सोचिए, सुबह उठते ही जोड़ों में अकड़न और दर्द हो रहा है,

जैसे रातभर फ्रिज में फंसे रहे हों।

ये बुढ़ापा है या कुछ और?

अगर डॉक्टर को शक है कि ये रुमेटाइड अर्थराइटिस (RA) हो सकता है –

ये एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो जोड़ों पर हमला करती है –

तो वो कुछ खास टेस्ट करवाएंगे।

आइए समझते हैं ये टेस्ट क्यों होते हैं, कैसे होते हैं,

और इनकी कीमत क्या है!

 

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RA का पता लगाने वाले 6 मुख्य टेस्ट

1. रुमेटाइड फैक्टर (RF) टेस्ट

  • ये क्या है? RF एक तरह का एंटीबॉडी है जो RA के मरीज़ों में कभी-कभी पाया जाता है। समझिए जैसे किसी घटना का एक शकभरा सब्जेक्ट – ये हमेशा दोषी नहीं होता, पर शक ज़रूर पैदा करता है।
  • क्यों करते हैं? RF का हाई लेवल RA का संकेत देता है, लेकिन 20% मरीज़ों में ये नेगेटिव आता है! ये टेस्ट और बीमारियों (जैसे लुपस) में भी पॉजिटिव आ सकता है।
  • कैसे होता है? साधारण ब्लड टेस्ट। खाली पेट की ज़रूरत नहीं।
  • खर्च: ₹500–₹2000 (लैब और इंश्योरेंस पर निर्भर)।

 

एंटी-सीसीपी एंटीबॉडी टेस्ट

  • ये क्या है? ये टेस्ट एंटी-साइक्लिक सिट्रूलिनेटेड पेप्टाइड (Anti-CCP) नामक एंटीबॉडी को ढूंढता है, जो RA का ज़्यादा सटीक संकेत है। अगर ये पॉजिटिव आए, तो RA की संभावना बहुत ज़्यादा।
  • क्यों करते हैं? RF से ज़्यादा भरोसेमंद। RA का शुरुआती दौर में ही पकड़ लेता है।
  • कैसे होता है? ब्लड टेस्ट।
  • खर्च: ₹1000–₹4000।

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ESR (एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट)

  • ये क्या है? ये टेस्ट बताता है कि आपके खून के लाल सेल्स ट्यूब में कितनी तेज़ी से नीचे बैठते हैं। जितनी तेज़ी, उतनी ज़्यादा सूजन (इन्फ्लेमेशन)
  • क्यों करते हैं? RA में सूजन होती है। ESR हाई हो तो जोड़ों पर अटैक हो रहा है।
  • कैसे होता है? ब्लड टेस्ट।
  • खर्च: ₹200–₹1000।

 

सीआरपी (सी-रिएक्टिव प्रोटीन) टेस्ट

  • ये क्या है? सीआरपी एक प्रोटीन है जो लिवर सूजन होने पर बनाता है। ये भी एक तरह का “अलार्म” है।
  • क्यों करते हैं? सूजन का लेवल जानने के लिए। हाई सीआरपी + जोड़ों का दर्द = RA का खतरनाक संकेत।
  • कैसे होता है? ब्लड टेस्ट।
  • खर्च: ₹200–₹1000।

 

एएनए (एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी) टेस्ट

  • ये क्या है? ये टेस्ट उन एंटीबॉडीज़ को ढूंढता है जो शरीर की अपनी कोशिकाओं के न्यूक्लियस पर हमला करते हैं। ये अक्सर लुपस जैसी बीमारियों की पहचान के लिए किया जाता है, जो RA जैसे लक्षण देती हैं।
  • क्यों करते हैं? RA और दूसरी बीमारियों में फर्क समझने के लिए।
  • कैसे होता है? ब्लड टेस्ट।
  • खर्च: ₹500–₹2000।

 

इमेजिंग: एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई

  • ये क्या है? ये स्कैन जोड़ों की “तस्वीरें” लेकर दिखाते हैं कि कहीं हड्डियों को नुकसान तो नहीं हुआ (जैसे सूजन, गांठें)।
  • क्यों करते हैं? RA शुरुआत में ही जोड़ों को खराब कर देता है – इमेजिंग से ये नुकसान समय रहते पकड़ा जाता है।
  • कैसे होता है? बिना दर्द वाला टेस्ट। मशीन के अंदर लेटकर फोटो ली जाती है।
  • खर्च: एक्स-रे (₹500–₹5000), अल्ट्रासाउंड (₹1000–₹8000), एमआरआई (₹3000–₹15,000)।

 

फॉलो-अप टेस्ट: RA को कंट्रोल में रखने के लिए

RA का इलाज लंबा चलता है। डायग्नोसिस के बाद ये टेस्ट नियमित करवाने पड़ते हैं:

  1. ESR/सीआरपी दोबारा: सूजन का लेवल चेक करने के लिए।
  2. कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC): खून की कमी (एनीमिया) देखने के लिए, जो RA में आम है।
  3. लिवर-किडनी टेस्ट: RA की दवाओं का साइड इफेक्ट चेक करने के लिए।
  4. डेक्सा स्कैन: RA से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं – ये स्कैन उनकी मजबूती मापता है।

 

खर्चे का हिसाब: भारत में कितना लगता है?

ये टेस्ट क्यों ज़रूरी हैं?

RA का समय पर पता चल जाए तो जोड़ों को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है।

ये टेस्ट सिर्फ नंबर्स नहीं हैं – ये आपकी सेहत का नक्शा हैं,

जो दर्द कम करके ज़िंदगी बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

अंत में: अपनी सेहत के लिए जागरूक बनें!
अगर आपको RA के टेस्ट करवाने हैं, तो डॉक्टर से पूछें: इस टेस्ट का मतलब क्या है? रिजल्ट के बाद मेरा इलाज कैसे बदलेगा? जानकारी ही आपकी ताकत है – और आपके जोड़ों को इसकी ज़रूरत है!