झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन जी के साथ जो हादसा हुआ, उसकी खबर ने हम सबको चौंका दिया है।

एक पब्लिक फिगर होने के नाते, उनकी कहानी सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि हम सबकी है।

यह हमें याद दिलाता है कि भले ही हम कितने भी बड़े पद पर हों, हम इंसान हैं और हमारे साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है।

यह हादसा एक बहुत जरूरी सबक लेकर आया है—घर की सुरक्षा, जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

ramdas soren

घर के अंदर का छुपा हुआ खतरा

हम सोचते हैं कि घर से सुरक्षित जगह और कोई नहीं, पर हकीकत कुछ और है।

भारत में चोट लगने की बहुत सारी वजहों में से एक है गिरना, और इसमें से ज्यादातर लोग अपने ही घर में गिरते हैं।

जैसे कि, छत्तीसगढ़ में हुई एक स्टडी में पता चला कि चोट लगने की सबसे आम वजहों में से एक गिरना ही था।

और वहीं, आंध्र प्रदेश के गाँवों में भी ये दूसरी सबसे आम चोट थी।

मंत्री जी के साथ जो हुआ, वो हमें बताता है कि ऐसी दुर्घटनाएं किसी के साथ भी हो सकती हैं, कहीं भी।

 

उन्हें क्या परेशानी हुई?

खबरों में बताया गया कि गिरने के बाद उनके दिमाग में खून का थक्का (blood clot) जम गया।

आसान भाषा में समझें तो, जैसे सड़क पर जाम लग जाता है, वैसे ही दिमाग में खून की नसें जाम हो जाती हैं।

ये बहुत खतरनाक होता है, क्योंकि अगर दिमाग को सही से खून न मिले, तो जान को खतरा हो सकता है।

इसीलिए उन्हें तुरंत दिल्ली एयरलिफ्ट करके खास इलाज के लिए ले जाया गया।

 

अगर परिवार में किसी के साथ ऐसा हो तो क्या करें?

अगर आपके सामने कोई परिवार का सदस्य गिर जाए और सिर में चोट लग जाए, तो घबराना नहीं है।

कुछ बातें हैं जिनका तुरंत ध्यान रखना चाहिए:

शांत रहें और देखें: सबसे पहले, देखें कि क्या वो इंसान होश में है। अगर है, तो उससे कुछ आसान सवाल पूछें, जैसे “आपका नाम क्या है?” या “आज कौन सा दिन है?”।

उसे हिलाएं नहीं: अगर वो बेहोश है, या आपको लगता है कि उसकी गर्दन या रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है, तो उसे बिल्कुल भी हिलाएं नहीं। ऐसा करने से चोट और भी बढ़ सकती है।

खून बह रहा हो तो दबाएँ: अगर कहीं से खून बह रहा है, तो एक साफ कपड़े से उस जगह पर हल्का और लगातार दबाव बनाए रखें।

मगर ध्यान से, अगर आपको लग रहा है कि सिर की हड्डी टूट गई है, तो सीधे घाव पर ज्यादा दबाव न डालें।

तुरंत मदद बुलाएं: अगर वो इंसान बेहोश हो जाता है, घबरा रहा है, उल्टी कर रहा है, या ठीक से बोल नहीं पा रहा है,

तो बिना देर किए एंबुलेंस को बुलाएं या उसे अस्पताल लेकर जाएँ।

 

अपने घर को सुरक्षित कैसे बनाएं, खासकर बड़ों के लिए?

ये हादसा हमें सिखाता है कि हमें खुद ही अपने घर की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। घर के अंदर, खास तौर पर बाथरूम में, हम ये आसान चीजें करके दुर्घटनाओं से बच सकते हैं:

नॉन-स्लिप मैट इस्तेमाल करें: ये सबसे ज़रूरी है। नहाने की जगह के अंदर और ठीक बाहर नॉन-स्लिप मैट जरूर रखें। गीले फर्श पर अक्सर फिसलन होती है, और ये मैट बहुत काम आती हैं।

सहारे के लिए रॉड (Grab Bars) लगवाएँ: खासकर घर के बुजुर्गों के लिए। टॉयलेट और नहाने की जगह के पास सहारे के लिए रॉड लगवा सकते हैं। ये एक छोटा सा खर्च है, पर इससे बहुत बड़ी दुर्घटना टल सकती है।

रोशनी का ध्यान रखें: बाथरूम में अच्छी रोशनी होनी चाहिए। रात में कई बार लोग लाइट जलाए बिना जाते हैं और ठोकर खा जाते हैं।

सामान बिखरा न रखें: फालतू सामान मत रखो फर्श पर। शैंपू और साबुन जैसी चीजों को शेल्फ या बास्केट में रखें ताकि कोई उनसे टकराकर गिर न जाए।

फर्श को सूखा रखें: जब भी पानी गिरे, उसे तुरंत साफ कर दें। गीला फर्श बहुत खतरनाक होता है।

हम उम्मीद करते हैं कि मंत्री जी जल्दी ठीक होकर घर वापस आएं। यह घटना हम सबके लिए एक सबक है कि हमें हर दिन अपने आसपास की चीजों के प्रति सावधान रहना चाहिए।