रेबीज लगभग 100 प्रतिशत जानलेवा है| यह बात पढ़कर डरिये मत, बल्कि साइंस समझिये|
Rabies से शत प्रतिशत बचाव संभव है|
यही थीम भी है, इस साल के वर्ल्ड रेबीज डे की: rabies- फैक्ट्स, नोट फियर .
इसी मुहीम में हम चाहते हैं कि आप इस ब्लॉग को ज्यादा से ज्यादा शेयर करेंगे और हर साल होने वाली हज़ारों मौतों को बचाने में मदद करेंगे|
Table of Contents
Rabies से जुड़े डरावने फैक्ट्स
- हर साल पूरी दुनिया में लगभग साठ हज़ार लोगों की मौत का कारण बनती है rabies
- सबसे ज्यादा दुःख तब होता है जब हमें यह पता है कि ये 100% preventable है|
- हर साल होने वाली साठ हज़ार मौतों में से 20 हज़ार मौतें अकेले भारत में होती है, यानी कि पूरी दुनिया का एक तिहाई
- rabies की वजह से होने वाली मौतों में से 40% मौतें 15 साल से छोटे बच्चों में होती है| (ज़रा सोचिये कितना बड़ा नुक्सान है परिवार और देश का)
Where all Rabies cases are found?
दुनिया के लगभग 150 देशों में रेबीज के केसेस पाए जाते हैं. rabies इंडिया में ज्यादातर कुत्ते के काटने से होती है (99%).
इंडिया जैसे दुसरे देशों में भी संभावित रेबीज ग्रषित कुत्ते के काटने से होती है.
जिन देशों में,खासतौर से अमेरिका, डॉग्स या अन्य पेट्स को rabies वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है,
वहाँ rabies डॉग्स के bite से नहीं होती है.
उन जगहों पर चमगादड़ की वजह से रेबीज के केसेस पाए जाते हैं.
What is Rabies?
रेबीज, जिसको हिंदी में जलांतक भी कहते हैं, एक जूनोटिक बिमारी है,
यानी कि यह बिमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है.
यह एक वायरस की वजह से होती है.यह गर्म-रक्ति (warm blooded) जानवरों में होती है.
यानी कि जो जानवर अपने शरीर का तापमान हर सीजन में फिक्स रख पाते है. इसमें इंसान भी आते है.
या यूँ कहें कि जितने भी स्तनधारी जानवर है उनमे यह इन्फेक्शन हो सकता है
और उनके काटने की वजह से यह इन्फेक्शन इंसानों में आ सकती है.
यह लिसावायरस की वजह से होती है जो हमारी स्किन के ज़रिये सेंट्रल नर्वस सिस्टम तक पहुँच जाता है.
उसके बाद धीरे धीरे ब्रेन और स्पाइनल कार्ड के अंदर जानलेवा इन्फ्लेमेस्न पैदा कर देता है.
rabies का कोई ट्रीटमेंट नहीं है लेकिन उसको होने से रोकने का तरीका शत प्रतिशत कारगर है.
बस सही समय पर उसे इस्तेमाल करना चाहिए.
How rabies Happens
किसी भी rabies से ग्रषित जानवर के
-काटने से
-आपके जख्म पर चाटने से
-थूक का डायरेक्ट आपके किसी जख्म पर लगने से या म्युकोसा पर लगने से (मुंह, नाक और आँख , आँतों में)
rabies का इन्फेक्शन हो सकता है.
लेकिन अगर किसी जानवर ने आपकी ठीक स्किन को चाट लिया है तो उससे rabies नहीं होगा.
अगर आपने जानवर को खाना दिया है या जस्ट उसको टच किया है तो उससे rabies नहीं होगा.
आज तक कोई भी केस इंसान के काटने से दुसरे इंसान को नहीं हुआ है.
हालांकि इस बात की थ्योरेटिकल सम्भावना है कि rabies ग्रसित जानवर का कच्चा दूध पीने से या कच्चा मांस खाने से rabies हो जाए.
लेकिन आज तक ऐसा कोई केस रिपोर्टेड नहीं है.
लेकिन फिर भी आपको दूध को अच्छे से उबाल कर ही इस्तेमाल करना चाहिए और कच्चा मांस खाने से बचना चाहिए.
जानवर के काटने के कितने दिनों के बाद लक्षण आयेंगे?
इसको समझने से पहले आपको समझना होगा इन्क्युबेस्न पीरियड के बारे में.
रेबीज ग्रषित जानवर के काटने से लेकर लक्षण आने तक के समय को इन्क्युबेस्न पीरियड कहा जाता है.
यह पीरियड रेबीज में बहुत ही ज्यादा अलग होता है बाकी किसी भी बिमारी से.
यह एक हफ्ते से लेकर तीन महीने तक हो सकता है, लेकिन एक साल तक भी हो सकता है.
कुछ रिपोर्ट में इससे ज्यादा भी क्लेम किया जाता है.
इन्क्युबेस्न पीरियड इस बात पर भी निर्भर करता है कि
-शरीर के किस हिस्से पर काटा है
-कितना ज्यादा काटा है
-जानवर के थूक में कितना वायरस था.
क्योंकि वायरस लगातार जानवर के थूक में नहीं निकलता है.
What are the symptoms of rabies?
रेबीज के लक्षण कई बार पहचान में ही नहीं आते हैं.
आमतौर पर होने वाली दिकत्तों से मिलते जुलते हैं.
अगर आपको ध्यान हो तो कुछ समय पहले पंजाब में एक लड़के की रेबीज की वजह से मौत हो गयी थी.
क्योंकि उसने अपने मम्मी पापा को बताया ही नहीं कि उसको कुत्ता काटा था.
-बुखार
-जख्म की जगह दर्द होना
-जख्म की जगह पर जलन होना या खुजली होना
-जख्म की जगह पर सुन्नपन लगना
क्योंकि शरीर की जख्म भरने की पॉवर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है,
इसलिए जख्म भर जाने के बाद खुजली होना या जलन होना बेवजह लगती है.
यही वजह है कि इसके लक्षण भी इग्नोर हो जाते हैं.
इसलिए किसी भी तरह के bite को इग्नोर नहीं करना चाहिए.
रेबीज का डायग्नोसिस के लिए कौन सा टेस्ट
फिलहाल तक रेबीज का डायग्नोसिस बनाने के लिए कोई लैब टेस्ट उपलब्ध नहीं है जो लक्षण आने से पहले इसकी पुष्ठी कर पाए.
और लक्षण आने के बाद जान जाना लगभग तय हो जाता है (99%). क्योंकि हमारे पास बचाव है, इलाज़ नहीं है.
इसी वजह से इस बात पर जोर दिया जाता है कि अगर किसी स्तनधारी जानवर ने काट लिया है
या कुछ एब्नार्मल exposure हो गया है तो प्लीज डॉक्टर से कंसल्ट जरुर कीजिये.
रेबीज का इलाज़ क्या है?
रेबीज का कोई इलाज़ नहीं है. बस सही फर्स्ट ऐड और जरुरत अनुसार वैक्सीन और इम्मुनोग्लोबुलिन ही रेबीज से 100 परसेंट बचा सकती है.
तो अब क्या करना होगा वह जान लीजिये.
post-exposure prophylaxis (PEP)
रेबीज संभावित जानवर के काटने के तुरंत बाद आपको post-exposure prophylaxis लेना चाहिए.
इसमें दो चीजें आती है.
- फर्स्ट ऐड
- एंटी rabies वैक्सीन और जख्म के अनुसार इम्मुनोग्लोबुलिन
फर्स्ट-ऐड
रेबीज से बचाव के लिए यह जरुरी है कि वायरस हमारी नर्वस या स्नायु तंत्र तक ना पहुंचे.
उसके लिए सबसे पहले आपको जख्म को खूब अच्छी तरह टोंटी के नीचे चलते पानी में धोना चाहिए 10 से 15 मिनट तक साबुन के साथ.
ऐसा करने से काफी मात्रा में वायरस धुल जाएगा.
उसके बाद आप इस पर एंटीसेप्टिक जैसे की पोवीडॉन लगा सकते हो.
जख्म को खुला ही छोड़ना है और उस पर किसी तरह की पट्टी नहीं बांधनी है.
अगर जख्म ज्यादा बड़ा है तो धोने के बाद डॉक्टर के पास जाइए ताकि वो आगे के स्टेप्स ले सके.
जख्म पर किसी तरह की हल्दी या मिर्च या किसी दूसरी वास्तु का इस्तेमाल नहीं करना है.
जितना जल्दी हो अपने नजदीकी अस्पताल से ANTIRABIES वैक्सीन लगवाइये
और अगर आपके डॉक्टर आपको इम्मुनोग्लोबुलिन लगाने की सलाह दें, तो अवश्य लगवाइये.
हमको किसी भी हालत में वायरस को नर्वस सिस्टम में घुसने से रोकना है.
इसी वजह से ही समय बहुत जरुरी चीज है इसमें.
एक बात ध्यान रखिये कि अगर एक दांत भी लगा है और उसमे से ब्लड आया है
तो समझिये कि आपको इम्मुनोग्लोबुलिन लगवाना होगा.
अगर दांत से खरोंच आई है और आपके डॉक्टर को लगता है कि इम्मुनोग्लोबुलिन जरुरी है, तो प्लीज इग्नोर मत कीजिये.
rabies Vaccine course
इस दुनिया की सबसे पहली antirabies vaccine लुइस पैस्टर ने बनायी थी.
उसके बाद से सालदर साल rabies की वैक्सीन में बहुत सारे टेक्निकल सुधार हुए हैं.
अब इनकी संख्या बिलकुल कम हो गयी है और इनके साइड इफ़ेक्ट भी ना के बराबर होते है .
यूँ कहिये कि छोटे बच्चों को लगने वाली वैक्सीन जैसे.
फिलहाल रेबीज वैक्सीन मुख्यत दो तरह से लगती है.
एक स्किन में जिसे Intra-dermal कहा जाता है. यह काफी किफायती होता है. (4 वैक्सीन लगती है)
दूसरा होता है Intra-muscular, जिसमे muscle में वैक्सीन लगती है. (5 वैक्सीन लगती है)
ज्यादातर जगह पर ये सरकारी संस्थाओं में मुफ्त या बिलकुल कम फीस में लगाई जाती है.
अगर किसी वजह से सरकारी संस्था बंद है तो शुरूआती वैक्सीन आप प्राइवेट से लगवा लीजिये. लेकिन डिले मत कीजिये.
वर्ल्ड रेबीज डे कब मनाया जाता है?
28 सितम्बर को लुइस पाश्चर की डेथ एनिवर्सरी के दिन वर्ल्ड rabies डे मनाया जाता है.
इस दिन लोगो को rabies के प्रिवेंशन के बारे में अवेयर करवाया जाता है.
सबसे पहला वर्ल्ड rabies डे 2007 में मनाया गया था. इस साल 15वां वर्ल्ड rabies डे था.
इस बार की थीम है ; फैक्ट्स, नो फियर, मतलब कि rabies के बारे में फैक्ट और साइंस जानिये और डरिये मत.
अफवाहों से बचिए और सही जानकारी शेयर करके दूसरों को भी जागृत कीजिये .
कोरोना की वैक्सीन के साथ भी बहुत अफवाहे फैली हुई है
और इसकी वजह से दूसरी बीमारियों की वैक्सीन के प्रति भी अफवाहें बहुत है.
(कोरोना वैक्सीन and rabies वैक्सीन पर हमारा ब्लॉग पढ़ना ना भूलें)
” रेबीज लगभग 100 प्रतिशत जानलेवा है और इससे 100 प्रतिशतबचाव संभव है, बस सही जानकारी और सही समय पर हॉस्पिटल जाना”