नमस्ते प्यारे माता-पिता और परिवारजनों!
हम सब जानते हैं कि जब हमारे बच्चे बीमार पड़ते हैं, खासकर जब उन्हें खांसी या जुकाम होता है, तो हम कितने परेशान हो जाते हैं।
बस यही सोचते हैं कि किसी भी तरह से हमारा बच्चा जल्दी ठीक हो जाए और उसकी परेशानी दूर हो।
इस चाहत में हम अक्सर कुछ ऐसा कर बैठते हैं, जिसका नतीजा कभी-कभी सोच से भी ज़्यादा बुरा हो सकता है।
हाल ही में एक ऐसी खबर आई है, जिसने हम सभी का ध्यान खींचा है।

जब बच्चा बीमार हो, तो माता-पिता की चिंता स्वाभाविक है। लेकिन इस नाजुक समय में सही जानकारी और सावधानी ही आपके बच्चे का सबसे बड़ा कवच है।
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राजस्थान और मध्य प्रदेश में कुछ मासूम बच्चों की जान चली गई है, और इसका शक दूषित कफ सिरप पर है।
यह खबर वाकई चिंताजनक है और हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर बच्चों की दवाओं को लेकर हमें कितनी सावधानी बरतनी चाहिए।
यह ब्लॉग आपको डराने के लिए नहीं, बल्कि सही जानकारी देने और आपको यह बताने के लिए है कि आप अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए क्या कर सकते हैं।
आइए, समझते हैं कि बच्चों की खांसी की दवाओं से जुड़े खतरे क्या हैं और हम सब मिलकर कैसे अपने बच्चों का बेहतर ख्याल रख सकते हैं।
क्या हुआ है और हमें क्यों सावधान रहना है? (खबर का संदर्भ)
जैसा कि मैंने ऊपर बताया, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बच्चों की मौतें हुई हैं। इन बच्चों को खांसी होने पर Dextromethorphan (डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न) नाम की दवा वाला कफ सिरप दिया गया था।
कुछ बच्चों की हालत बिगड़ी और वे कोमा में चले गए।
इसके बाद राजस्थान सरकार ने तुरंत कदम उठाए – एक फार्मा कंपनी, Kaysons Pharma, की सभी 19 दवाओं पर रोक लगा दी और राज्य के ड्रग कंट्रोलर को भी निलंबित कर दिया।
ये बताता है कि मामला कितना गंभीर है।
इतना ही नहीं, तमिलनाडु में भी एक और कफ सिरप (Coldrif) में Diethylene Glycol (DEG) नाम का एक बहुत ही ज़हरीला केमिकल मिला है।
यह वही केमिकल है जिसने दुनिया के कई देशों में बच्चों की जान ली है।
अब समझते हैं कि ये सब क्या है और हमें क्या सीखना है।
खांसी की दवा में छिपे दो बड़े खतरे: DXM और DEG
खांसी की दवाओं में दो चीजें ऐसी हैं, जिनके बारे में हर माता-पिता को पता होना चाहिए:
1. Dextromethorphan (DXM): बच्चों के लिए ‘नुकसानदेह’ हो सकता है
क्या है यह? DXM एक ऐसा केमिकल है जो खांसी को रोकने का काम करता है। यह आपके बच्चे के दिमाग में उस हिस्से को शांत करता है, जो खांसी का संकेत देता है। यह कई कफ सिरप में मिलता है।
बच्चों के लिए खतरा क्यों? हमारे बच्चों का शरीर हमारी तरह नहीं होता। एक वयस्क के लिए जो दवा सुरक्षित है, वह छोटे बच्चे के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है।
छोटे बच्चों में DXM की ज़्यादा खुराक या गलत उम्र में देने पर:
उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
बहुत ज़्यादा नींद आ सकती है या वे बेहोश हो सकते हैं।
दिमाग में उलझन या दौरे भी पड़ सकते हैं।
सरकारी चेतावनी
हमारी सरकार (ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने साफ कहा है कि DXM वाला कफ सिरप 5 साल से ऊपर के बच्चों को ही देना चाहिए,
और 2 साल से कम उम्र के बच्चों को तो इसे कभी नहीं देना चाहिए। पहले भी 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इसे मना किया गया था।
2. Diethylene Glycol (DEG): दवा नहीं, ‘ज़हर’ है ये!
क्या है यह? यह तो और भी खतरनाक है। Diethylene Glycol (DEG) कोई दवा नहीं, बल्कि एक ज़हरीला केमिकल है जो गाड़ियां ठंडी रखने वाले ‘एंटीफ्रीज़’ जैसे औद्योगिक उत्पादों में इस्तेमाल होता है।
यह भूल से या जानबूझकर (सस्ती होने की वजह से) कुछ दवा बनाने वाले लोग सिरप में मिला देते हैं।
कितना खतरनाक है? DEG शरीर में जाने पर सीधा किडनी (गुर्दों) पर हमला करता है, उन्हें फेल कर देता है। यह दिमाग और नसों को भी नुकसान पहुंचा सकता है, और अक्सर यह जानलेवा साबित होता है।
दुनिया भर में इसके कारण कई बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं।
हमें अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रखना है? एक माता-पिता की चेकलिस्ट!
बच्चों के बीमार होने पर उनकी देखभाल करना मुश्किल होता है, लेकिन कुछ बातें हमेशा याद रखनी चाहिए:
बिना डॉक्टर पूछे कोई दवा नहीं, खासकर सिरप!
अपने मन से या किसी और की सलाह पर बच्चे को कफ सिरप या कोई भी दवा न दें।
डॉक्टर ही बच्चे की उम्र, वजन और उसकी बीमारी की सही जांच करके सही दवा और उसकी खुराक बता सकते हैं। वे जानते हैं कि कौन सी दवा बच्चे के लिए सुरक्षित है।
दवा का लेबल ‘ध्यान से’ पढ़ें:
दवा खरीदने से पहले और देने से पहले बोतल पर लगा लेबल हमेशा पढ़ें।
उम्र की सीमा देखें: अगर उस पर लिखा है कि ‘2 साल से कम उम्र के लिए नहीं’ या ‘5 साल से ऊपर के लिए’, तो उस बात को मानें। अगर बच्चा उस उम्र का नहीं है, तो वो दवा न दें।
सामग्री (Ingredients) देखें: अगर उसमें Dextromethorphan (DXM) लिखा है, तो खास सावधान रहें और डॉक्टर से फिर से पूछें।
खुराक (Dosage) की जांच करें: डॉक्टर ने जितनी मात्रा (ML) बताई है, उतनी ही दें, उससे ज़्यादा नहीं।
किसी भी असामान्य लक्षण पर नज़र रखें:
बच्चे को दवा देने के बाद अगर उसकी हालत बिगड़ती है, जैसे:
बहुत ज़्यादा नींद आना या बेहोशी।
सांस लेने में दिक्कत होना।
लगातार उल्टी या पेट दर्द।
बहुत ज़्यादा सुस्ती या अजीब व्यवहार।
बुखार का तेज होना या ठंड लगना।
तो तुरंत दवा बंद करें और बिना एक पल गंवाए डॉक्टर या इमरजेंसी में जाएं।
बच्चों की खांसी के लिए सुरक्षित और आसान उपाय (डॉक्टर से पूछ कर)
शहद (1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए): गर्म पानी में थोड़ा शहद मिलाकर देने से खांसी में आराम मिलता है। यह एक साल से छोटे बच्चों को न दें।
नमक पानी के गरारे (बड़े बच्चों के लिए): हल्के गर्म पानी में नमक डालकर गरारे कराने से गले को आराम मिलता है।
तरल पदार्थ: बच्चे को खूब सारा पानी, सूप या पतला जूस दें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
आराम: भरपूर आराम करने दें।
ह्यूमिडिफायर: कमरे में एक ह्यूमिडिफायर चलाने से हवा में नमी आती है, जिससे बच्चे को सांस लेने में आसानी हो सकती है।
दवा की एक्सपायरी डेट ज़रूर देखें
हमेशा दवा खरीदने से पहले और देने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट ज़रूर देखें। एक्सपायर हो चुकी दवा कभी न दें।
विश्वसनीय दुकान से दवा खरीदें
हमेशा लाइसेंस प्राप्त और विश्वसनीय फार्मेसी या मेडिकल स्टोर से ही दवा खरीदें।
अगर किसी दवा पर शक हो, तो क्या करें?
अगर आपको किसी दवा की गुणवत्ता या सुरक्षा पर थोड़ा भी शक है, तो उसका उपयोग तुरंत बंद कर दें।
अपने डॉक्टर को सूचित करें।
आप अपनी स्थानीय दवा नियामक प्राधिकरण (ड्रग कंट्रोलर ऑफिस) को भी इसकी जानकारी दे सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) – आपके मन के कुछ आम सवाल
Q1: मेरे बच्चे को खांसी है, लेकिन डॉक्टर के पास जाने का समय नहीं मिल रहा, तो क्या मैं कोई भी कफ सिरप दे सकती हूँ?
A1: बिलकुल नहीं! हम समझते हैं कि समय निकालना मुश्किल होता है, लेकिन बच्चों के मामले में ‘देर भली, जल्दी बुरी’ वाली कहावत याद रखें।
बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कफ सिरप देना बहुत खतरनाक हो सकता है, क्योंकि हर बच्चे की उम्र, वजन और खांसी की वजह अलग होती है।
आजकल ऑनलाइन कंसल्टेशन (online consultation) का भी विकल्प होता है, जो बहुत सुविधाजनक है।
Q2: डॉक्टर ने कफ सिरप बताया है, लेकिन मुझे अभी भी डर लग रहा है, क्या करूँ?
A2: यह डरना स्वाभाविक है, खासकर ऐसी खबरें सुनने के बाद। अगर आपको कोई भी शंका है, तो डॉक्टर से खुलकर बात करें।
उनसे पूछें कि यह सिरप बच्चे की उम्र और वजन के हिसाब से क्यों सही है, इसमें कौन से तत्व हैं, और इसके क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
एक अच्छे डॉक्टर आपके सभी सवालों का जवाब देंगे और आपको संतुष्ट करेंगे।
Q3: बच्चे की खांसी के लिए घर पर कौन से नुस्खे आज़मा सकते हैं, जो सुरक्षित हों?
A3: हां, कुछ घरेलू नुस्खे काफी आरामदायक हो सकते हैं, लेकिन हमेशा डॉक्टर से एक बार पूछ लेना बेहतर है।
शहद (1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए): गर्म पानी या दूध में थोड़ा शहद मिलाकर देना खांसी में आराम दिला सकता है। एक साल से छोटे बच्चों को शहद कभी न दें।
गरारे (थोड़े बड़े बच्चों के लिए): गुनगुने पानी में चुटकी भर नमक डालकर गरारे कराना गले की खराश और खांसी में आराम देता है।
पर्याप्त तरल पदार्थ: बच्चे को खूब सारा पानी, नारियल पानी, सूप या पतला जूस देते रहें ताकि उसका गला सूखने न पाए।
आराम: भरपूर आराम बच्चे को जल्दी ठीक होने में मदद करता है।
ह्यूमिडिफायर: कमरे में एक ह्यूमिडिफायर चलाने से हवा में नमी आती है, जिससे बच्चे को सांस लेने और खांसी कम करने में मदद मिल सकती है।
Q4: मुझे कैसे पता चलेगा कि कफ सिरप में Dextromethorphan (DXM) या Diethylene Glycol (DEG) है?
A4: दवा के लेबल पर हमेशा ‘Ingredients’ (सामग्री) वाला हिस्सा ध्यान से पढ़ें। अगर उसमें Dextromethorphan (DXM) लिखा है, तो समझ जाएं कि यह वही घटक है जिसके लिए आयु सीमा का खास ध्यान रखना है।
Diethylene Glycol (DEG) जैसी ज़हरीली चीज़ें लेबल पर नहीं लिखी होतीं, ये अवैध मिलावट होती हैं।
इसलिए, हमेशा लाइसेंस वाली दुकान से और विश्वसनीय ब्रांड की दवा ही खरीदें और डॉक्टर से पूछ कर ही दें।
Q5: अगर बच्चे को कफ सिरप देने के बाद उसकी हालत बिगड़ जाए, तो क्या करूँ?
A5: अगर आपको लगता है कि कफ सिरप देने के बाद आपके बच्चे की हालत बिगड़ रही है (जैसे बहुत ज़्यादा नींद आना, सांस लेने में दिक्कत, लगातार उल्टी, बहुत सुस्ती),
तो तुरंत दवा देना बंद कर दें और बिना एक पल भी गंवाए अपने नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल की इमरजेंसी में जाएं। देर करना खतरनाक हो सकता है।
Q6: क्या सभी कफ सिरप खराब हैं? क्या बच्चों को कभी कफ सिरप नहीं देना चाहिए?
A6: नहीं, ऐसा नहीं है। सभी कफ सिरप खराब नहीं होते और कुछ स्थितियों में डॉक्टर की सलाह पर दिए गए सिरप सुरक्षित और प्रभावी होते हैं।
समस्या तब आती है जब मिलावट हो या जब गलत उम्र के बच्चे को गलत खुराक में सिरप दे दिया जाए।
इसलिए, ‘कभी नहीं’ नहीं, बल्कि ‘सही समय पर और सही तरीके से’ देना महत्वपूर्ण है, और वह भी सिर्फ़ डॉक्टर की सलाह से।
निष्कर्ष: जागरूक रहें, सुरक्षित रहें!
अपने बच्चों को सुरक्षित रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ये दुखद घटनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि हमें अपने बच्चों की दवाओं के प्रति कितना सतर्क रहना चाहिए।
डरने की बजाय, जागरूक बनें। अपने डॉक्टर से खुल कर बात करें। लेबल को ध्यान से पढ़ें।
और हमेशा याद रखें, कभी-कभी ‘कम दवा’ या ‘सही घरेलू उपाय’ ही ‘जल्दी ठीक’ करने वाली दवा से ज़्यादा सुरक्षित और बेहतर होता है।
आपकी छोटी सी सावधानी आपके बच्चे के लिए एक बड़ा सुरक्षा कवच बन सकती है।
अपने बच्चों को सुरक्षित रखें, और हमेशा उनके स्वास्थ्य को अपनी पहली प्राथमिकता मानें।
मेडिकल डिसक्लेमर (Medical Disclaimer)
इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए।
यदि आपको या आपके बच्चे को कोई चिकित्सीय स्थिति या स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ हैं, तो हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता (जैसे आपके डॉक्टर, बाल रोग विशेषज्ञ) से सलाह लें।
इस ब्लॉग में पढ़ी गई किसी भी जानकारी के कारण पेशेवर चिकित्सा सलाह को कभी भी अनदेखा न करें या उसे लेने में देरी न करें।
संदर्भ (References)
Cough syrup row: Rajasthan govt suspends drug controller, halts distribution of Kaysons Pharma drugs
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