इंटरनेट पर आए दिन आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए ऐसे-ऐसे नुस्खे वायरल होते हैं कि देखकर मन में बस एक ही सवाल आता है—क्या सच में ये काम करते हैं?

आज हम ऐसे ही एक वायरल वीडियो की पड़ताल करने जा रहे हैं, जिसमें आँखों की सेहत और सिरदर्द के लिए कुछ देसी और आयुर्वेदिक नुस्खों की बात की गई है।

 

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तो चलिए, एक-एक करके हर दावे का सच जानते हैं।

दावा #1: 45 दिन तक बादाम, सौंफ और मिश्री का मिश्रण खाएं

वीडियो में कहा गया है कि पाँच भीगे हुए बादाम, एक चम्मच सौंफ, और एक चम्मच मिश्री को 45 दिनों तक सुबह खाली पेट खाने से आँखों की रोशनी बेहतर होती है।

इसके पक्ष में क्या है? (What’s in favor?)

पारंपरिक ज्ञान: आयुर्वेद में बादाम, सौंफ और मिश्री का मिश्रण आँखों के लिए फायदेमंद माना जाता है।

पोषण: बादाम विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो आँखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

वहीं, सौंफ में विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो मोतियाबिंद (cataracts) और उम्र से संबंधित मैकुलर डिजनरेशन (AMD) जैसी समस्याओं के खतरे को कम कर सकते हैं।

सच क्या है? (The Truth)

बादाम और सौंफ बेशक आँखों की सेहत के लिए अच्छे हैं, क्योंकि इनमें कुछ ज़रूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं।

हालांकि, वैज्ञानिक रिसर्च और मेडिकल एक्सपर्ट्स यह साफ कहते हैं कि ये नुस्खे आपकी आँखों का नंबर हटा नहीं सकते या चश्मा लगाने की ज़रूरत को खत्म नहीं कर सकते।

आँखों का नंबर आमतौर पर आँखों के आकार में बदलाव के कारण होता है, जिसे सिर्फ खाने-पीने से ठीक नहीं किया जा सकता।

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दावा #2: सोने से पहले त्रिफला चूर्ण, देसी घी और शहद का मिश्रण खाएं

वीडियो में एक और आयुर्वेदिक उपाय बताया गया है—सोने से पहले आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण, एक चम्मच देसी घी और एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर खाएं।

इसके पक्ष में क्या है? (What’s in favor?)

त्रिफला: त्रिफला एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होते हैं।

यह आँखों की मांसपेशियों को मज़बूत करने में मदद कर सकती है और आँखों में होने वाले तनाव (eye strain) को कम कर सकती है।

कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि त्रिफला मोतियाबिंद जैसी समस्याओं को रोकने में मददगार हो सकता है।

देसी घी और शहद: आयुर्वेद में देसी घी को आँखों के लिए पोषण देने वाला (nourishing) और शहद को आँखों के संक्रमण (infection) को कम करने वाला माना जाता है।

सच क्या है? (The Truth)

रिसर्च यह बताती है कि त्रिफला, देसी घी और शहद का मिश्रण आँखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह चश्मे का नंबर कम करने का कोई जादुई इलाज नहीं है।

दावा #3: स्क्रीन टाइम कम करें और 20-20-20 नियम का पालन करें

वीडियो का यह दावा बिलकुल सही है!

इसके पक्ष में क्या है? (What’s in favor?)

वैज्ञानिकों ने 20-20-20 नियम को डिजिटल आई स्ट्रेन (Digital Eye Strain) को कम करने का एक प्रभावी तरीका माना है।

यह नियम बहुत सीधा है: हर 20 मिनट बाद, 20 सेकंड के लिए, 20 फीट दूर किसी चीज़ को देखें। जब हम स्क्रीन पर देखते हैं,

तो हमारी पलकें झपकने की दर (blinking rate) आधी हो जाती है, जिससे आँखें सूख जाती हैं और उनमें जलन होने लगती है।

यह नियम आँखों की मांसपेशियों को आराम देता है और उन्हें फिर से नम करने में मदद करता है।

स्क्रीन टाइम कम करना और नियमित ब्रेक लेना आँखों के तनाव को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है।

निष्कर्ष (Conclusion): आँखें हमारी अनमोल धरोहर हैं

यह साफ है कि वायरल वीडियो में बताए गए सभी प्राकृतिक नुस्खे जैसे बादाम, सौंफ और त्रिफला आँखों के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।

लेकिन यह समझना बहुत ज़रूरी है कि वे किसी मेडिकल कंडीशन का इलाज नहीं हैं।

आँखों से जुड़ी समस्याओं, जैसे चश्मे का नंबर, को ठीक करने के लिए किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ (ophthalmologist) से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है।

स्वस्थ आँखें पाने के लिए संतुलित डाइट, नियमित व्यायाम, भरपूर नींद और 20-20-20 जैसे नियमों का पालन करना सबसे सही तरीका है।

 डिसक्लेमर (Disclaimer)

यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। यहाँ दी गई कोई भी जानकारी मेडिकल सलाह नहीं है।

इस पोस्ट में बताए गए आयुर्वेदिक नुस्खे या वैज्ञानिक शोध किसी भी बीमारी के इलाज का दावा नहीं करते।

किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या या आँखों की परेशानी के लिए, हमेशा एक योग्य डॉक्टर या नेत्र रोग विशेषज्ञ (ophthalmologist) से सलाह लें।

अपनी डाइट या जीवनशैली में कोई भी बड़ा बदलाव करने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना अनिवार्य है।

इस ब्लॉग में दी गई जानकारी को मेडिकल सलाह न मानें और न ही इसका इस्तेमाल किसी डॉक्टर की सलाह को नज़रअंदाज़ करने के लिए करें।

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