आजकल की भागदौड़ में, हम सब सेहतमंद रहने के लिए कुछ ना कुछ जुगाड़ ढूंढते रहते हैं।
टीवी, अखबार, सोशल मीडिया… हर जगह सेहत के नुस्खे और चीज़ें भरी पड़ी हैं।
इन्हीं में से दो चीज़ें हैं
मल्टीविटामिन और असली खाना।
पर असली सवाल तो ये है, कि भाई, शरीर को जो चाहिए वो सबसे बढ़िया कैसे मिले?
क्या मल्टीविटामिन एक शॉर्टकट है, या असली खाना ही असली दम दिखाता है?
चलो, आज इसी की गहराई में उतरते हैं और देखते हैं कि सच क्या है।
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मल्टीविटामिन क्या होते हैं?
मल्टीविटामिन, समझ लो, विटामिन और मिनरल की गोलियां या कैप्सूल होते हैं।
ये इसलिए बनाए जाते हैं ताकि अगर खाने-पीने में कुछ कमी रह जाए, तो ये उसको पूरा कर दें।
फायदे
आराम: जिनको टाइम नहीं है, या जो खास तरह का खाना खाते हैं, उनके लिए बढ़िया।
जरूरत के हिसाब से: कुछ मल्टीविटामिन तो खास लोगों के लिए बनते हैं, जैसे कि गर्भवती औरतें या बूढ़े लोग।
कमी पूरी करना: अगर डॉक्टर ने कहा है कि कोई विटामिन या मिनरल कम है, तो ये काम आते हैं।
नुकसान:
खाने का तोड़ नहीं: असली खाने में जो फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट वगैरह होते हैं, वो इनमें नहीं मिलते।
ज्यादा खा लिया तो गड़बड़: ज्यादा विटामिन-मिनरल खा लिए तो नुकसान भी हो सकता है।
क्वालिटी में फर्क: हर कंपनी बढ़िया नहीं बनाती, कुछ सस्ती तो कुछ मेहेंगी और कुछ की क्वालिटी अच्छी तो कुछ की बेकार होती है।
ज़रूरी नहीं कि आपको सब कुछ चाहिए: मल्टीविटामिन में बहुत कुछ होता है, और शायद आपको सब कुछ नहीं चाहिए हो।
असली खाना क्या होता है?
असली खाना मतलब, जो चीज़ें नेचर से मिलती हैं, जैसे फल-सब्ज़ी, अनाज, दालें, अंडे-मीट।
फायदे:
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- भरपूर ताकत: इनमें विटामिन, मिनरल, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट सब कुछ होता है।
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- मिलकर काम: इसमें मौजूद ताकतें मिलकर ज़्यादा असर दिखाती हैं।
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- पाचन ठीक: फाइबर से पेट साफ रहता है।
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- बीमारी से बचाव: असली खाना खाने वालों को दिल की बीमारी, शुगर वगैरह कम होती हैं।
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- पेट भरा-भरा: ये खाने से जल्दी भूख नहीं लगती, जिससे वज़न कंट्रोल रहता है।
नुकसान:
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- टाइम लगता है: फल-सब्ज़ी लाने, काटने, पकाने में टाइम लगता है।
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- हर जगह नहीं मिलता: कुछ जगहों पर ताज़ा खाना मिलना मुश्किल होता है।
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- जल्दी खराब: फल-सब्ज़ी जल्दी खराब हो जाते हैं।
मुकाबला: मल्टीविटामिन या असली खाना?
चलो देखते हैं कौन किसमें आगे है:
विटामिन-मिनरल:
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- मल्टीविटामिन: अलग-अलग ताकतें मिलती हैं, पर असली खाने जैसी नहीं।
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- असली खाना: नेचर का दिया, ज़्यादा असरदार।
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- फाइबर:
- मल्टीविटामिन: बिल्कुल नहीं होता।
- असली खाना: पेट के लिए रामबाण।
- फाइबर:
एंटीऑक्सीडेंट:
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- मल्टीविटामिन: थोड़े-बहुत होते हैं, पर असली खाने जितने नहीं।
- असली खाना: भरपूर एंटीऑक्सीडेंट, जो सेहत के लिए बहुत अच्छे।
सेहत पर असर:
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- मल्टीविटामिन: कमी पूरी कर सकते हैं, पर असली खाने का तोड़ नहीं।
- असली खाना: पूरी सेहत के लिए बढ़िया, बीमारी से बचाव
आम सवालों के जवाब
मेरे पास टाइम नहीं है!”
थोड़ा प्लानिंग करो, पहले से खाना बना लो।
आसान रेसिपी देखो।
फ्रोजन फल-सब्ज़ी भी काम आते हैं।
मुझे सब कुछ पसंद नहीं!”
धीरे-धीरे नई चीज़ें ट्राई करो।
अलग-अलग तरीके से पकाओ।
अपनी पसंद का हेल्दी खाना ढूंढो।
डॉक्टर ने कमी बताई है!”
डॉक्टर या डायटीशियन से बात करो, वो सही सलाह देंगे।
मैं प्रेग्नेंट हूँ!”
प्रेग्नेंसी वाले विटामिन ज़रूरी हैं, साथ में अच्छा खाना भी। डॉक्टर से ज़रूर पूछो।
असली खाने का फ़ॉर्मूला
फल-सब्ज़ी: दिन में कम से कम पांच बार।
साबुत अनाज: ब्राउन राइस, क्विनोआ, साबुत गेहूं।
दालें-मीट: चिकन, मछली, दालें।
हेल्दी फ़ैट: एवोकाडो, नट्स, बीज, ऑलिव ऑयल।
प्रोसेस्ड फ़ूड कम: सोडा, फास्ट फूड, पैकेट वाले स्नैक्स छोड़ो।
पानी: खूब पानी पियो।
लेबल पढ़ो: चीनी, गलत फ़ैट, केमिकल देखो।
घर पर पकाओ: ताज़ा खाना बनाओ।
प्लानिंग: पहले से सोच लो क्या खाना है।
स्टोर में किनारे से: फल-सब्ज़ी, मीट, दूध किनारे पर ही मिलते हैं।
आजकल के खाने की दिक्कत: ज़रूरी चीज़ों की कमी
मानना पड़ेगा कि आजकल के खाने में कभी-कभी ज़रूरी चीज़ें कम रह जाती हैं।
यह हमेशा खराब विकल्पों के बारे में नहीं है;
खेती में मिट्टी की कमी, खाद्य प्रसंस्करण से पोषक तत्वों की हानि, और आधुनिक जीवन की तेज गति जैसे कारक इन कमियों में योगदान कर सकते हैं।
जैसे, धूप कम मिलने से विटामिन डी की कमी, या शाकाहारी खाने वालों को विटामिन बी 12 की कमी हो जाती है।
आयरन और कैल्शियम की कमी भी आम है, खासकर औरतों और बूढ़ों में।
हम फल और सब्जियां खा भी रहे हैं, तो भी कभी-कभी खाने की विविधता की कमी होने से कुछ विटामिन और मिनरल्स की कमी हो सकती है।
ऐसे में, सोच समझकर खाने और कभी-कभी, ज़रूरत पड़ने पर मल्टीविटामिन लेना सही है।
पर ये मत भूलो, मल्टीविटामिन खाने का तोड़ नहीं हैं।
मल्टीविटामिन कब काम आते हैं?
डॉक्टर ने कमी बताई हो।
प्रेग्नेंसी में।
कोई बीमारी हो जिसमें खाना ठीक से ना लगे।
शाकाहारी या खास तरह का खाना खाते हो।
बूढ़े लोगों को।
फाइनल बात
मल्टीविटामिन मदद कर सकते हैं, पर असली खाना ही सबसे अच्छा है। असली खाने से सब कुछ मिलता है। अगर कुछ पूछना है तो डॉक्टर से बात करो।
अब आपकी बारी
आपको क्या लगता है, मल्टीविटामिन या असली खाना?
अपनी पसंदीदा हेल्दी रेसिपी बताओ।
नया सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से पूछो।
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