सर्दियों में या अचानक ठंडी हवा लगने पर हमारे शरीर पर छोटे-छोटे रोंगटे खड़े हो जाते हैं

कभी डर या भावनाओं के असर से भी यही होता है। लेकिन क्यों? आइए जानते हैं।

WHY DO WE HAVE GOOSEBUMPS

🔬 असली वजह – शरीर का बचाव तंत्र

हमारी त्वचा के नीचे छोटे-छोटे बाल होते हैं।

हर बाल के पास एक नन्ही मांसपेशी (Arrector pili muscle) जुड़ी होती है।

ठंड लगते ही ये मांसपेशियाँ सिकुड़ जाती हैं → बाल खड़े हो जाते हैं → त्वचा पर छोटे-छोटे उभार दिखने लगते हैं।

यही कहलाता है रोंगटे खड़े होना

🧥 ऐसा क्यों करता है शरीर?

जब बाल खड़े होते हैं तो उनके बीच हवा की पतली परत फँस जाती है।

यह परत शरीर को गर्म रखने में मदद करती है (वैसे इंसानों में बाल बहुत छोटे हैं, इसलिए असर कम होता है)।

जानवरों में यह तंत्र और भी कारगर है – ठंड में उनका बाल झड़ से खड़ा हो जाता है।

😨 डर या भावनाओं में क्यों?

डर, उत्साह या भावुक क्षणों में एड्रेनालिन हार्मोन रिलीज़ होता है।

यह भी उन्हीं मांसपेशियों को सक्रिय कर देता है।

नतीजा → रोंगटे सिर्फ़ ठंड में ही नहीं, बल्कि भावनाओं में भी खड़े होते हैं।

🚫 भ्रांति का सच

कई लोग सोचते हैं कि “रोंगटे खड़े होना = भूत-प्रेत पास हैं।”

असलियत यह है कि यह सिर्फ़ शरीर का नेचुरल रिफ़्लेक्स है, जो ठंड या भावनाओं की वजह से होता है।

✅ झटपट नतीजा

  1. ठंड या भावनाओं से मांसपेशियाँ सिकुड़ती हैं।

  2. बाल खड़े हो जाते हैं।

  3. नतीजा → रोंगटे खड़े होना।

🌀 तीन आसान चरणों में “रोंगटे खड़े होना”

  1. ठंड/डर/उत्साह → नसों ने सिग्नल दिया।

  2. बालों की मांसपेशियाँ सिकुड़ीं।

  3. रोंगटे खड़े हुए।

नतीजा: यह सामान्य और शरीर का सुरक्षा तंत्र है।

 छोटी सलाह: ठंड में रोंगटे खड़े होना बिल्कुल सामान्य है। गर्म कपड़े पहनने से यह कम हो जाता है।