इस ब्लॉग में इस्तेमाल किये गए कुछ शब्द आपको असहज कर सकते हैं| जानबूझकर इस्तेमाल किये हैं| कुछ मुद्दों पर स्पष्ठता को शर्म से पहले जगह मिलनी चाहिए|
वैसे तो इस सवाल का जवाब सब लोग जानते हैं, लेकिन जो जवाब सब जानते हैं, वो पूरा सही नहीं है| और जब तक पूरा जवाब ना पता हो तो हर सवाल के जवाब में अधपका जवाब ही खुद को और दूसरों को परोसते हैं|
“ये सच है कि इंडिया में HIV Infection होने का मुख्य कारण असुरक्षित यौन सम्बन्ध है, लेकिन ये एकलौती वजह नहीं है|
आपको बाकी वजहों के बारे में जानना बहुत जरुरी है|”
इसलिए संयम के साथ पढ़िये और समझिये|
HIV Infection क्या है?
HIV Infection एक भयावह बिमारी की तरह जानी जाती है| यही HIV बाद में जाकर AIDS बन जाती है| सिंपल भाषा में आप इसे एच आई वी की आखिरी स्टेज भी कह सकते हैं| एक गलत जानकारी को ठीक करने से शुरू करते हैं|
“HIV/AIDS के सबसे पहले मरीज से लेकर इस जवाब लिखने तक, एच आई वी जैसी परेशानी के लिए बहुत सारे हल ढूंढें जा चुके है| उसके बावजूद भी अभी तक तो यह सही तथ्य है, कि HIV का कोई परमानेंट इलाज नहीं है, यानी अगर ये इन्फेक्शन एक बार हो गयी तो मरते दम तक रहती है|”
माफ़ कर दीजियेगा अगर मेरा जवाब पढ़कर आपको किसी तरह का भय या डर लग रहा हो तो|
मैं अपनी बात को थोड़ा ज्यादा स्पष्टता के साथ कहने की पूरी कौशिश करूँगा|
एच आई वी की इन्फेक्शन जड़ से ख़तम नहीं होगी यानी कि वायरस शरीर में रहेगा, लेकिन आजकल उपलब्ध दवाओं के जरिये इसकी संख्या को बिलकुल ही कम कर दिया जाता है| इतना कम कि मैं पुरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ, कि एच आई वी का मरीज अगर अपनी सारी दवाएं बिलकुल सही लेता है, तो वह भी उतनी ही लम्बी और बढ़िया लाइफ जीता है, जितना की दिल की बिमारी से ग्रषित लोग जीते हैं|
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HIV का संक्रमण मुख्यतः चार प्रकार से होता है|
असुरक्षित सम्भोग यानी बिना कंडोम के सेक्सुअल एक्टिविटी में हिस्सा लेना
किसी भी तरह की असुरक्षित सेक्सुअल एक्टिविटी आपको HIV इन्फेक्शन के खतरे में डाल सकती है | चाहे वह योनि सेक्स (vaginal), गुदा मैथुन(anal sex), या मुख मैथुन(oral sex ) हो|
HIV Infection होने का खतरा कुछ-कुछ सिचुएशन में बढ़ भी सकता है| जैसे कि-
-अगर पार्टनर में या आपमें किसी तरह की एस टी डी (Sexually Transmitted Disease या इन्फेक्शन) हो- इसमें जनन अंग जल्दी से एच आई वी की इन्फेक्शन पकड़ लेते हैं| शोध के अनुसार ये ख़तरा आठ से दस गुना बढ़ जाता है और ख़तरा कितना होगा वो ज्यादातर इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का सेक्स कर रहे हो|
“माफ़ कर दीजियेगा अगर शब्दों की वजह से आप असहज महसूस करें| क्योंकि ये मुद्दा ही ऐसा है, जिसमे अगर पूरी स्पष्टता से बात ना की जाए तो जानकारी नुकसानदायक हो सकती है”|
1 गुदा मैथुन (anal sex) में सबसे ज्यादा खतरा होता है| खासतौर से रिसीविंग पार्टनर को (यानी कि जिसका गुदा मैथुन हो रहा है)| पुरुषों में असुरक्षित सम्लैंगिक यौन संबंधो से HIV होने का ख़तरा कई गुना ज्यादा होता है | समय लगा तो कभी डिटेल में इसपर ब्लॉग लिखने का प्रयास करेंगे|
2 आपका पार्टनर HIV की किस स्टेज में है? शुरुवाती स्टेज में ग्रषित व्यक्ति ज्यादा संक्रमण कर सकता है|
3 औरत से पुरुष की बजाय पुरुष से औरत में इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है| क्योंकि पुरुष के वीर्य में वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है और औरत का जनन अंग का एरिया ज्यादा होता है|और जिसकी वजह से वायरस को शरीर में घुसने के लिए ज्यादा एरिया मिल जाता है|
4 अगर महिला माहवारी से गुजर रही हो और उस वक़्त असुरक्षित सम्भोग किया जाए तो खतरा बहुत ज्यादा होता है|
5 किशोर अवस्था या मीनोपॉज(माहवारी हमेशा के लिए बंद होना) की अवस्था में असुरक्षित सेक्स से खतरा बढ़ जाता है| क्योंकि किशोरियों का सर्विक्स (योनी और गर्भाशय के बीच का हिस्सा सर्विक्स कहलाता है) तैयार नहीं होता और मीनोपॉज के बाद सूखापन की वजह से जनन अंगों की सतह पे छोटी छोटी चोटें होने लगती है|
और इन चोटों के जरिये एच आई वी का वायरस जल्दी शरीर में घुस जाता है|
एच आई वी से संकर्मित खून चढाने के वजह से
अगर एक यूनिट खून जिसमे एच आई वी का वायरस है, मरीज को चढ़ा दिया जाए तो HIV का खतरा 95% तक होता है| क्योंकि इसमें वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में सीधा खून में चला जाता है|
हर एक ब्लड यूनिट को HIV,सिफिलिस,मलेरिया,हेपेटाइटिस के लिए जांचने के बाद ही किसी मरीज को चढ़ाया जाता है| आप तीन से चार महीने में एक बार ब्लड डोनेट क्र सके हो बिना किसी परेशानी के| बशर्ते आप स्वस्थ हो |
हालांकि फिलहाल सरकार ने ब्लड ट्रांस-फ्यूज़न को लेकर काफी सख्ती की हुई है| और हर एक दान की हुई ब्लड यूनिट को एच आई वी के लिए टेस्ट किया जाता है|
HIV Infection से संकर्मित सुई या निडल का इस्तेमाल करने से
विकसित देशों में संकर्मित सुई की वजह से काफी HIV होता है, लेकिन भारत में भी इसका नंबर अच्छा खासा है| इसमें भी वायरस सीधा ब्लड में जाता है|
इसके अलावा टैटू, कान छिदवाना, अकुपंक्चर इत्यादि से भी ख़तरा होता है|
इसलिए सुरक्षित जगह और जाँची परखी जगह से ही टेटू करवाएं| वैसे आजकल वन टाइम यूज़ नीडल काफी जोर दिया जा रहा है| फिर भी ज़रा ध्यान से ! वरना स्वेग भारी पड़ सकता है| फैशन आपकी ज़िंदगी से पहले नहीं आता है|
HIV Infection से ग्रषित माँ से उसके बच्चे में संक्रमण
अगर सही टाइम पर कुछ ना किया जाए तो एच आई वी ग्रषित माँ से बच्चे में जाने का खतरा 20 से 25 प्रतिशत होता है| बहुत ही अच्छी बात ये है कि इसको पूरी तरह से रोका जा सकता है| एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART), या सिजेरियन सेक्शन इत्यादि की मदद से इसके खतरे को दो प्रतिशत तक घटाया जा सकता है|
“आइये अब बात करते हैं, उन भ्रांतियों (Myths about HIV/AIDS) की जिसके बारे में लोग हमेशा असमंजश में रहते हैं”|
- मच्छर के काटने से एच आई वी बिलकुल नहीं फैलता है, क्योंकि मच्छर के शरीर में वायरस पहुँचता ही नहीं है|
- एक साथ खाना खाने से एच आई वी बिलकुल नहीं होता है| हाँ, प्यार बढ़ता है| उससे तो आपको परहेज नहीं होगा शायद|
- एच आई वी ग्रषित लोगो को गले लगने से एच आई वी बिलकुल भी नहीं होता है| जादू की झप्पी बहुत सारी परेशानियों को छू-मंतर कर देता है|
- एच आई वी ग्रषित इंसान को छूने से एच आई वी नहीं होता है| बल्कि उसको अच्छा लगेगा की कोई तो है जो उसको जज नहीं करता है|
- एक साथ एक से ज्यादा कंडोम लगाके सेक्स करने से एक्स्ट्रा बचाव नहीं होता है, बल्कि कंडोम के फटने का ख़तरा बढ़ जाता है| आप रहेंगे भ्रम में और बाद में आपको ग्लानी होगी| वैसे भी अगर आपको डबल कंडोम की जरुरत पड़ रही है तो फिर आपको इस तरह की एक्टिविटी में पड़ना ही नहीं चाहिए|
लास्ट सुझाव हमारी तरफ से|
–एक पार्टनर
-विश्वशनीय पार्टनर
-नो नीडल शेयरिंग
-रेगुलर और सही कंडोम का इस्तेमाल
ये जवाब सिर्फ और सिर्फ आपकी आम जानकारी बढ़ाने के लिए है, ना की किसी तरह का ट्रीटमेंट है| अगर किसी तरह की कोई दिक्कत हो, तो किसी मेडिकल डॉक्टर को जाके दिखाएं|
उम्मीद करता हूँ कि आपको जवाब पसंद आया होगा और आप इसको शेयर करने के बारे में जरुर सोचेंगे|
धन्यवाद
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