क्या है ये Creatine, और क्यों हो रही है इसकी इतनी बात?

आजकल जिम जाओ या सोशल मीडिया खोलो, हर जगह एक ही नाम सुनाई देता है – Creatine (क्रेटीन )

पहले ये सिर्फ़ बॉडीबिल्डर लोग लेते थे, पर अब तो हर कोई, जो थोड़ी-बहुत कसरत करता है, इसके बारे में बात कर रहा है।

पर सवाल ये है कि ये है क्या, ये काम कैसे करता है, और क्या ये सच में इतना फ़ायदेमंद है?

इस ब्लॉग में, हम क्रेटीन से जुड़े हर सवाल का जवाब बिलकुल आसान भाषा में समझेंगे।

बिना किसी भारी-भरकम वैज्ञानिक शब्दों के, ताकि हर कोई इसे समझ सके।

Table of Contents

क्रेटीन है क्या, और कहाँ से आता है?

सबसे पहले तो ये जान लो कि क्रेटीन कोई जादुई पाउडर नहीं है।

ये एक ऐसा पदार्थ है जो हमारे शरीर में पहले से ही बनता है, ख़ासकर हमारी किडनी और लिवर में।

इसके अलावा, हम जो खाना खाते हैं, जैसे लाल मांस (red meat) और मछली (seafood), उनसे भी हमें क्रेटीन मिलता है।

हमारे शरीर में 95% क्रेटीन हमारी मांसपेशियों में जमा होता है।

इसका सबसे बड़ा काम है हमारी मांसपेशियों को तुरंत एनर्जी देना, ख़ासकर जब हम कोई भारी काम करते हैं, जैसे कि वज़न उठाना या तेज़ी से दौड़ना।

क्रेटीन काम कैसे करता है?

creatine

अब आते हैं असली बात पर। हमारे शरीर में एनर्जी का सबसे बड़ा सिक्का है ATP (Adenosine Triphosphate)

जब हमें तुरंत और ज़्यादा एनर्जी चाहिए होती है, तो हमारा शरीर इस ATP को इस्तेमाल करता है।

पर ये ATP बहुत जल्दी ख़त्म हो जाता है।

यहीं पर एंट्री होती है क्रेटीन की।

जब हम कसरत करते हैं, तो ATP टूटता है और एनर्जी मिलती है। पर जैसे ही वो ख़त्म होने लगता है, तो क्रेटीन,

जो हमारी मांसपेशियों में फॉस्फोक्रेटीन (Phosphocreatine) के रूप में जमा होता है, वो इस टूटे हुए ATP को फिर से जोड़कर नया ATP बना देता है।

सीधी भाषा में कहें तो, क्रेटीन एक तरह का इमरजेंसी बैटरी चार्जर है जो हमारी मांसपेशियों को तुरंत चार्ज कर देता है, ताकि हम ज़्यादा देर तक और ज़्यादा ताक़त से कसरत कर सकें।

जब आप ज़्यादा देर तक या ज़्यादा तेज़ी से कसरत करते हैं, तो आप अपनी मांसपेशियों को और ज़्यादा काम करने के लिए मजबूर करते हैं, जिससे वो धीरे-धीरे बड़ी और मज़बूत होती हैं।

यही वजह है कि क्रेटीन से आपको जिम में ज़्यादा फ़ायदा मिलता है।

क्रेटीन के फ़ायदे: क्या ये सिर्फ़ बॉडीबिल्डर के लिए है?

जैसा कि मैंने कहा, पहले लोग सोचते थे कि ये सिर्फ़ बॉडीबिल्डर और एथलीटों के लिए है, पर रिसर्च से पता चला है कि इसके फ़ायदे इससे कहीं ज़्यादा हैं:

मांसपेशियों की ताक़त और साइज़ बढ़ाए

ये इसका सबसे बड़ा और सबसे मशहूर फ़ायदा है। जब आप क्रेटीन लेते हैं, तो आपकी मांसपेशियाँ ज़्यादा पानी जमा करती हैं, जिससे वो थोड़ी बड़ी दिखती हैं।

इसके साथ-साथ, जैसा कि हमने ऊपर समझा, ये आपको ज़्यादा देर तक और भारी वज़न उठाने में मदद करता है।

जब आप जिम में ज़्यादा ज़ोर लगाते हैं, तो आपकी मांसपेशियाँ टूटती हैं और फिर से मज़बूत होकर जुड़ती हैं। क्रेटीन इस पूरी प्रक्रिया को तेज़ करता है।

दिमाग के लिए भी फ़ायदेमंद!

creatine

क्या आपको पता है कि क्रेटीन सिर्फ़ मांसपेशियों में नहीं, बल्कि हमारे दिमाग में भी होता है? रिसर्च दिखा रही है कि ये दिमाग के काम करने की क्षमता को भी बढ़ा सकता है।

ख़ासकर अगर आप थके हुए हैं या आपकी नींद पूरी नहीं हुई है, तो क्रेटीन आपके दिमाग को ज़्यादा अलर्ट रखने में मदद कर सकता है।

कुछ शुरुआती रिसर्च ये भी कहती हैं कि ये याददाश्त और दिमाग की कुछ बीमारियों में भी फ़ायदेमंद हो सकता है।

उम्र बढ़ने पर भी दे साथ

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी मांसपेशियाँ कमज़ोर होने लगती हैं।

इसे सरकोपीनिया (Sarcopenia) कहते हैं। 30 की उम्र के बाद हर 10 साल में हम अपनी 3-8% मांसपेशियों का मास खो देते हैं।

डॉक्टर आमिर ख़ान जैसे एक्सपर्ट कहते हैं कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (वज़न उठाना) इस समस्या को रोकने का सबसे अच्छा तरीक़ा है।

और अगर इसके साथ क्रेटीन लिया जाए, तो ये और भी असरदार हो जाता है। यह बुज़ुर्गों को मज़बूत और एक्टिव रहने में मदद कर सकता है।

महिलाओं के लिए ख़ास फ़ायदे

पहले माना जाता था कि क्रेटीन सिर्फ़ पुरुषों के लिए है, पर अब रिसर्च दिखा रही है कि महिलाओं को भी इससे बहुत फ़ायदे हो सकते हैं।

मेनोपॉज़ के समय: मेनोपॉज़ के बाद महिलाओं में मांसपेशियों और हड्डियों का मास तेज़ी से कम होता है। क्रेटीन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।

पीरियड्स के समय: कुछ रिसर्च बताती हैं कि पीरियड्स के दौरान होने वाली थकान को कम करने में भी यह मददगार हो सकता है।

क्रेटीन के साइड इफ़ेक्ट्स और उन्हें कैसे ठीक करें?

क्रेटीन को ज़्यादातर लोग सुरक्षित मानते हैं, पर कुछ हल्के-फुल्के साइड इफ़ेक्ट्स हो सकते हैं। अच्छी बात ये है कि इन सभी को आसानी से संभाला जा सकता है:

 पेट में गैस या पेट ख़राब होना

कुछ लोगों को शुरुआती दिनों में पेट में थोड़ी गैस या पेट ख़राब होने की शिकायत हो सकती है।

क्या करें

अगर आप लोडिंग फ़ेज़ (20 ग्राम/दिन) कर रहे हैं, तो इसे तुरंत रोक दें। रोज़ाना 5 ग्राम की खुराक ही लें।

क्रेटीन को एक ही बार में लेने के बजाय, दिन में दो बार (जैसे 2.5 ग्राम सुबह और 2.5 ग्राम शाम) लेने से भी ये समस्या कम हो सकती है।

इसे खाने के साथ लें, खाली पेट नहीं।

शरीर में पानी का जमाव (Water Retention)

क्रेटीन लेने पर मांसपेशियाँ पानी जमा करने लगती हैं, जिससे आपको थोड़ा फूला हुआ महसूस हो सकता है या आपका वज़न थोड़ा बढ़ सकता है।

क्या करें: यह कोई नुक़सानदायक साइड इफ़ेक्ट नहीं है। यह सिर्फ़ पानी का वज़न है, फैट का नहीं।

ये आम बात है और इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। बस खूब सारा पानी पीते रहें।

किसे क्रेटीन नहीं लेना चाहिए?

हालाँकि क्रेटीन ज़्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है, कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें इसे नहीं लेना चाहिए या डॉक्टर की सलाह के बिना बिलकुल नहीं लेना चाहिए:

किडनी या लिवर की बीमारी वाले लोग: अगर आपको पहले से ही किडनी या लिवर से जुड़ी कोई समस्या है, तो क्रेटीन आपकी सेहत को नुक़सान पहुँचा सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह के बिना इसे बिलकुल भी न लें।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ: इस पर अभी पर्याप्त रिसर्च नहीं हुई है कि यह गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कितना सुरक्षित है। इसलिए इस दौरान इसे न लेना ही बेहतर है।

18 साल से कम उम्र के लोग: टीनएजर्स को अक्सर क्रेटीन से दूर रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस उम्र में उनके शरीर पर इसके असर के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।

डायबिटीज़ के मरीज़: कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रेटीन ब्लड शुगर पर असर डाल सकता है। अगर आपको डायबिटीज़ है, तो इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर बात करें।

कुछ ज़रूरी बातें और भी हैं…

कसरत है सबसे ज़रूरी: क्रेटीन अपने आप में कोई जादू नहीं है। इसका पूरा फ़ायदा तभी मिलता है जब आप इसके साथ-साथ रेगुलर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (weight training) करते हैं।

पानी का ध्यान रखें: क्रेटीन लेते समय ज़्यादा पानी पीना ज़रूरी है, क्योंकि ये मांसपेशियों में पानी जमा करता है।

नॉन-रेस्पोंडर” भी होते हैं: लगभग 20-30% लोग ऐसे भी होते हैं जिन पर क्रेटीन का कोई ख़ास असर नहीं होता।

पर ये जानना मुश्किल है कि आप उनमें से हैं या नहीं, इसलिए एक बार कोशिश ज़रूर कर सकते हैं।

कैसे पता करें कि क्रेटीन असर कर रहा है या नहीं? (Non-Responders)

लगभग 20-30% लोग ऐसे होते हैं जिन पर क्रेटीन का कोई ख़ास असर नहीं होता। इन्हें ‘नॉन-रेस्पोंडर’ (Non-responders) कहा जाता है।

आप नॉन-रेस्पोंडर हैं या नहीं, यह जानने के लिए ये तरीक़े अपना सकते हैं:

1 महीने तक इंतज़ार करें: क्रेटीन का असर तुरंत नहीं दिखता। इसे लगातार कम से कम 1 महीना रोज़ाना 5 ग्राम की मात्रा में लें।

अगर 1 महीने बाद भी आपको अपनी कसरत में कोई फ़र्क़ महसूस नहीं होता, तो हो सकता है कि आप नॉन-रेस्पोंडर हों।

ताक़त और परफ़ॉर्मेंस में फ़र्क़ देखें: अगर क्रेटीन काम कर रहा है, तो आपकी ताक़त और परफ़ॉर्मेंस में सुधार दिखना चाहिए।

आप ज़्यादा रेप्स (Reps) निकाल पाएंगे या भारी वज़न उठा पाएंगे। अगर ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है, तो यह एक संकेत हो सकता है।

मांसपेशियों में पानी का जमाव महसूस न होना: क्रेटीन जब काम करता है, तो मांसपेशियों में पानी जमा होता है, जिससे वो थोड़ी भरी-भरी महसूस होती हैं।

अगर आपको ऐसा कोई बदलाव महसूस नहीं होता है, तो यह भी एक संकेत हो सकता है।

अगर इन सभी चीज़ों के बाद भी आपको कोई फ़र्क़ नहीं दिखता, तो यह संभव है कि क्रेटीन आपके शरीर पर काम नहीं कर रहा है।

ऐसे में इसे लेना बंद किया जा सकता है, क्योंकि यह ज़रूरी नहीं है, सिर्फ़ एक विकल्प है।

कितना क्रेटीन लेना चाहिए और कैसे?

ज़्यादातर रिसर्च में ये पाया गया है कि रोज़ाना 5 ग्राम क्रेटीन (Creatine Monohydrate) लेना सुरक्षित और असरदार है।

कुछ लोग एक “लोडिंग फ़ेज़” भी करते हैं, जिसमें पहले 5-7 दिन रोज़ 20 ग्राम क्रेटीन लेते हैं और फिर रोज़ाना 5 ग्राम पर आ जाते हैं।

पर ये ज़रूरी नहीं है। अगर आप रोज़ाना 5 ग्राम ही लेंगे, तो असर बस थोड़ा धीरे होगा, पर फ़ायदा उतना ही मिलेगा।

आप इसे कभी भी ले सकते हैं – सुबह, शाम, कसरत से पहले या बाद में। बस इसे लगातार लेना ज़रूरी है।

बाज़ार में इतने तरह के क्रेटीन क्यों हैं?

आप जब सप्लीमेंट की दुकान पर जाएँगे, तो आपको क्रेटीन के बहुत से रूप मिलेंगे – कैप्सूल, पाउडर, यहाँ तक कि गोंद (गमीज) भी।

पर एक बात हमेशा याद रखें:

आज तक की ज़्यादातर रिसर्च और सबसे ज़्यादा फ़ायदे सिर्फ़ और सिर्फ़ “क्रेटीन मोनोहाइड्रेट (Creatine Monohydrate)” के बारे में हुई हैं।

दूसरी कंपनियाँ “क्रेटीन एचसीएल” या “क्रेटीन नाइट्रेट” जैसे नए फ़ॉर्मूले बेचकर दावा करती हैं कि ये ज़्यादा असरदार हैं, पर ये सिर्फ़ मार्केटिंग का खेल है।

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि मोनोहाइड्रेट पहले से ही 99.9% तक शरीर में अवशोषित (absorb) हो जाता है, तो इससे बेहतर अवशोषण (absorption) की बात करना बेकार है।

इन नए फ़ॉर्मूलों के दाम भी ज़्यादा होते हैं और ये मोनोहाइड्रेट से कम असरदार भी हो सकते हैं। इसलिए सबसे सस्ता और सबसे असरदार विकल्प क्रेटीन मोनोहाइड्रेट ही है।

क्रेटीन गमीज से सावधान!

आजकल क्रेटीन गमीज का बहुत चलन है, जो दिखने में टॉफ़ी जैसी लगती हैं। पर इन पर भरोसा करना ख़तरनाक हो सकता है।

ऑस्ट्रेलिया में एक कंपनी की गमीज की जब जाँच हुई, तो पता चला कि उनमें लगभग ना के बराबर क्रेटीन था। यानी लोग सिर्फ़ “महंगी टॉफ़ी” खा रहे थे, जिसका कोई फ़ायदा नहीं था।

अगर आपको क्रेटीन लेना ही है, तो पाउडर के रूप में लें। ये सस्ता भी है और सबसे भरोसेमंद भी।

निष्कर्ष (Conclusion)

क्रेटीन एक ऐसा सप्लीमेंट है जिसके बारे में सबसे ज़्यादा रिसर्च हुई है और ये पूरी तरह से सुरक्षित है।

यह सिर्फ़ बॉडीबिल्डर के लिए नहीं है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है जो अपनी मांसपेशियों की ताक़त, दिमाग की क्षमता और सेहत को बेहतर बनाना चाहता है।

यह कोई “जादुई गोली” नहीं है, बल्कि एक ऐसा टूल है जो आपकी मेहनत को और भी असरदार बनाता है।

लेकिन सबसे पहले अपनी डाइट, नींद और कसरत पर ध्यान दें। अगर आपका “केक” पहले से ही अच्छा है, तो क्रेटीन उस पर “सजावट” का काम करेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1: क्या क्रेटीन से बालों का झड़ना शुरू हो जाता है? A1: यह एक अफ़वाह है।

इस पर रिसर्च बहुत कम हुई है, और जो हुई है, उसमें कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया।

यह डर ज़्यादातर एक पुरानी और छोटी रिसर्च से आया था जिसे बाद में पूरी तरह से सही नहीं पाया गया।

Q2: क्या क्रेटीन से किडनी को नुक़सान होता है? A2: नहीं। कई रिसर्च में पाया गया है कि स्वस्थ लोगों में सही मात्रा में क्रेटीन लेने से किडनी को कोई नुक़सान नहीं होता।

अगर आपको किडनी या लिवर की कोई बीमारी है, तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें।

Q3: मुझे क्रेटीन लेना कब शुरू करना चाहिए? A3: अगर आप रेगुलर जिम जा रहे हैं या कसरत कर रहे हैं और आप अपनी परफ़ॉर्मेंस को बढ़ाना चाहते हैं,

तो आप इसे लेना शुरू कर सकते हैं। यह कोई ज़रूरी चीज़ नहीं है, बल्कि एक विकल्प है।

अस्वीकरण (Disclaimer)

यह ब्लॉग सिर्फ़ जानकारी देने के लिए लिखा गया है और इसे किसी भी तरह से डॉक्टरी सलाह नहीं माना जाना चाहिए।

कोई भी नया सप्लीमेंट शुरू करने से पहले, ख़ासकर अगर आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो हमेशा किसी डॉक्टर या सर्टिफ़ाइड न्यूट्रीशनिस्ट से सलाह लें।

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