कभी अचानक पलक फड़कने लगती है और लोग कह देते हैं – “अरे, कोई याद कर रहा है!”
😅 लेकिन असलियत में आँख की फड़कन का कारण कुछ और ही है।
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असली वजह – मांसपेशियों का हल्का झटका
हमारी पलकों में बहुत बारीक मांसपेशियाँ और नसें होती हैं।
जब इनमें हल्की थकान या असंतुलन होता है, तो ये अचानक सिकुड़ती-फैलती हैं।
इसी से आँख या पलक फड़कने लगती है।
🕑 कब ज़्यादा होती है?
थकान और नींद की कमी – दिमाग़ और नसें ज़्यादा तनाव में आ जाती हैं।
तनाव और चिंता – मानसिक दबाव का असर सीधा नसों पर पड़ता है।
कैफ़ीन (कॉफ़ी, चाय) ज़्यादा लेना – नसें और तेज़ी से सक्रिय हो जाती हैं।
आँखों पर ज़्यादा स्क्रीन टाइम – कंप्यूटर और मोबाइल का लंबे समय तक इस्तेमाल।
⚠️ कब चिंता करनी चाहिए?
अगर आँख लगातार कई दिनों तक फड़कती रहे।
अगर फड़कन के साथ धुंधला दिखना या आँख में दर्द हो।
अगर चेहरे के दूसरे हिस्सों में भी झटके आने लगें।
🚫 भ्रांति का सच
भ्रांति: पलक फड़की = शुभ या अशुभ संकेत।
सच: यह सिर्फ़ नसों और मांसपेशियों का हल्का झटका है, जिसका किस्मत से कोई लेना-देना नहीं।
✅ झटपट नतीजा
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आँख की फड़कन थकान, तनाव या कैफ़ीन की वजह से होती है।
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यह सामान्य और अस्थायी है।
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लंबे समय तक जारी रहे तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
🌀 तीन आसान चरणों में “आँख की फड़कन”
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नसों में हल्की गड़बड़ी।
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मांसपेशियों का झटका।
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महसूस हुआ → पलक फड़कना।
नतीजा: आँख की फड़कन बीमारी नहीं, बल्कि थकान और तनाव का संकेत है।
छोटी सलाह:
पर्याप्त नींद लें।
स्क्रीन टाइम कम करें।
तनाव और कैफ़ीन कम करें।