हाल ही में, एक्टर रणवीर सिंह की फिल्म ‘धुरंधर’ के सेट पर एक हैरान करने वाली घटना हुई।

लेह में चल रही शूटिंग के दौरान, लगभग 120 क्रू मेंबर्स एक साथ Food Posoining (फूड पॉइज़निंग) के शिकार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

ये सब डिनर के बाद हुआ, जब उन्हें पेट दर्द, उल्टी और सिर दर्द जैसी दिक्कतें होने लगीं।

ये घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हमारा खाना, जो हमें ताकत देता है, वही कभी-कभी हमारी सेहत के लिए सबसे बड़ा खतरा कैसे बन जाता है।

इस आर्टिकल में, हम जानेंगे कि फूड पॉइज़निंग क्या है, इसके क्या कारण हैं, लक्षण क्या हैं, और सबसे ज़रूरी, इससे कैसे बचा जाए।

food posoining

क्या है फूड पॉइज़निंग?

फूड पॉइज़निंग एक तरह की बीमारी है जो बासी या खराब खाना खाने से होती है।

जब हम ऐसा खाना खाते हैं जिसमें खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट्स, या टॉक्सिन्स (ज़हरीले पदार्थ) होते हैं, तो हमारा शरीर उन पर रिएक्ट करता है।

ये छोटे-छोटे जीव हमें दिखते नहीं हैं, पर ये खाने को खराब कर देते हैं।

फूड पॉइज़निंग के आम लक्षण क्या हैं?

1. पेट में ऐंठन और दर्द (Stomach Cramps and Pain)

यह सबसे शुरुआती और आम लक्षण है। जब दूषित खाना पेट में जाता है, तो हमारा पाचन तंत्र उसे बाहर निकालने की कोशिश करता है।

इसी वजह से पेट की मांसपेशियां सिकुड़ती और फैलती हैं, जिससे तेज ऐंठन और दर्द महसूस होता है।

यह दर्द हल्के से लेकर बहुत तेज भी हो सकता है।

2. उल्टी (Vomiting) और जी मिचलाना (Nausea)

यह शरीर का एक डिफेंस मैकेनिज्म है।

शरीर को जब लगता है कि उसने कोई ज़हरीली चीज खा ली है, तो वो उसे फौरन बाहर निकालने की कोशिश करता है।

जी मिचलाने का मतलब है, उल्टी जैसा महसूस होना, और जब यह बर्दाश्त से बाहर हो जाए तो उल्टी हो जाती है।

यह एक तरह से पेट को साफ करने का तरीका है।

3. डायरिया (Diarrhea)

उल्टी की तरह, डायरिया भी शरीर से टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया को बाहर निकालने का एक तरीका है।

इसमें बार-बार पतले दस्त आते हैं। इसकी वजह से शरीर में पानी और नमक की बहुत कमी हो जाती है, जिसे संभालना बहुत जरूरी है।

4. बुखार (Fever)

बुखार इस बात का संकेत है कि आपका इम्यून सिस्टम यानी रोग-प्रतिरोधक क्षमता उस इंफेक्शन से लड़ रही है।

जब बैक्टीरिया या वायरस शरीर में जाते हैं, तो शरीर का तापमान बढ़ जाता है ताकि वो खतरनाक जीव मर जाएं।

यह आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन अगर बहुत तेज हो तो ध्यान देना चाहिए।

5. सिर दर्द (Headache)

फूड पॉइज़निंग में सिर दर्द होना बहुत आम है।

यह कई वजहों से हो सकता है, जैसे शरीर में पानी की कमी (dehydration), बुखार या फिर शरीर में फैल रहे इंफेक्शन की वजह से।

6. कमजोरी और थकान (Weakness and Fatigue)

जब शरीर उल्टी और दस्त से लड़ रहा होता है, तो बहुत सारी एनर्जी खर्च हो जाती है।

इस वजह से शरीर में जान नहीं बचती और बहुत ज्यादा कमजोरी और थकान महसूस होती है।

इसके अलावा, उल्टी-दस्त से शरीर में पानी और जरूरी पोषक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं, जिससे यह कमजोरी और बढ़ जाती है।

याद रखें, ये लक्षण एक साथ भी हो सकते हैं और अलग-अलग भी।

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण लगे, खासकर उल्टी, दस्त या बुखार, तो तुरंत हाइड्रेटेड रहने पर ध्यान दें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

फूड पॉइज़निंग के मुख्य कारण क्या हैं?

फूड पॉइज़निंग के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

अधपका खाना: कच्ची या अधपकी सब्जियां, अंडा, चिकन या मांस खाने से।

गंदा पानी: दूषित पानी का इस्तेमाल करने से।

हाइजीन की कमी: खाना बनाने वाले के हाथ गंदे होना, या किचन की सफाई न होना।

गलत स्टोरेज: खाने को सही तापमान पर स्टोर न करना। जैसे, फ्रिज में रखी हुई चीज बाहर ज्यादा देर तक छोड़ देना।

एक्सपायरी डेट: एक्सपायर हो चुके पैकेट वाले फूड आइटम्स खाना।

आखिर फूड पॉइज़निंग होती क्यों है?

फूड पॉइज़निंग को जन्म देने वाले ‘एजेंट’ (यानी कारण) अलग-अलग हो सकते हैं।

इसे समझने के लिए, यह जान लीजिए कि यह बीमारी कोई एक तरह की नहीं है, बल्कि कई अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट्स की वजह से होती है।

बैक्टीरिया: सबसे आम कारण बैक्टीरिया ही हैं, जैसे कि साल्मोनेला (Salmonella) और ई. कोली (E. coli)। ये बैक्टीरिया कच्चे या अधपके मांस, अंडे और दूषित सब्जियों में पाए जाते हैं।

वायरस: नोरोवायरस (Norovirus) जैसे वायरस भी फूड पॉइज़निंग का बड़ा कारण बनते हैं, जो अक्सर दूषित खाने या पानी से फैलते हैं।

पैरासाइट्स: टॉक्सोप्लाज्मा (Toxoplasma) जैसे छोटे जीव भी दूषित खाने से शरीर में घुस सकते हैं।

ज्यादातर मामलों में, फूड पॉइज़निंग ‘सेल्फ-लिमिटिंग’ होती है।

‘सेल्फ-लिमिटिंग’ का मतलब है कि शरीर का इम्यून सिस्टम बिना किसी दवा के खुद ही उस इंफेक्शन से लड़कर उसे खत्म कर देता है।

इसीलिए हल्का-फुल्का केस अपने आप 2-3 दिनों में ठीक हो जाता है।

लेकिन जैसा कि हमने पहले बताया, अगर लक्षण गंभीर हों या शरीर कमजोर हो, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। उस स्थिति में शरीर को मदद की जरूरत होती है।

डॉक्टर के पास कब जाएं?

ज्यादातर मामलों में, फूड पॉइज़निंग कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है क्योंकि शरीर खुद ही इंफेक्शन से लड़ लेता है। लेकिन कुछ हालात ऐसे होते हैं जब डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी हो जाता है:

लक्षण बहुत गंभीर हों: अगर आपको 102°F (38.9°C) से ज्यादा तेज बुखार है।

डायरिया या उल्टी रुक न रही हो: अगर 24 घंटे से ज्यादा समय से लगातार दस्त और उल्टी हो रही है।

खून दिखना: अगर आपके दस्त या उल्टी में खून आ रहा हो।

डिहाइड्रेशन के लक्षण हों: जैसे, बहुत प्यास लगना, चक्कर आना, कमजोरी, या पेशाब का बहुत कम या बिल्कुल न होना।

कमजोर लोग: अगर यह किसी छोटे बच्चे, बूढ़े व्यक्ति, प्रेग्नेंट महिला या ऐसे शख्स को हुआ है जिसकी इम्युनिटी कमजोर है (जैसे कैंसर या डायबिटीज के मरीज)।

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें।

फूड पॉइज़निंग से कैसे बचें?

फूड पॉइज़निंग से बचना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है। अगर हम कुछ बातों का ध्यान रखें, तो इससे बचा जा सकता है।

  1. सफाई का ध्यान रखें: खाना बनाने और खाने से पहले अपने हाथ अच्छे से धोएं। खाना बनाने वाली जगह और बर्तनों को भी साफ रखें।
  2. खाने को सही तरह से पकाएं: चिकन, मांस, और अंडे जैसी चीजों को अच्छी तरह से पकाएं ताकि सारे बैक्टीरिया मर जाएं।
  3. खाने को सही तापमान पर स्टोर करें: जो खाना फ्रिज में रखना है, उसे तुरंत फ्रिज में रखें। बाहर ज्यादा देर तक न छोड़ें।
  4. अलग-अलग बर्तनों का इस्तेमाल: कच्ची और पकी हुई चीजों के लिए अलग-अलग चाकू और चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें ताकि बैक्टीरिया एक से दूसरे में न फैले।
  5. पैकेट फूड की जांच करें: पैकेट वाली चीजों को खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर देखें।
  6. स्ट्रीट फूड संभलकर खाएं: बाहर का खाना खाते समय ध्यान रखें कि जगह साफ हो।

अगर फूड पॉइज़निंग हो जाए तो क्या करें?

पानी पिएं: शरीर में पानी की कमी (Dehydration) न होने दें। साफ पानी, नारियल पानी, या इलेक्ट्रोलाइट वाला पानी पिएं।

हल्का खाना खाएं: खिचड़ी, दलिया, और टोस्ट जैसी चीजें खाएं जो आसानी से हजम हो जाएं।

आराम करें: शरीर को रिकवर होने के लिए आराम की जरूरत होती है।

डॉक्टर से सलाह लें: अगर लक्षण गंभीर हों, तो फौरन डॉक्टर के पास जाएं।

फूड पॉइज़निंग एक छोटी सी गलती से होने वाली बड़ी परेशानी है। अगर हम थोड़ी सी सावधानी बरतें, तो इसे आसानी से टाला जा सकता है। याद रखें, “सेहत ही सबसे बड़ा धन है।”

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