सबसे पहले ये जान लीजिए कि रेबीज़ के लक्षण तुरंत नहीं दिखते। जानवर के काटने के कुछ हफ्तों या महीनों बाद ये दिखाई दे सकते हैं।
इसकी वजह यह है कि वायरस को दिमाग तक पहुँचने में समय लगता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान और काटने वाली जगह पर दर्द या झुनझुनी शामिल हैं।
अगर समय पर इलाज न हो, तो ये लक्षण गंभीर रूप ले लेते हैं, जैसे कि पानी से डर (जिसे हाइड्रोफोबिया कहते हैं), बहुत ज़्यादा लार आना, अजीब व्यवहार, भ्रम, और आखिर में लकवा और मौत।
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पूरी जानकारी
रेबीज़ के लक्षण कब दिखते हैं?
रेबीज़ के लक्षण किसी जानवर के काटने के तुरंत बाद नहीं दिखते। इसमें कुछ दिन, हफ्ते या कभी-कभी तो महीनों भी लग सकते हैं।
लक्षण दिखने में इतना समय क्यों लगता है?
इसकी वजह यह है कि रेबीज़ का वायरस बहुत धीरे-धीरे काम करता है। यह खून में नहीं फैलता, बल्कि तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की नसों के ज़रिए धीरे-धीरे दिमाग तक पहुँचता है। लक्षण दिखने में लगने वाला समय कई बातों पर निर्भर करता है:
घाव की जगह: अगर जानवर ने दिमाग के पास काटा है, जैसे चेहरे, गर्दन या सिर पर, तो वायरस को दिमाग तक पहुँचने में कम समय लगता है। इसलिए, लक्षण भी जल्दी दिखते हैं।
अगर घाव शरीर के निचले हिस्से (जैसे पैर पर) है, तो वायरस को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे लक्षण दिखने में ज़्यादा समय लगता है।
घाव की गहराई: घाव जितना गहरा होगा, वायरस तंत्रिका तंत्र में उतनी जल्दी पहुँचेगा।
वायरस की मात्रा: जानवर की लार में वायरस की मात्रा कितनी थी, यह भी असर डालता है।
व्यक्ति की इम्यूनिटी: व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) भी इसमें एक भूमिका निभा सकती है।
शुरुआती लक्षण (Early Symptoms):
शुरुआत में, रेबीज़ के लक्षण फ्लू जैसी बीमारी जैसे लग सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- बुखार
- सिरदर्द
- थकान या कमजोरी
- जी मिचलाना और उल्टी
- काटने वाली जगह पर खुजली, दर्द, या झुनझुनी (Tingling) महसूस होना
गंभीर लक्षण (Advanced Symptoms):
जैसे-जैसे वायरस दिमाग तक पहुँचता है, लक्षण बहुत खतरनाक हो जाते हैं। इन लक्षणों को देखकर तुरंत समझ जाना चाहिए कि मामला बहुत गंभीर है:
पानी से डर (Hydrophobia): रेबीज़ का यह सबसे खास लक्षण है। मरीज़ को पानी पीने से या पानी देखने से डर लगने लगता है, क्योंकि गले की माँसपेशियों में दर्दनाक ऐंठन (spasms) होती है।
अजीब व्यवहार: व्यक्ति बहुत बेचैन, चिड़चिड़ा या हिंसक हो सकता है।
मतिभ्रम (Hallucinations): मरीज़ को ऐसी चीजें दिख सकती हैं जो असल में नहीं हैं।
ज़्यादा लार आना: मुँह से लगातार लार टपकती रहती है क्योंकि निगलने में बहुत दर्द होता है।
सांस लेने में दिक्कत: गले की माँसपेशियों में ऐंठन की वजह से सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।
लकवा (Paralysis): धीरे-धीरे शरीर के हिस्से काम करना बंद कर देते हैं।
एक ज़रूरी बात: अगर किसी भी जानवर ने काट लिया है, तो लक्षण दिखने का इंतज़ार बिल्कुल न करें। तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ।
एक बार लक्षण दिखने लगें, तो रेबीज़ का इलाज लगभग नामुमकिन हो जाता है और यह 100% जानलेवा साबित होता है।
और जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइट्स पर जा सकते हैं:
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC)
national rabies control program, India
(ध्यान दें: यह जानकारी सिर्फ आम जानकारी के लिए है। किसी भी मेडिकल सलाह के लिए हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें।)
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