यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का श्योर शॉट इलाज़ है सही एंटीबायोटिक का पूरा कोर्स. लेकिन कितना अच्छा हो कि आपको UTI हो ही ना और आपको दवाई लेने की जरुरत ही न पड़े. क्रैनबेरी जूस एक कारगर आप्शन है. इस ब्लॉग में हम आपको क्रैनबेरी के बारे में बताएँगे कि कैसे यह UTI में मददगार होती है.
बात को डिटेल से समझने से पहले हमको बेसिक बात समझनी पड़ेगी.
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UTI क्या होती है? (What is Urinary Tract Infection)
UTI का मतलब है कि पेशाब के रास्ते (ट्रैक्ट) में बैक्टीरिया की इन्फेक्शन हो जाना. इसमें सबसे पहले गुर्दे आते हैं जहां पर यूरिन बनता है. उसके बाद यूरिन दो पाइप के जरिये, जिनको युरेटर कहा जाता है, पेशाब की थैली में इकठ्ठा होता है. पेसाब की थैली (यूरिनरी ब्लैडर) में पेशाब स्टोर होता है और एक लेवल तक भर जाने के बाद आपको बाथरूम जाने की इच्छा होती है. फिर युरेथरा (URETHRA) से होते हुए बाहर आता है.
इस पूरे रास्ते में कहीं पर भी इन्फेक्शन हो जाने को ही UTI कहा जाता है-Urinary Tract इन्फेक्शन
छोटे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं में UTI का रिस्क ज्यादा होता है. क्योंकि महिलाओं में युरेथरा की लम्भाई कम होती है और गुदा का रास्ता भी नजदीक होता है. बुजुर्गों में बॉडी का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और स्फिन्क्टेर सिस्टम, जो यूरिन बहने से रोकता है, भी कमजोर हो जाता है.
एंटीबायोटिक का कोर्स शुरू करने पर जल्द ही आराम भी लगता है. लेकिन प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर और क्रैनबेरी जूस या करोंदा का जूस को लेकर काफी दावे होते रहे हैं कि यह UTI से बचाता है. इससे जुडी कई रिसर्च भी हुई है. इसी पर बात करेंगे.
कैसे पहचाने कि आपको UTI हो सकता है? (How to know that you may have Urinary Tract Infection)
अगर
आपके पेशाब में जलन हो रही है,
पेशाब का रंग पिंक या रेडिश हो रहा है,
आपको बार-बार पेशाब आ रहा है या बार-बार पेशाब जाने का मन करता है,
लगातार पेशाब आने की फीलिंग होना,
पेशाब का रंग गध्ला होना,
पेशाब में रूटीन से हटके अलग सी बदबू आना,
पेट के नीचले हिस्से में दर्द होना जैसी दिक्कतें हो रही है,
तो हो सकता है कि आपको UTI हो गया हो. इसके लिए आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए.
अब बात करते हैं कि
क्या क्रैनबेरी (करोंदा) का जूस UTI से बचा सकता है?
इस सवाल का जवाब छिपा है क्रैनबेरी में मौजूद तत्वों में जो इसको इस तरह की इन्फेक्शन के मामलें में क्रैनबेरी को ख़ास बनाती है. क्रैनबेरी के जूस में प्रो-अन्थोस्यानीडीन (PROANTHOCYANIDINS) नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है और यह किसी भी बैक्टीरिया को पेशाब के रास्ते की दिवार पर चिपकने से रोकता है. यानी कि अगर बैक्टीरिया चिपक ही नहीं पायेगा तो इन्फेक्शन कैसे करेगा और वो यूरिन में बह जाएगा.
कई लोगों में बार-बार पेशाब में इन्फेक्शन की प्रॉब्लम देखी जाती है. एक रिसर्च में पाया गया कि अगर सोने से पहले रात को क्रैनबेरी का जूस पीया जाए तो बार-बार UTI होने का ख़तरा कम हो जाता है. लेकिन ऐसा कई महीनो तक करना पड़ सकता है.
क्रैनबेरी के फायदे ज्यादातर सिंपल UTI (यानी कि जिसमे किडनी का फंक्शन प्रभावित ना हो) में ही ज्यादा होते हैं. जिन लोगों में कम्पलीकेटिड UTI का खतरा होता है उनमे इसका ज्यादा असर नहीं देखा जाता है.
बल्कि जिन लोगों में UTI की वजह से ब्लैडर में दर्द हो रहा है उनको तो क्रैनबेरी जूस की वजह से दिक्कत ज्यादा भी हो सकती है.
ये दिक्कत प्रेग्नेंट फीमेल में और पेशाब की पाइप यानी कैथेटर लगे लोगों में ज्यादा देखी जाती है. क्योंकि उनके अंदर बैक्टीरिया का इन्फेक्शन ज्यादा हो जाता है और इन्फेक्शन ब्लैडर में आसानी से पहुँच जाता है.
क्रैनबेरी जूस से UTI से बचाव होता है इलाज़ नहीं. हालांकि एंटीबायोटिक के कोर्स के साथ-साथ क्रैनबेरी जूस पीने से जल्दी रिकवरी होती है.
ध्यान रहे.
वैसे तो काफी लोगों में सिंपल UTI बिना कुछ किये ही ठीक हो जाती है. लेकिन कई मामलों में बार-बार इन्फेक्शन हो रही है, तो आपको किसी यूरोलोजिस्ट से मिलना चाहिए. क्योंकि बिना इलाज़ के UTI जानलेवा भी हो सकती है. बड़ी आसानी से इन्फेक्शन पूरे शरीर में फ़ैल सकती है.
अब जान लेते हैं कि
Urinary Tract Infection का मेडिकल ट्रीटमेंट कैसे होता है?
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इसके लिए एक एंटीबायोटिक का कोर्स दिया जाता है. सिंपल UTI में एक हफ्ते से दो हफ्ते तक के कोर्स के बाद ये ठीक हो जाता है.लेकिन अगर कम्पलीकेटीड मामला है या बार-बार होता है, तो ज्यादा लम्बे समय तक एंटीबायोटिक लेने पड़ सकते हैं.
क्रैनबेरी जूस और मेडिकल ट्रीटमेंट के बाद अब सवाल आता है कि
क्या UTI के घरेलु इलाज़ संभव होता है?
इसका कोई घरेलु इलाज तो नहीं है, जिसको लेकर आपकी UTI पूरी तरह ठीक हो जाए, लेकिन हाँ कुछ नुस्खे हैं, जिनकी मदद से इसके लक्षणों में आराम लगेगा.
पूरे दिन में खूब पानी पीना चाहिए. पूरे दिन में दो से तीन लीटर तक पानी आराम से पीया जा सकता है. बहुत ज्यादा मात्र में पानी पीना भी सही नहीं है. क्योंकि ऐसा करने से आपके शरीर से जरुरी मिनरल भी बह जाते हैं.
शराब और कैफीन के सेवन को कम करना चाहिए. हो सके तो बंद कर देना चाहिए.
UTI की वजह से यूरिन एसिडिक हो जाता है, जो बैक्टीरिया की बढ़ोतरी में सहायक होता है. इसलिए सोडियम बाईकार्बोनेट एल्कलाइन करके एसिडिटी घटाता है.
पेनकिलर का इस्तेमाल भी क्या जा सकता है.
इसलिए
हर रोज़ 7 से 8 ग्लास पानी पीने से, शराब और कैफीन से परहेज, पेशाब को ज्यादा देर ना रोक कर,सम्भोग से पहले और बाद में यूरिन करने की प्रैक्टिस अपनाने से UTI होने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है. जनन अंगों को सही से साफ़ रखकर भी UTI से बचाव संभव है.
अलविदा से पहले थोडा रिवीजन..
Urinary Tract Infection पेशाब के रस्ते में होने वाली इन्फेक्शन है जो आमतौर पर देखी जाती है. मेडिकल ट्रीटमेंट के अलावा क्रैनबेरी जूस भी काफी कारगर है अगर सिंपल UTI के मरीज इसे इस्तेमाल करें. लेकिन यह सिर्फ इन्फेक्शन को बचाता है ना कि उसका इलाज़ करता है. बार-बार होने वाले Urinary Tract Infection के मरीजों को डॉक्टर से पूरा ट्रीटमेंट कोर्स लेना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सिर्फ और सिर्फ आपकी जानकारी बढाने के लिए है. यह किसी भी तरह का प्रिस्क्रिप्शन या ट्रीटमेंट नहीं है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर अपने डॉक्टर को जाकर दिखाइये. खुद से इलाज़ करना सुरक्षित नहीं है.