क्या आप जानते हैं कि हर साल डेंगू बुखार का मच्छर और डेंगू का वायरस इंसानों की PLATELET पर धावा बोल देते हैं| इन दोनों की यह शिकायत है कि “लोगो को काटे हम, बीमार करें हम”, लेकिन मीडिया में चर्चा सिर्फ प्लेटलेट की होती है| हम दोनों को तो लोग जान से मारने की बात करते हैं और प्लेटलेट को इतना आसमान में चढ़ा रखा है कि रेडियो, टी वी सब जगह यही चल रहा होता है|
इसी इर्ष्या में हम डेंगू बुखार के मरीजों में प्लेटलेट की संख्या कम कर देते हैं|
अरे बाप रे! ये तो भयंकर मुद्दा है जी| चलिए इस मुद्दे को दो लाइनों में ही निपटा डालते हैं?
- डेंगू ही नहीं बल्कि ज्यादातर वायरल बुखार में प्लेटलेट कम हो जाती है| कुछ समय बाद अपने आप नार्मल भी हो जाती है|
- डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट चढाने की जरुरत नहीं है| मात्र एक से 5 प्रतिशत लोगो में ही ज़रूरत होती है|
- अभी नयी रिसर्च के मुताबिक़ तो प्लेटलेट चढाने की जरुरत ही नहीं है| मरीज को फायदा नहीं मिलता है|
- WHO, CDC, NVBDCP (India) की गाइडलाइन्स में बहुत क्लियर कर दिया गया है कि प्लेटलेट का कोई फायदा नहीं है| बल्कि RBC या WHOLE BLOOD के लिए रेकोमेंड किया जा रहा है|
मीडिया को बेवजह प्रेशर का माहोल नहीं बनाना चाहिए| किस को प्लेटलेट लगाना है और किसको नहीं या प्लेटलेट किसी को भी नहीं लगाना है, ये निर्णय अपने डॉक्टर पर छोड़ दीजिये|
अब तो डेंगू मच्छर और वायरस को शान्ति पड़ गयी ना, क्योंकि प्लेटलेट की हवा कम हो गयी है|
लेकिन हम डॉक्टर हैं, छोड़ेंगे तो हम डेंगू वायरस और मच्छर को भी नहीं|
भाइयो, बहनों एक बात ध्यान दीजिये कि डेंगू से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है कि डेंगू के मच्छर को पनपने ही ना दो| मच्छर नहीं होगा तो डेंगू का वायरस भी नहीं फैलेगा|
ना रहेगा बांस और ना बजेगी बांसुरी|
बात रही प्लेटलेट की तो वो हमारे शरीर का अहम् हिस्सा है और जो खून के थक्के जमाने के अलावा हमारे इम्युनिटी को मजबूती देता है| इनके लेवल को नार्मल रखने के लिए बैलेंस्ड डाइट खाइए|