजह से मानसिक स्वास्थय पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है. इसका मतलब है कि मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है.

लेकिन इस बात को पूरी तरह से समझाने के लिए मैं ज़रा सा रुकने के लिए कहूंगा. आप इसे ज़रा ध्यान से पढ़िए.

mastrubation

बहुत ज्यादा हस्तमैथुन आपके फोकस पर प्रभाव डाल सकती है.

अगर किसी के दिमाग में पहले से ही ये धारणाएं बनी हुई है कि

mastrubation से दिमाग पर या याददास्त पर असर पड़ता है,

तो हस्तमैथुन करने के बाद अगर पढ़ाई करने बैठेगा तो उसे अपने आप से ही महसूस होने लगेगा कि याद नहीं हो पा रहा है.

या यूँ कहें कि फोकस ही नहीं बन पायेगा. जिसकी वजह से उसका विशवास इस बात पर और मजबूत हो जाएगा कि “हस्तमैथुन से मेमोरी पर असर पड़ता है”.

यह बात धीरे-धीरे करके एक चक्र के जैसे दिमाग में घुमती रहेगी.

असलियत में हस्तमैथुन  से शरीर से कुछ हॉर्मोन निकलते हैं, जो वास्तविकता में स्ट्रेस और थकान को कम करते हैं.

कुछ रिसर्च में तो यहाँ तक भी पाया गया कि इससे शारीरिक दर्द में भी आराम मिलता है.

लेकिन बहुत ज्यादा करने से आपके ऊपर नेगेटिव प्रभाव भी डाल सकती है.

लेकिन इस बात में कोई कंफ्यूजन नहीं है कि mastrubation से मेमोरी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

बहुत ज्यादा करने से शारीरिक थकान की वजह से फोकस कम हो जाता है.

कुछ लोगो में देखा जाता है कि बार बार करने की लत होती है और जिसकी वजह से ब्रेन में एसीटाइलकोलिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का लेवेल कम हो जाता है.

एसीटाइलकोलिन ब्रेन के मेसेज एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में मदद करता है.

जब इसका लेवल कम होता है, तो शरीर डिफेन्स के तौर पर शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन एड्रेनालाईन को रिलीज़ करता है.

इस हॉर्मोन की वजह से फोकस में कमी आती है. बहुत ज्यादा करने से यह हॉर्मोन याद करने की क्षमता  पर भी प्रभाव डाल सकता है.

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क्या mastrubation से शरीर को कोई फायदा भी होता है?

इसके उल्ट कुछ लोगों का तो यहाँ तक भी कहना है कि हस्तमैथुन करने के बाद उनका दिमाग ज्यादा तेज चलता है, ज्यादा याद होता है.

आइये इसके बारे में भी जानते हैं.

mastrubation करने से शरीर से डोपामिन, ओक्सितोसिन, एन्दोर्फिंस एंड टेस्टोस्टेरोन जैसे हॉर्मोन व् न्यूरो-ट्रांसमीटर निकलते हैं.

इनमे से डोपामिन हमारी याददास्त से जुड़े हिप्पोकैम्पस को मोड्युलेट करता है.

डोपामिन को हैप्पी होरमोन भी कहा जाता है.

इसके साथ साथ  फोकस बढाने और मोटीवेट करने का भी काम करता है.

एंडोर्फिन की वजह से शरीर रिलैक्स्ड महसूस होता है क्योंकि इसका दर्द के प्रति सम्वेंदना पर प्रभाव होता है.

शायद इसी डोपामिनऔर एंडोर्फिन की वजह से कुछ लोगों को बहुत रिलैक्स्ड और फोकस्ड फील होता हो और जिसकी वजह से उनको लगता हो कि उनकी मेमोरी बढ़ गयी है.

लेकिन रिसर्च में इस तरह का कोई खुलासे नहीं हुए हैं.

 

अगर संक्षेप में कहा जाए तो पुरुषों में हस्तमैथुन के कई फायदे देखे जाते हैं. लेकिन इसका मेमोरी या याददास्त पर कोई प्रभाव नहीं है जब तक इसको बहुत ज्यादा ना किया जाए. बार बार करने की आदत से शारीरिक और मानसिक प्रभाव पड़ सकते हैं. इसलिए इसके बारे में सही समझ होना जरुरी है ताकि हस्तमैथुन के बाद आपके मन में बसी भ्रांतियां आपको मानसिक तौर पर कमजोर ना कर सके.

उम्मीद करते हैं कि आपको इस ब्लॉग से कुछ हेल्प मिलेगी. अगर इस टॉपिक से रिलेटेड कोई सवाल हो तो प्लीज हमसे कमेंट सेक्शन में जरुर पूछियेगा.