डकार आना तो सामान्य है, लेकिन अगर बार-बार डकार आने लगे तो लोग घबरा जाते हैं।
कुछ सोचते हैं कि यह पेट की गंभीर बीमारी है, तो कुछ मज़ाक बना देते हैं। पर सच क्या है? आइए समझते हैं।
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🔬 डकार क्यों आती है?
जब हम खाते-पीते समय हवा निगल लेते हैं, तो वह पेट में भर जाती है।
यह हवा बाहर निकलने का सबसे आसान रास्ता ढूँढती है → और तभी आती है डकार।
कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (कोल्ड ड्रिंक, सोडा आदि) से डकार और ज़्यादा आती है क्योंकि उनमें पहले से गैस होती है।
📈 बार-बार डकार आने के कारण
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जल्दी-जल्दी खाना या पीना – ज़्यादा हवा निगलना।
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गैस बनने वाले खाद्य पदार्थ – प्याज़, बीन्स, गोभी आदि।
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एसिडिटी या जीईआरडी (GERD) – पेट का एसिड ऊपर आना, जिससे डकार और जलन दोनों होती हैं।
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तनाव या आदत – कुछ लोग तनाव में भी ज़्यादा हवा निगलते हैं।
👨⚕️ कब चिंता करनी चाहिए?
डकार के साथ लगातार सीने में जलन।
पेट दर्द या सूजन।
बहुत तेज़ बदबूदार डकार।
अचानक वजन घटना।
ये लक्षण हों तो डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है।
🚫 भ्रांति का सच
कई लोग मानते हैं कि ज़्यादा डकार आना पेट की ताकत बढ़ने का संकेत है। यह पूरी तरह ग़लत है। असलियत में यह या तो खाने की आदत का असर है या पेट की गड़बड़ी का।
✅ झटपट नतीजा
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डकार आना सामान्य है – यह सिर्फ हवा बाहर निकलना है।
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बार-बार डकार ज़्यादा खाने-पीने की आदत, गैस या एसिडिटी से हो सकती है।
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तकलीफ़ या दर्द के साथ हो तो डॉक्टर से जाँच करानी चाहिए।
🌀 तीन आसान चरणों में “डकार का विज्ञान”
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खाना-पीना → हवा निगलना।
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पेट में गैस जमा होना।
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गैस बाहर निकलना = डकार।
नतीजा: सामान्य डकार हानिरहित है, लेकिन बार-बार तकलीफ़देह डकार समस्या का संकेत हो सकती है।
छोटी सलाह: धीरे-धीरे खाएँ, सोडा और कोल्ड ड्रिंक कम पिएँ और तनाव से बचें। इससे डकार पर क़ाबू पाया जा सकता है।