आजकल इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर एक बहुत पॉपुलर ट्रेंड है जिसे “No-Makeup Makeup Look” या “Clean Girl Aesthetic” कहा जाता है।

The No-Makeup Makeup trend emphasizes natural beauty.

इस ट्रेंड में लड़कियाँ और अब लड़के भी ऐसा लुक क्रिएट करने की कोशिश करते हैं कि

लगे जैसे उन्होंने मेकअप नहीं किया, जबकि असल में कई लेयर प्रोडक्ट्स लगे होते हैं।

The No-Makeup Makeup look has gained immense popularity.

यह मिनिमलिस्ट लेकिन पॉलिश्ड लुक है, जिसमें ग्लो, स्मूद बेस और हल्की-सी नैचुरल फिनिश दिखती है।

Many influencers showcase their No-Makeup Makeup routines online.

Skincare and makeup products on marble

सवाल यह है कि क्या यह लुक सच में “नो-मेकअप” है,

This trend is often referred to as the No-Makeup Makeup style.

और क्या इसे हर रोज़ फॉलो करना सही है, खासकर टीनेजर्स और Gen Z के लिए?

नो-मेकअप मेकअप लुक असल में क्या है?

Understanding the No-Makeup Makeup Trend

नो-मेकअप मेकअप का मतलब यह नहीं कि आप बिना मेकअप रह रहे हैं।

Achieving the No-Makeup Makeup look requires practice.

इसमें हल्की बेस (BB क्रीम/हल्का फाउंडेशन),

टिंटेड मॉइस्चराइज़र,

Using the right products is key for the No-Makeup Makeup effect.

ब्राउ जेल, हल्का ब्लश, नैचुरल लिप टिंट और ग्लोइंग हाइलाइटर का इस्तेमाल होता है।

इसका मकसद ऐसा दिखना है जैसे स्किन बिल्कुल नेचुरल और हेल्दी है, लेकिन इसके पीछे कई लेयर होती हैं।

The No-Makeup Makeup approach promotes confidence in one’s skin.

सोशल मीडिया पर यह और ज़्यादा परफेक्ट दिखता है

क्योंकि फ़िल्टर और एडिटिंग भी यूज़ होती है।

साइंस और स्किन पर असर

इस ट्रेंड का पॉजिटिव पहलू यह है कि इसमें भारी बेस या कॉन्टूरिंग नहीं होती।

This is why the No-Makeup Makeup trend is appealing to many.

स्किन ब्रीदेबल रहती है और भारी मेकअप की तुलना में पिंपल्स का रिस्क थोड़ा कम होता है।

लेकिन दूसरी तरफ़, इसमें बार-बार फाउंडेशन, टिंटेड प्रोडक्ट्स और हाइलाइटर का इस्तेमाल भी होता है,

Choosing light products helps achieve the No-Makeup Makeup feel.

जो अगर सही से क्लीन न किए जाएं तो पोर्स क्लॉग कर सकते हैं।

इंडियन क्लाइमेट (गर्मी और ह्यूमिडिटी) में यह और भी जल्दी ब्रेकआउट करा सकता है।

टीनेजर्स के लिए रिस्क

Two people with blurred faces.

Teenagers often try to recreate the No-Makeup Makeup look.

टीनेजर्स की स्किन पहले से ही हार्मोनल बदलावों के कारण पिंपल-प्रोन होती है।

जब वे रोज़ाना बेस प्रोडक्ट्स लगाते हैं, तो:

The No-Makeup Makeup trend encourages skin health.

पोर्स ब्लॉक होने से एक्ने बढ़ सकते हैं।

लगातार मेकअप वाइप्स/हार्श क्लेंज़र इस्तेमाल से स्किन बैरियर डैमेज हो सकता है।

बार-बार मेकअप रिमूवल से ड्रायनेस और रैशेज हो सकते हैं।

डर्मेटोलॉजिस्ट्स का मानना है कि 13–19 साल के बच्चों को मेकअप लिमिटेड रखना चाहिए

It is essential to prioritize skincare alongside the No-Makeup Makeup.

और फोकस बेसिक स्किनकेयर पर होना चाहिए।

सोशल मीडिया प्रेशर

Confident teen girl smiling naturally.

Self-Love और Confidence ही सबसे बड़ा Glow है

“क्लीन गर्ल एस्थेटिक” में एक प्रॉब्लम यह भी है कि यह “परफ़ेक्ट स्किन” का आइडियल दिखाता है।

इससे Gen Z पर यह दबाव आता है कि उनकी स्किन भी हमेशा स्मूद, बिना दाग़ और ग्लोइंग दिखनी चाहिए।

जबकि रियलिटी में पोर्स, पिंपल्स और स्किन टेक्स्चर नॉर्मल हैं।

Images of the No-Makeup Makeup look can be misleading.

यह दबाव कई बार सेल्फ-इमेज और कॉन्फिडेंस पर नेगेटिव असर डाल सकता है।

इंडियन स्किन और क्लाइमेट के लिए चैलेंज

गर्मी और पसीना: इंडियन स्किन में पसीना ज़्यादा आता है, जिससे मेकअप जल्दी पिघल सकता है।

ऑयली स्किन टाइप: बहुत से टीनेजर्स की स्किन ऑयली होती है, और फाउंडेशन/BB क्रीम जल्दी ऑयली हो जाती है।

सन प्रोटेक्शन इग्नोर होना: इस लुक में कई बार लोग सनस्क्रीन स्किप कर देते हैं, जो सबसे ज़रूरी स्टेप है।

शेड मैचिंग: कई प्रोडक्ट्स वेस्टर्न स्किन टोन के हिसाब से बने होते हैं, जिससे इंडियन स्किन पर ग्रे या अननेचुरल दिख सकते हैं।

सही तरीके से कैसे करें?

Woman holding a coffee cup.

अगर आप यह ट्रेंड फॉलो करना चाहते हैं, तो:

स्किनकेयर को बेस बनाइए: रोज़ाना gentle cleanser, मॉइस्चराइज़र और SPF 50 सनस्क्रीन लगाइए।

लाइट प्रोडक्ट्स चुनें: टिंटेड मॉइस्चराइज़र या BB क्रीम फाउंडेशन से बेहतर हैं।

नॉन-कॉमेडोजेनिक प्रोडक्ट्स यूज़ करें ताकि पोर्स क्लॉग न हों।

सही तरीके से हटाइए: रात में मेकअप को gentle क्लेंज़र/माइसेलर वॉटर से हटाना ज़रूरी है।

पैच टेस्ट करें: नए प्रोडक्ट परफॉर्म करने से पहले पैच टेस्ट करना ज़रूरी है।

Practical Routine (Indian skin context)

ऑयली स्किन
सुबह – क्लेंज़र → लाइट मॉइस्चराइज़र → सनस्क्रीन → BB क्रीम/टिंटेड मॉइस्चराइज़र
रात – क्लेंज़र → सूदिंग टोनर/एसेंस → मॉइस्चराइज़र

ड्राय स्किन
सुबह – हाइड्रेटिंग क्लेंज़र → मॉइस्चराइज़र → सनस्क्रीन → हल्का टिंट/ब्लश
रात – क्लींजर → हायालुरोनिक एसिड सीरम → सेरामाइड क्रीम

कॉम्बिनेशन स्किन
सुबह – जेंटल क्लींजर → हल्का जेल मॉइस्चराइज़र → सनस्क्रीन → लिप टिंट
रात – क्लींजर → नायसिनामाइड सीरम → मॉइस्चराइज़र


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Final Takeaway

नो-मेकअप मेकअप लुक ट्रेंडी है और सही तरह से करने पर भारी मेकअप से बेहतर हो सकता है।

Ultimately, the No-Makeup Makeup philosophy promotes a natural glow.

लेकिन इसे हर रोज़ फॉलो करना टीनेजर्स और Gen Z के लिए हमेशा सही नहीं है।

कम से कम प्रोडक्ट्स यूज़ करना, स्किनकेयर पर फोकस करना और सनस्क्रीन कभी न छोड़ना—यही असली “क्लीन” रूटीन है।


Disclaimer

यह ब्लॉग केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है।

इसमें दी गई जानकारी मेडिकल सलाह नहीं है।

अगर आपको लगातार पिंपल्स, एलर्जी, स्किन रैशेज़ या कोई गंभीर समस्या है तो कृपया डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श लें।


References