नहीं, रेबीज़ का टीका लगवाने से आपको रेबीज़ की बीमारी नहीं हो सकती।

यह एक बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी है, और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

रेबीज़ का टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और यह बीमारी से बचने का एकमात्र तरीका है।

rabies faq

पूरी जानकारी

यह सवाल बहुत से लोगों के मन में होता है। लेकिन रेबीज़ के टीके के मामले में यह बात बिल्कुल ग़लत है।

रेबीज़ के टीके में कभी भी ज़िंदा वायरस का इस्तेमाल नहीं होता। यह हमेशा मरे हुए या निष्क्रिय वायरस से ही बनता है, इसलिए इससे रेबीज़ होना असंभव है।

कैसे बनता है रेबीज़ का टीका?

रेबीज़ के टीके को बनाने के लिए रेबीज़ वायरस को ख़ास लैब में उगाया जाता है और फिर उसे केमिकल या गर्मी से पूरी तरह से निष्क्रिय (Inactive) या मृत (Dead) कर दिया जाता है।

इसे ऐसे समझें: यह वायरस एक “खाली खोली” या “पुतला” जैसा बन जाता है।

उसके अंदर बीमारी फैलाने वाली शक्ति ख़त्म हो जाती है, लेकिन उसकी बाहरी बनावट वैसी ही रहती है। यह पुतला शरीर में जाकर कोई नुकसान नहीं पहुँचा सकता, क्योंकि वह ज़िंदा नहीं है।

जब यह निष्क्रिय वायरस हमारे शरीर में जाता है, तो हमारा इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) उसे पहचान लेता है।

वह यह तो समझ जाता है कि यह एक बाहरी चीज़ है, लेकिन चूँकि यह बीमारी नहीं फैला सकती, इसलिए शरीर को इससे लड़ने का पूरा समय मिल जाता है।

इसीलिए यह पूरी तरह से सुरक्षित है!

रेबीज़ का टीका इसीलिए सुरक्षित है क्योंकि इसमें बीमारी फैलाने वाला कारक (disease-causing agent) मौजूद ही नहीं होता।

यह सिर्फ हमारे शरीर को भविष्य में आने वाले खतरे के लिए तैयार करता है।

कई बार टीका लगवाना क्यों ज़रूरी है?

बहुत से लोग सोचते हैं कि बार-बार टीका लगवाने से सेहत को कोई नुकसान हो सकता है।

जबकि ऐसा नहीं है। जो लोग जानवरों के बीच काम करते हैं, जैसे पशु चिकित्सक (Veterinarian) या लैब के कर्मचारी, उन्हें रेबीज़ से बचाव के लिए कई बार टीके लगते हैं।

साथ ही, अगर किसी व्यक्ति को कई बार किसी जानवर ने काटा हो, तो उसे भी हर बार टीका लगवाना पड़ता है।

यह पूरी तरह से सुरक्षित है और यह सिर्फ आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है।

तो, अगर कोई कहे कि टीके से रेबीज़ हो सकता है, तो यह सरासर ग़लतफ़हमी है। टीके का मकसद बीमारी देना नहीं, बल्कि उससे बचाना है।

एक ज़रूरी बात

रेबीज़ के लक्षण दिखने के बाद बचने का कोई मौका नहीं होता। इसलिए, किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और कुत्ते, बिल्ली या किसी भी आवारा जानवर के काटने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ।

टीका लगवाने से ही आप अपनी जान बचा सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सिर्फ आम जानकारी के लिए है। किसी भी मेडिकल सलाह के लिए हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें।

इस ब्लॉग का मकसद आपको डराना नहीं, बल्कि ऐसी बीमारियों के बारे में जानकारी देकर जागरूक करना है।

Sources for more awareness

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO): https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/rabies