कोविड से बचाव के लिए एक आम एलर्जी स्प्रे: क्या यह वाकई काम करता है?

हाल ही में एक वैज्ञानिक शोध ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है: आपके घर में रखी एक छोटी सी एलर्जी नेज़ल स्प्रे (nasal spray) शायद कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण से भी बचा सकती है।

यह सुनने में किसी चमत्कार से कम नहीं लगता, है ना? पर इस पर विश्वास करने से पहले, आइए इसके पीछे की पूरी सच्चाई को समझते हैं।

आज के ब्लॉग में, हम जर्मनी में हुए एक नए क्लीनिकल ट्रायल (clinical trial) के बारे में विस्तार से बात करेंगे,

जिसमें एज़ेलास्टीन (Azelastine) नामक एक सामान्य नेज़ल स्प्रे के संभावित फायदों का पता चला है। हम जानेंगे कि यह कैसे काम करता है,

इसके नतीजे कितने विश्वसनीय हैं, और सबसे ज़रूरी बात, क्या यह वैक्सीन और मास्क की जगह ले सकता है।

कोविड-19 वायरस से बचाव के लिए नेज़ल स्प्रे और सुरक्षा ढाल।

क्या यह आम नेज़ल स्प्रे कोविड-19 से बचाव का एक नया सुरक्षा कवच बन सकता है?


एज़ेलास्टीन (Azelastine) क्या है? यह सिर्फ़ एलर्जी के लिए नहीं है!

हम में से ज़्यादातर लोग एज़ेलास्टीन को सिर्फ़ एलर्जी और हे फीवर (hay fever) के लक्षणों को कम करने के लिए जानते हैं।

यह एक प्रकार का एंटीहिस्टामाइन (antihistamine) है, जो शरीर में हिस्टामाइन नामक उस केमिकल को रोकता है जो एलर्जी की प्रतिक्रियाओं का कारण बनता है।

इसी कारण से, यह बहती नाक, छींकने और नाक में खुजली से तुरंत राहत देता है।

लेकिन, वैज्ञानिक शोध अब दिखा रहे हैं कि इसके और भी फायदे हो सकते हैं। यह स्प्रे सिर्फ़ एलर्जी ही नहीं, बल्कि वायरस से लड़ने में भी मदद करता है।

यह नाक के अंदरूनी हिस्से (nasal lining) में सूजन को कम करता है, जिससे वायरस के लिए वहाँ रहना और बढ़ना मुश्किल हो जाता है।

साथ ही, कुछ लैब स्टडीज में यह भी पाया गया है कि यह सीधे वायरस को रोक सकता है और उसे शरीर की कोशिकाओं में घुसने से भी रोक सकता है।


वैज्ञानिकों ने क्या पता लगाया?

जर्मनी में हुए एक ट्रायल में, 450 स्वस्थ वयस्कों को दो ग्रुपों में बाँटा गया।

एक ग्रुप को एज़ेलास्टीन नेज़ल स्प्रे दिया गया, और दूसरे को प्लेसिबो (placebo) यानी एक नकली स्प्रे। 56 दिनों के बाद जो नतीजे सामने आए, वे बहुत ही प्रभावशाली थे।

संक्रमण में कमी: जिन लोगों ने एज़ेलास्टीन स्प्रे का इस्तेमाल किया, उनमें से केवल 2.2% ही संक्रमित हुए, जबकि प्लेसिबो ग्रुप में यह संख्या 6.7% थी।

इसका मतलब है कि इस स्प्रे ने संक्रमण के खतरे को लगभग 67% तक कम कर दिया।

कम गंभीर लक्षण: जिन लोगों को स्प्रे लगाने के बाद भी संक्रमण हुआ, उनमें लक्षण कम गंभीर थे और वे जल्दी ठीक हो गए।

अन्य बीमारियों से भी बचाव: इस ट्रायल में यह भी देखा गया कि यह स्प्रे सामान्य सर्दी-जुकाम (rhinovirus) जैसे अन्य श्वसन संक्रमणों से भी बचाव करता है।


क्या यह कोविड से बचाव का जादू है? नहीं, यह सिर्फ़ एक अतिरिक्त सुरक्षा कवच है।

यह ब्लॉग पढ़कर आप उत्साहित हो सकते हैं, लेकिन यह समझना बहुत ज़रूरी है कि यह नेज़ल स्प्रे कोई जादुई इलाज नहीं है।

यह कोविड से बचाव का सिर्फ़ एक और तरीका है।

वैज्ञानिक भी इस बात पर ज़ोर देते हैं कि यह एक शुरुआती (Phase 2) ट्रायल था।

इसके नतीजे बहुत ही अच्छे हैं, लेकिन इन्हें पूरी तरह से सही साबित करने के लिए और ज़्यादा बड़े और अलग-अलग जगहों पर ट्रायल करने की ज़रूरत है।

इसलिए, आप इसे वैक्सीन या मास्क की जगह इस्तेमाल नहीं कर सकते।

इसे एक ऐसे टूल के रूप में देखें, जो आपके सुरक्षा कवच में एक और परत जोड़ता है।

आप इसका इस्तेमाल उन स्थितियों में कर सकते हैं जहाँ संक्रमण का खतरा ज़्यादा हो, जैसे कि हवाई यात्रा, सार्वजनिक परिवहन में, या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर।

यह आपको ज़्यादा सुरक्षा दे सकता है, लेकिन यह वैक्सीनेशन और मास्क की जगह नहीं ले सकता।


निष्कर्ष और भारतीय संदर्भ

यह शोध वाकई एक नई उम्मीद जगाता है कि हम आम नेज़ल स्प्रे से भी कुछ हद तक वायरस को रोक सकते हैं।

भारत में एज़ेलास्टीन स्प्रे आसानी से उपलब्ध है, लेकिन इसका इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।

खासकर अगर आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इसका इस्तेमाल न करें।

आज भी, कोविड से बचाव का सबसे प्राथमिक और सबसे प्रभावी तरीका वैक्सीनेशन ही है।

मास्क पहनना, हाथ धोना और सुरक्षित दूरी बनाए रखना भी उतना ही ज़रूरी है।

सही जानकारी और सावधानी के साथ, हम खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।


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अस्वीकरण (Disclaimer)

यह ब्लॉग केवल जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या या दवा के बारे में हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।