चीन में क्या हो रहा है?

2025 के मध्य में, स्वास्थ्य अधिकारियों ने चीन के गुआंग्डोंग प्रांत के Foshan शहर में चिकनगुनिया वायरस के प्रकोप की पुष्टि की।

अगस्त की शुरुआत तक, 7,000 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं, जिससे मच्छरों को नियंत्रित करने के बड़े प्रयास शुरू हो गए हैं।

china chikungunya outbreak 2025

चीनी अधिकारियों ने इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं, जैसे कि मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग, मच्छरों के लार्वा खाने वाली मछलियों को छोड़ना, और जमा हुए पानी पर जुर्माना लगाना।

यह पूर्वी एशिया में चिकनगुनिया के सबसे बड़े दर्ज किए गए प्रकोपों में से एक है, जिसने यात्रा चेतावनी और दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है।

चिकनगुनिया वायरस क्या है?

चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) से होती है। यह सिर्फ मच्छरों के काटने से फैलता है, खासकर दो तरह के मच्छरों से:

  • एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti)
  • एडीस एल्बोपिक्टस (Aedes albopictus)

ये वही मच्छर हैं जो डेंगू और ज़ीका फैलाते हैं, और ये ज़्यादातर दिन के समय काटते हैं।

यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता।

आप सिर्फ तभी इससे संक्रमित हो सकते हैं जब कोई मच्छर पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटकर आपको काटे।

Why there is Low platelets count in dengue fever and how you should manage this in 2025?

यह बुखार और जोड़ों में दर्द क्यों करता है?

मच्छर के काटने के बाद, वायरस आपके खून में चला जाता है और आपके शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय कर देता है। इससे ये होता है:

  • बुखार: क्योंकि आपका शरीर वायरस से लड़ने की कोशिश करता है।
  • जोड़ों और मांसपेशियों में सूजन: वायरस मुलायम ऊतकों, खासकर जोड़ों पर हमला करता है, जिससे दर्द, अकड़न और सूजन होती है।

ये प्रतिक्रियाएं शरीर की स्वाभाविक सुरक्षा हैं, लेकिन ये ही बीमारी से जुड़े ज़्यादातर दर्दनाक लक्षणों का कारण बनती हैं।

यह कैसे फैलता है?

चिकनगुनिया ऐसे फैलता है:

  1. एक मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है।
  2. वायरस मच्छर के अंदर बढ़ता है।
  3. 4-10 दिनों के बाद, वह मच्छर जीवन भर के लिए संक्रामक हो जाता है।
  4. वह दूसरे व्यक्ति को काटता है और वायरस फैलाता है।

चूंकि एडीस (Aedes) मच्छर रुके हुए पानी में अंडे देते हैं, इसलिए इसका प्रकोप ज़्यादातर गर्म, नमी वाले मौसम या बाढ़ और तूफ़ान के बाद होता है — जैसे हाल ही में चीन में आई बाढ़ के बाद।

देखने लायक लक्षण

मच्छर के काटने के 3-7 दिनों के बाद लक्षण दिखाई देते हैं और उनमें शामिल हैं:

  • 🌡️ तेज़ बुखार (102°F से ज़्यादा)
  • 🤕 जोड़ों में बहुत दर्द (टखनों, कलाई, उंगलियों, घुटनों में)
  • 🧠 सिरदर्द
  • 💪 मांसपेशियों में दर्द
  • 😴 थकान
  • 🩸 त्वचा पर लाल चकत्ते (कुछ मामलों में)

ज़्यादातर लोगों में, लक्षण लगभग एक हफ़्ते तक रहते हैं। हालांकि, जोड़ों का दर्द महीनों तक रह सकता है, खासकर बूढ़े लोगों या गठिया से पीड़ित लोगों में।

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क्या चिकनगुनिया का कोई इलाज या वैक्सीन है?

फ़िलहाल, चिकनगुनिया का कोई ख़ास एंटीवायरल इलाज नहीं है। डॉक्टर ये सलाह देते हैं:

बुखार और दर्द के लिए पैरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) लें।

आराम करें।

ख़ूब पानी पिएं।

शुरुआत में NSAIDs (जैसे इबुप्रोफेन) लेने से बचें, ताकि डेंगू का पता लगाया जा सके

जब किसी को तेज बुखार और जोड़ों में दर्द होता है, तो यह डेंगू या चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का संकेत हो सकता है।

ऐसे में शुरुआत में इबुप्रोफेन जैसी दवाएं, जो NSAIDs (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs) कहलाती हैं, लेने से बचना चाहिए।

इसका कारण यह है कि अगर बुखार डेंगू निकला, तो NSAIDs खून को पतला कर देती हैं और प्लेटलेट्स की संख्या और भी कम कर सकती हैं, जिससे नाक से, मसूड़ों से या अंदरूनी अंगों से खून बहने का खतरा बढ़ जाता है।

इसलिए जब तक डेंगू की पुष्टि न हो जाए, तब तक केवल पेरासिटामोल (Paracetamol) जैसी सुरक्षित दवा का इस्तेमाल करना चाहिए, जो बुखार और दर्द दोनों में राहत देती है और खून पर कोई नकारात्मक असर नहीं डालती।

बिना डॉक्टर की सलाह के NSAIDs लेने से बचें और सही जांच के बाद ही इलाज शुरू करें।

🧬 वैक्सीन की जानकारी अमेरिका ने 2023 में IXCHIQ नाम की एक सिंगल-डोज वैक्सीन को मंज़ूरी दी थी। यह ज़्यादा ख़तरे वाले इलाकों में यात्रा करने वालों के लिए इस्तेमाल होती है। हालांकि:

  • यह दुनिया भर में ज़्यादा उपलब्ध नहीं है।
  • 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों में सुरक्षा कारणों से इसका इस्तेमाल रोक दिया गया है।

भारत में अभी तक चिकनगुनिया की कोई लाइसेंस प्राप्त वैक्सीन नहीं है, लेकिन दुनिया भर में इसे ज़्यादा लोगों तक पहुँचाने के प्रयास जारी हैं।

यात्रा चेतावनी और वैश्विक प्रभाव

यू.एस. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने चीन के लिए लेवल 2 की यात्रा चेतावनी जारी की है। इसका मतलब है कि यात्रियों को ये करना चाहिए:

  • ज़्यादा सावधानी बरतें।
  • मच्छरों के काटने से बचें।
  • अगर लौटने के बाद लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से मदद लें।

अकेले 2025 में, दुनिया भर में 2,40,000 से ज़्यादा चिकनगुनिया के मामले सामने आए हैं। जलवायु परिवर्तन और मच्छरों के बदलते व्यवहार के कारण उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में चिंता बढ़ रही है।

क्या भारत को चिंतित होना चाहिए?

हाँ — लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है। भारत में, ख़ासकर मॉनसून के दौरान, चिकनगुनिया के प्रकोप का इतिहास रहा है, और कई कारण इसे संवेदनशील बनाते हैं:

भारत-चीन की लगातार यात्रा पर्यटकों, छात्रों और बिज़नेस करने वालों की आवाजाही से आयातित मामलों का ख़तरा बढ़ जाता है।

अनुकूल प्रजनन की स्थितियाँ भारत भर के शहर एडीस (Aedes) मच्छरों के लिए आदर्श जगह हैं — रुका हुआ पानी, भीड़-भाड़ वाले शहर और ख़राब कचरा प्रबंधन।

बदलता मौसम ज़्यादा बार गर्मी की लहरें और बाढ़ मच्छरों के मौसम को बढ़ाती हैं और प्रकोप का समय बढ़ाती हैं।

👉 सबसे अच्छा बचाव है लोगों में जागरूकता और मच्छरों पर नियंत्रण। जल्दी पता लगाना और लक्षणों का सही प्रबंधन बहुत ज़रूरी है।

खुद को चिकनगुनिया से कैसे बचाएं

आप मच्छरों को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन आप उन्हें अपने शरीर और घर तक पहुंचने से रोक सकते हैं।

🔒 व्यक्तिगत सुरक्षा

  • DEET- या पिकारिडिन- आधारित repellents (मच्छर भगाने वाली क्रीम) का इस्तेमाल करें।
  • लंबी आस्तीन वाले कपड़े और पैंट पहनें, खासकर दिन में।
  • जिन कमरों में हवा का सही इंतज़ाम नहीं है, वहां मच्छरदानी के अंदर सोएं।

🧼 घर पर नियंत्रण

  • रुके हुए पानी को हटा दें:
    • पौधों की ट्रे से
    • बाल्टियों से
    • AC यूनिट्स से
    • चिड़ियों के नहाने वाले बर्तनों से
  • पानी की टंकियों और नालियों को ढक कर रखें।
  • खिड़कियों और दरवाज़ों पर जाली लगवाएं।

अंतिम विचार और मुख्य बातें

2025 में चीन में चिकनगुनिया का प्रकोप हमें याद दिलाता है कि हमारी आपस में जुड़ी दुनिया में मच्छर से होने वाली बीमारियाँ कितनी जल्दी फैल सकती हैं।

🟡 मुख्य बातें:

  • चिकनगुनिया जानलेवा नहीं है, लेकिन यह दर्दनाक और लंबे समय तक रहने वाली बीमारी हो सकती है।
  • अभी तक कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों से राहत प्रभावी है।
  • बचाव ही सबसे अच्छा सुरक्षा है।
  • भारत को सतर्क रहना चाहिए, खासकर मॉनसून के दौरान।

सुरक्षित रहें, जागरूक रहें, और अपने और अपने समुदाय के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कदम उठाएं।