क्या आपने कभी सोचा है कि आपके शरीर में एक ऐसा खामोश योद्धा है जो दिन-रात आपके खून को साफ करने में लगा रहता है?
यह है आपकी किडनी। ये दो मुट्ठी के आकार के अंग (जिन्हें हम अक्सर हल्के में ले लेते हैं) न सिर्फ़ खून से गंदगी और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं,
बल्कि इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखते हैं, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) के उत्पादन में भी मदद करते हैं।
लेकिन क्या होगा अगर यह खामोश योद्धा बीमार पड़ने लगे?
अक्सर, किडनी की समस्याएँ धीरे-धीरे और बिना किसी स्पष्ट दर्द के बढ़ती हैं, जिसके कारण इन्हें ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है।
जब तक लक्षण गंभीर होते हैं, तब तक अक्सर बहुत देर हो चुकी होती है।
यही वजह है कि किडनी खराब होने के शुरुआती संकेतों को पहचानना, और कुछ आम गलतियों से बचना, आपकी जिंदगी बचा सकता है।
हाल के विभिन्न स्वास्थ्य लेखों (जैसे Times of India और एक अन्य रिपोर्ट) में किडनी की बीमारियों के शुरुआती संकेतों पर जोर दिया गया है।
आज हम इन सभी जानकारियों को एक साथ समझेंगे,
साथ ही किडनी स्टोन जैसी आम समस्याओं से बचने के तरीके और उन ‘2 घातक गलतियों’ पर भी बात करेंगे जिनसे हर हाल में बचना चाहिए।
क्या आप अपने शरीर के इस अनमोल अंग को स्वस्थ रखने के लिए तैयार हैं?
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किडनी की खामोश भाषा: सुबह दिखते हैं ये 5 बड़े संकेत
किडनी अक्सर तब तक शिकायत नहीं करती जब तक कि उन्हें गंभीर नुकसान न पहुँच जाए।
लेकिन हमारा शरीर हमें कुछ सूक्ष्म संकेत ज़रूर देता है, खासकर सुबह के समय। इन संकेतों को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है।
किडनी केयर यूके और विशेषज्ञों के अनुसार, किडनी खराब होने के शुरुआती संकेतों में ये प्रमुख हैं:
पेशाब में झाग या बुलबुले: कहीं प्रोटीन तो नहीं निकल रहा?
आप क्या देखते हैं
आपको बार-बार पेशाब में ज़्यादा झाग या बुलबुले दिखते हैं, खासकर सुबह के समय।
यह झाग सामान्य टॉयलेट क्लीनर के झाग से ज़्यादा देर तक बना रहता है।
इसका क्या मतलब है
यह प्रोटीन्यूरिया (Proteinuria) का संकेत हो सकता है, जिसका अर्थ है कि आपके पेशाब के ज़रिए प्रोटीन निकल रहा है।
हमारी स्वस्थ किडनी प्रोटीन को शरीर में रखती हैं और उन्हें पेशाब में नहीं जाने देतीं।
अगर किडनी के फ़िल्टर (जिन्हें ग्लोमेरुली कहते हैं) डैमेज हो जाते हैं, तो वे प्रोटीन को लीक करने लगते हैं।
यह किडनी डैमेज का एक शुरुआती और महत्वपूर्ण लक्षण है।
कब सतर्क हों
कभी-कभी डीहाइड्रेशन या तेज़ी से पेशाब आने से भी झाग बन सकता है,
लेकिन अगर यह बार-बार और लगातार होता है, तो तुरंत जांच करवाना ज़रूरी है।
चेहरे और आँखों पर सूजन (खासकर सुबह): पानी भर रहा है अंदर?
आप क्या देखते हैं
सुबह उठते ही आपकी आँखों के आस-पास (पलकों पर) और चेहरे पर सूजन दिखती है।
यह सूजन दिन बढ़ने के साथ पैरों और टखनों तक भी जा सकती है।
इसका क्या मतलब है
जब किडनी सही से काम नहीं करती, तो वे शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और सोडियम को बाहर निकालने में असमर्थ हो जाती हैं।
इससे शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिसे एडेमा (Edema) कहते हैं।
चेहरे और आँखों पर सूजन सबसे पहले दिखती है क्योंकि वहाँ की त्वचा पतली होती है।
कब सतर्क हों
अगर चेहरे की सूजन के साथ झागदार पेशाब, वजन बढ़ना या ब्लड प्रेशर बढ़ना भी हो तो यह किडनी की समस्या का गंभीर संकेत हो सकता है।
सूखी और लगातार खुजली वाली त्वचा: शरीर में ज़हर का जमाव?
आप क्या देखते हैं
आपकी त्वचा बहुत ज़्यादा सूखी रहती है और आपको लगातार खुजली होती रहती है।
यह आम ड्राई स्किन से अलग होती है और रात में ज़्यादा परेशान कर सकती है।
इसका क्या मतलब है
किडनी के ठीक से काम न करने पर शरीर में विषाक्त पदार्थ और खनिज जमा होने लगते हैं (जैसे फास्फोरस)।
ये तत्व रक्त में जमा होकर त्वचा में गंभीर खुजली और रूखेपन का कारण बन सकते हैं।
यह स्थिति आपकी नींद और जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
कब सतर्क हों
अगर यह खुजली लगातार बनी रहती है और आम मॉइस्चराइजर से राहत नहीं मिलती, तो इसे हल्के में न लें।
दिमागी थकान या ‘ब्रेन फॉग’: दिमाग पर असर?
आप क्या देखते हैं
आपको हमेशा थकान महसूस होती है, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है, चीज़ें याद नहीं रहतीं,
और सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है।
आप मानसिक रूप से ‘थका हुआ’ या ‘धुंधला’ महसूस करते हैं।
इसका क्या मतलब है
किडनी की समस्या से शरीर में खून की कमी (एनीमिया) हो सकती है,
क्योंकि किडनी लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक हार्मोन (एरिथ्रोपोइटिन) बनाती है।
साथ ही, विषाक्त पदार्थों का जमाव मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित करता है।
ये दोनों कारक मिलकर दिमागी थकान और संज्ञानात्मक समस्याओं का कारण बनते हैं।
कब सतर्क हों
अगर यह थकान सामान्य से ज़्यादा है और नींद लेने के बाद भी दूर नहीं होती,
साथ ही आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
लगातार सांसों से अमोनिया जैसी दुर्गन्ध: यूरेमिक सांस?
आप क्या देखते हैं
आपकी सांसों से एक अजीब सी, अमोनिया जैसी या पेशाब जैसी गंध आती है।
इसका क्या मतलब है
जब किडनी खून से यूरिया (एक विषाक्त अपशिष्ट उत्पाद) को प्रभावी ढंग से फ़िल्टर नहीं कर पाती, तो यह यूरिया रक्त में जमा होने लगता है।
शरीर इसे बाहर निकालने के लिए अन्य तरीकों का सहारा लेता है, जिसमें लार के माध्यम से निकलना भी शामिल है।
लार में मौजूद एंजाइम यूरिया को अमोनिया में बदल देते हैं, जिससे सांस में दुर्गन्ध आती है, जिसे यूरेमिक ब्रेथ (Uremic Breath) कहते हैं।
कब सतर्क हों
अगर यह दुर्गन्ध लगातार बनी रहती है और सामान्य मुंह की सफाई से दूर नहीं होती,
खासकर जब अन्य किडनी लक्षणों के साथ हो, तो यह एक गंभीर चेतावनी है।
यह याद रखें
ये लक्षण अलग-अलग दिख सकते हैं, लेकिन अगर आपको इनमें से कई एक साथ महसूस होते हैं,
तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
किडनी खराब होने के मुख्य कारण: इन्हें कंट्रोल करना है सबसे ज़रूरी
किडनी की बीमारियाँ अक्सर कुछ पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों के कारण होती हैं।
इन्हें समझना और नियंत्रित करना किडनी के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है
डायबिटीज (मधुमेह)
यह किडनी खराब होने का सबसे आम कारण है। उच्च रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) का स्तर समय के साथ किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाता है,
जिससे वे अपनी फ़िल्टर करने की क्षमता खो देती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)
दूसरा सबसे बड़ा कारण।
अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर किडनी की रक्त वाहिकाओं पर लगातार दबाव डालता है,
जिससे वे सख्त और संकीर्ण हो जाती हैं, और किडनी डैमेज होने लगती है।
मोटापा
मोटापा सीधे तौर पर किडनी पर तनाव डालता है और डायबिटीज व हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ाता है।
धूम्रपान और शराब
ये दोनों किडनी को सीधे नुकसान पहुँचाते हैं और रक्तचाप बढ़ाते हैं।
पारिवारिक इतिहास
अगर आपके परिवार में किसी को किडनी की बीमारी है, तो आपको भी इसका खतरा ज़्यादा हो सकता है।
अनुचित दवाएँ और सप्लीमेंट्स
कुछ दवाएँ (विशेषकर दर्द निवारक) और सप्लीमेंट्स का गलत या अत्यधिक उपयोग किडनी को नुकसान पहुँचा सकता है।
2 सबसे बड़ी गलतियाँ जिनसे आपको हर हाल में बचना चाहिए (The 2 Biggest Mistakes You Must Avoid)
आपने किडनी डैमेज के लक्षणों और कारणों को समझ लिया है।
अब उन दो आम और घातक गलतियों पर ध्यान दें, जिनसे बचना आपकी किडनी के लिए बेहद ज़रूरी है:
गलती #1: ओवर-द-काउंटर (OTC) दर्द निवारक का अत्यधिक और अनियंत्रित उपयोग
क्या है गलती: सिरदर्द, बदन दर्द या हल्के बुखार में हम अक्सर बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक गोलियाँ (जैसे आइबुप्रोफेन, नेप्रोक्सेन – NSAIDs) ले लेते हैं।
इनका कभी-कभार उपयोग ठीक हो सकता है, लेकिन लगातार या अत्यधिक उपयोग आपकी किडनी के लिए ज़हर समान है।
क्यों खतरनाक: ये दवाएँ किडनी में रक्त प्रवाह को कम कर सकती हैं, जिससे किडनी की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचता है।
लंबे समय तक इनका सेवन क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का कारण बन सकता है।
क्या करें: अगर आपको बार-बार दर्द होता है, तो खुद दवा लेने के बजाय डॉक्टर से सलाह लें।
दर्द के कारण का पता लगाएंगे और सुरक्षित विकल्प सुझाएंगे।
गलती #2: शरीर को डीहाइड्रेटेड रखना (पर्याप्त पानी न पीना)
क्या है गलती: व्यस्त जीवनशैली में हम अक्सर पर्याप्त पानी पीना भूल जाते हैं या जानबूझकर कम पानी पीते हैं।
क्यों खतरनाक: किडनी को आपके रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को फ़िल्टर करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।
अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो किडनी को काम करने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
डीहाइड्रेशन किडनी स्टोन के गठन का भी एक बड़ा कारण है (जैसा कि हम आगे देखेंगे) और गंभीर मामलों में तीव्र किडनी चोट (Acute Kidney Injury) का कारण बन सकता है।
क्या करें: हर दिन पर्याप्त पानी पिएं। वयस्कों के लिए आमतौर पर 2-3 लीटर पानी (या अपनी गतिविधि और जलवायु के अनुसार ज़्यादा) पीने की सलाह दी जाती है।
अपने साथ पानी की बोतल रखें और नियमित अंतराल पर पानी पीते रहें।
ये दो गलतियाँ अक्सर छोटी लगती हैं, लेकिन किडनी के स्वास्थ्य पर इनका बहुत बड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
किडनी स्टोन: एक बार हुआ तो दोबारा होने का खतरा 50% तक! इन 6 फूड्स से रहें दूर
अगर आपको एक बार किडनी स्टोन (पथरी) की समस्या हो चुकी है, तो सावधान हो जाइए। नवभारत टाइम्स की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार,
अगले 10 सालों में इसके दोबारा होने की संभावना लगभग 50% तक होती है। किडनी स्टोन का दर्द असहनीय होता है,
और इसे रोकने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना बहुत ज़रूरी है।
किडनी स्टोन कई प्रकार के होते हैं, जिनमें कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन सबसे आम है, और यूरिक एसिड स्टोन भी काफी प्रचलित है।
आपका आहार अक्सर आपके स्टोन के प्रकार पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ सामान्य सिद्धांत सभी पर लागू होते हैं।
यहाँ 6 ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिनसे किडनी स्टोन के मरीजों को बचना चाहिए, साथ ही उनके विकल्प भी:
1. हाई-ऑक्सलेट वाले खाद्य पदार्थ (High-Oxalate Foods)
बचें: पालक, चुकंदर, मेवे (विशेषकर बादाम, काजू), चॉकलेट, रूबर्ब, सोया उत्पाद। ये कैल्शियम के साथ मिलकर कठोर और दर्दनाक कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन बना सकते हैं।
क्या खाएं: तरबूज, खीरा, फूलगोभी, अंगूर, पत्ता गोभी, ब्रोकली, नींबू पानी।
2. हाई-सोडियम खाद्य पदार्थ (High-Sodium Foods)
बचें: नमकीन स्नैक्स, प्रोसेस्ड फूड, डिब्बाबंद सूप, फास्ट फूड, अचार, पापड़, अत्यधिक नमक वाला खाना।
क्यों: अधिक सोडियम शरीर से कैल्शियम को पेशाब के ज़रिए ज़्यादा बाहर निकालता है, जिससे कैल्शियम स्टोन बनने का खतरा बढ़ जाता है।
क्या खाएं: ताजे फल और सब्जियां, घर का बना खाना, हर्ब्स, नींबू का रस या हल्के मसाले।
3. जानवरों का मांस (Meat & Animal Proteins)
बचें: रेड मीट (लाल मांस), शेलफिश, ऑर्गन मीट (जैसे कलेजी)।
क्यों: इन खाद्य पदार्थों में प्यूरिन (Purine) ज़्यादा होता है, जो शरीर में यूरिक एसिड में टूट जाता है और यूरिक एसिड स्टोन का कारण बनता है। साथ ही, जानवरों का मांस पेशाब को ज़्यादा एसिडिक बना देता है, जिससे स्टोन का खतरा बढ़ जाता है।
क्या खाएं: दाल, बीन्स, चना, टोफू जैसे शाकाहारी हाई प्रोटीन फूड्स। पर्याप्त मात्रा में सब्जियां और फल भी खाएं।
4. मीठा और शक्कर युक्त पेय पदार्थ (Sugary Drinks)
बचें: सोडा, मीठे जूस, एनर्जी ड्रिंक्स और अन्य शक्कर युक्त पेय पदार्थ।
क्यों: इनमें ज़्यादा फ्रक्टोज (Fructose) होता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है और किडनी में पथरी की समस्या को जन्म दे सकता है।
क्या पीएं: सादा पानी सबसे अच्छा है। नींबू डालकर भी पी सकते हैं (बिना चीनी के)।
5. कोला और कैफीन (Cola and Caffeine)
बचें: कोला ड्रिंक्स में फॉस्फोरिक एसिड होता है जो किडनी स्टोन का कारण बन सकता है। अत्यधिक कैफीन शरीर को डिहाइड्रेट कर सकती है, जिससे भी पथरी की समस्या हो सकती है।
क्या पीएं: बिना चीनी वाली हर्बल टी, या सबसे अच्छा, पानी का सेवन करें।
6. विटामिन C सप्लीमेंट्स (अत्यधिक मात्रा में)
बचें: डॉक्टर की सलाह के बिना अत्यधिक मात्रा में विटामिन C सप्लीमेंट्स लेना।
क्यों: ज़्यादा मात्रा में विटामिन C शरीर में ऑक्सलेट में बदल सकता है, जो कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन बनने की संभावना को बढ़ाता है।
क्या करें: विटामिन C की अपनी ज़रूरत को फलों और सब्जियों से पूरा करें। सप्लीमेंट्स लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।
पानी है जीवन, किडनी स्टोन का सबसे बड़ा दुश्मन!
सभी आहार सलाहों के अलावा, सबसे महत्वपूर्ण सलाह है खूब पानी पीना।
दिन में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी या अन्य तरल पदार्थ पिएं। पर्याप्त पानी पेशाब को पतला रखता है,
जिससे खनिज और नमक घुल जाते हैं और स्टोन नहीं बन पाते।
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए ये आदतें अपनाएं: एक स्वस्थ जीवन का रोडमैप
किडनी को स्वस्थ रखना सिर्फ़ बीमारियों से बचना नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन जीना भी है। यहाँ कुछ आसान आदतें दी गई हैं जिन्हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं:
संतुलित और पौष्टिक आहार
ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लें। प्रोसेस्ड फूड, अत्यधिक नमक, चीनी और अस्वस्थ वसा से बचें।
नियमित व्यायाम
हर दिन कम से कम 30 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि (जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना) करें। यह ब्लड प्रेशर और वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।
स्वस्थ वजन बनाए रखें
मोटापा किडनी रोगों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। अपने वजन को नियंत्रित करें।
ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर पर नज़र रखें
अगर आपको डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर है, तो अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें और दवाएँ नियमित रूप से लें। नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें।
धूम्रपान और शराब से बचें
ये दोनों किडनी को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं।
पर्याप्त नींद लें
हर रात 7-8 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद लें।
तनाव का प्रबंधन करें
तनाव किडनी सहित पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। योग, ध्यान या अपने पसंदीदा शौक के माध्यम से तनाव कम करें।
डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट्स या जड़ी-बूटियाँ न लें
कुछ सप्लीमेंट्स या हर्बल दवाएँ किडनी पर भारी पड़ सकती हैं।
नियमित जांच करवाएं
अगर आपको किडनी रोग का कोई जोखिम कारक है (जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, पारिवारिक इतिहास), तो नियमित रूप से किडनी फंक्शन टेस्ट करवाते रहें।
कब डॉक्टर को दिखाएं और कौन से टेस्ट करवाएं? (When to See a Doctor and What Tests to Get?)
किडनी के लक्षणों को कभी भी हल्के में न लें।
विशेषज्ञ बार-बार शुरुआती पहचान के महत्व पर जोर देते हैं।
आपको कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
अगर आपको ऊपर बताए गए 5 में से कोई भी लक्षण लगातार महसूस होता है, या उनमें से कई एक साथ दिखते हैं,
तो बिना देर किए तुरंत अपने डॉक्टर या सीधे नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी रोग विशेषज्ञ) से सलाह लें।
कौन से टेस्ट करवाएं?
आपका डॉक्टर आपकी स्थिति के आधार पर कुछ सामान्य परीक्षणों की सलाह दे सकता है:
यूरिन टेस्ट (Urine Test): पेशाब में प्रोटीन, रक्त या अन्य असामान्यताओं की जांच के लिए।
ब्लड टेस्ट (Blood Test)
क्रिएटिनिन (Creatinine) और ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN): ये रक्त में अपशिष्ट उत्पादों का स्तर मापते हैं, जो किडनी के फ़िल्टर करने की क्षमता का संकेत देते हैं।
जीएफआर (GFR – Glomerular Filtration Rate): यह आपकी किडनी की फ़िल्टर करने की क्षमता का सबसे अच्छा माप है।
इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests)
अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या एमआरआई किडनी की संरचना में किसी भी समस्या (जैसे स्टोन, सिस्ट या ब्लॉकेज) को देखने में मदद कर सकते हैं।
समय पर निदान और उपचार से किडनी की बीमारी की प्रगति को धीमा किया जा सकता है और गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है।
निष्कर्ष: आपकी किडनी, आपकी जिम्मेदारी
किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर अनदेखे अंगों में से एक है।
इसकी खामोश पुकार को समझना और शुरुआती संकेतों को पहचानना आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
पेशाब में झाग, सुबह की सूजन, लगातार खुजली, थकान या सांसों की दुर्गन्ध – ये संकेत बताते हैं कि आपके शरीर के अंदर कुछ ठीक नहीं है।
हमने देखा कि कैसे कुछ आम गलतियाँ, जैसे दर्द निवारक का अंधाधुंध उपयोग और डीहाइड्रेशन, किडनी को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
और किडनी स्टोन जैसी समस्या से बचने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, यह भी समझा।
याद रखें, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर किडनी रोगों के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
इन्हें नियंत्रित रखें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, और सबसे बढ़कर – अपने शरीर की सुनें!
अगर आपको कोई भी असामान्य लक्षण महसूस होता है,
तो बिना किसी झिझक के डॉक्टर से सलाह लें।
आपकी जागरूकता और समय पर कार्रवाई आपकी किडनी को बचा सकती है और आपको एक लंबा, स्वस्थ जीवन दे सकती है।
अपनी किडनी को स्वस्थ रखें, वे आपको स्वस्थ रखेंगी।
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अस्वीकरण
इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य शैक्षिक उद्देश्यों और जागरूकता के लिए है, न कि पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार के विकल्प के रूप में।
यह जानकारी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति या जरूरतों पर विचार किए बिना प्रदान की गई है।
यदि आपको किडनी संबंधी कोई चिंता है या कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो हमेशा किसी योग्य चिकित्सा पेशेवर (जैसे नेफ्रोलॉजिस्ट या डॉक्टर) से सलाह लें।
किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के लिए चिकित्सा सलाह की उपेक्षा न करें या पेशेवर सलाह लेने में देरी न करें क्योंकि आपने इस ब्लॉग में कुछ पढ़ा है।
लेखक और प्रकाशक इस जानकारी के आधार पर किए गए किसी भी कार्य या निर्णय के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेते हैं।
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