कभी गहरी नींद में होते हैं और अचानक किसी ने जगा दिया तो तकिए पर गीला धब्बा दिखता है।
😅 यह है नींद में लार टपकना। लेकिन ऐसा क्यों होता है?
Table of Contents
🔬 असली वजह – मुँह का ढीला होना
नींद में हमारी मांसपेशियाँ ढीली हो जाती हैं।
जीभ और होंठ का कंट्रोल कम हो जाता है।
अगर मुँह खुला हो, तो लार बाहर निकलकर तकिए पर टपक जाती है।
😴 किन लोगों में ज़्यादा होता है?
गहरी नींद (डीप स्लीप) वाले लोगों में।
मुँह से सांस लेने वालों में (नाक बंद या आदत की वजह से)।
पेट के बल या करवट लेकर सोने वालों में।
🩺 कब ध्यान देना चाहिए?
अगर लार बहुत ज़्यादा और रोज़ टपकती है।
अगर साथ में खर्राटे, सांस लेने में दिक़्क़त या नींद टूटना भी हो।
यह स्लीप एपनिया या नाक/गले की समस्या का संकेत हो सकता है।
🚫 भ्रांति का सच
कई लोग कहते हैं कि “नींद में लार टपकना मतलब खाना हज़म नहीं हुआ।”
सच यह है कि इसका पाचन से कोई संबंध नहीं। असली कारण है – मुँह और मांसपेशियों का ढीलापन।
✅ झटपट नतीजा
-
नींद में मांसपेशियाँ ढीली हो जाती हैं।
-
मुँह खुला होने पर लार बाहर निकलती है।
-
यह सामान्य है और ज़्यादातर हानिरहित।
🌀 तीन आसान चरणों में “नींद में लार”
-
गहरी नींद में मुँह खुला।
-
लार बाहर निकली।
-
तकिए पर धब्बा।
नतीजा: नींद में लार टपकना सामान्य है, पर ज़्यादा हो तो जाँच कराएँ।
👉 छोटी सलाह:
पीठ के बल सोने की आदत डालें।
नाक साफ़ रखें ताकि मुँह से सांस न लेनी पड़े।
अगर समस्या रोज़ हो तो ईएनटी डॉक्टर को दिखाएँ।