Pregnancy एक अद्भुत सफर है, लेकिन कभी-कभी इसमें ऐसे मोड़ आ जाते हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं करते।
लेकिन हाल ही में उत्तर प्रदेश से आई एक ख़बर ने हम सबको चौंका दिया है।
एक महिला के भ्रूण का विकास गर्भाशय में नहीं, बल्कि उसके लीवर में हो रहा था!
यह एक बेहद ही दुर्लभ स्थिति है, जिसे इंट्राहेपेटिक एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Intrahepatic Ectopic Pregnancy) कहते हैं।
यह भारत में अपनी तरह का पहला ऐसा मामला बताया जा रहा है।

डॉक्टर की जांच के दौरान पता चला कि बच्चा गर्भाशय में नहीं, बल्कि यकृत में विकसित हो रहा है, जिससे डॉक्टर हैरान रह गए।
यह कितना दुर्लभ है?
सोचिए, एक्टोपिक प्रेगनेंसी अपने आप में ही दुर्लभ है, और उसमें भी जब भ्रूण लीवर जैसी जगह पर विकसित होने लगे, तो यह और भी असाधारण हो जाता है।
डॉक्टरों के अनुसार, ऐसे मामले शायद ही कभी देखने को मिलते हैं।
आम तौर पर, एक्टोपिक प्रेगनेंसी फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय या कभी-कभी पेट की गुहा में होती है।
लीवर में भ्रूण का विकास होना इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि यह एक ऐसा अंग है जो pregnancy को सपोर्ट करने के लिए नहीं बना है।
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खतरे और जटिलताएं
जैसा कि मैंने अपने पिछले ब्लॉग में बताया था कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी में भ्रूण गर्भाशय के बाहर विकसित होने के कारण बढ़ नहीं पाता और माँ के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
लीवर में भ्रूण का विकास होना भी इसी तरह गंभीर जटिलताएं पैदा करता है, क्योंकि यह आंतरिक रक्तस्राव और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
ऐसे मामलों में तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप (Medical Intervention) बेहद ज़रूरी होता है।
यह ख़बर हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि pregnancy के दौरान शरीर में होने वाले किसी भी असामान्य बदलाव को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए
अधिक जानकारी के लिए:
अगर आप एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बारे में और गहराई से जानना चाहते हैं – जैसे यह क्यों होती है, इसके लक्षण क्या हैं, और इसका इलाज कैसे होता है –
तो कृपया मेरा पिछला ब्लॉग “एक्टोपिक प्रेगनेंसी: एक अनचाहा मोड़” पढ़ें।
आपका स्वास्थ्य आपकी प्राथमिकता है। जागरूक रहें और सुरक्षित रहें!
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