मेलानोमा: एक छुपा हुआ खतरा जिसे आपको जानना ज़रूरी है

आप शायद टेड्डी मेलानकम्प को अमेरिका के रियलिटी शो से जानते होंगे, लेकिन आजकल वो एक बहुत बड़ी और असली लड़ाई लड़ रही हैं:

स्टेज 4 मेलानोमा की. ये एक तरह का स्किन कैंसर है, जो अगर टाइम पर पता न चले तो बहुत खतरनाक हो सकता है.

टेड्डी की कहानी हम सबके लिए एक वेक-अप कॉल है कि हमें अपने शरीर पर ध्यान देना चाहिए और अपनी सेहत के लिए आवाज़ उठानी चाहिए.

melanoma

मेलानोमा क्या होता है?

मेलानोमा स्किन कैंसर का एक गंभीर रूप है. ये तब होता है जब हमारी त्वचा में रंग बनाने वाली कोशिकाएं (जिन्हें मेलानोसाइट्स कहते हैं) बदल जाती हैं

और कैंसर वाली बन जाती हैं. वैसे तो ये अक्सर सूरज की किरणों या टैनिंग बेड से जुड़ी होती है, लेकिन ये शरीर के उन हिस्सों में भी हो सकती है जहाँ धूप नहीं पड़ती.

टेड्डी की कहानी: अपने लिए लड़ने की सीख

टेड्डी मेलानकम्प ने मेलानोमा के लिए 17 सर्जरी करवाई हैं. बार-बार चेक-अप करवाने के बावजूद, उनका कैंसर दिमाग और फेफड़ों तक फैल गया था.

उनकी कहानी से एक बहुत ज़रूरी बात पता चलती है: भले ही आप डॉक्टर को दिखाते रहें, पर अपनी सेहत के बारे में खुद रिसर्च करना और समझना बहुत ज़रूरी है.

वो मानती हैं कि पहले उन्होंने मेलानोमा के बारे में जानना नहीं चाहा, क्योंकि वो “सारी बुरी बातें जानना नहीं चाहती थीं.” लेकिन जानकारी ही असली ताकत है.

टेड्डी का सफर हमें दिखाता है कि अगर हम एक्टिव रहें और सवाल पूछें, तो समय पर बीमारी का पता चल सकता है और सही इलाज मिल सकता है.

मेलानोमा से बचने और जल्दी पता लगाने के लिए क्या करें और क्या न करें

क्या करें (‘Do’s’)

अपनी स्किन की खुद जाँच करते रहें: अपनी त्वचा को जानें, और महीने में एक बार सिर से पैर तक चेक करें. नए तिल या मौजूदा तिलों में कोई बदलाव (साइज़, शेप, कलर या बनावट) देखें.

अपनी त्वचा को सूरज से बचाएं: धूप से बचें, खासकर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच. ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन (SPF 30 या ज़्यादा वाला) लगाएं, बादल हों तब भी. टोपी, धूप का चश्मा और पूरे कपड़े पहनना न भूलें.

साल में एक बार डर्मेटोलॉजिस्ट (स्किन डॉक्टर) को दिखाएं: स्किन की प्रोफेशनल जाँच बहुत ज़रूरी है, खासकर अगर आपके शरीर पर बहुत सारे तिल हैं, परिवार में किसी को मेलानोमा हुआ है, या पहले कभी बहुत ज़्यादा सनबर्न हुआ हो.

अपने लिए आवाज़ उठाएं: अगर आपको कुछ भी अजीब लगे, तो सवाल पूछने में झिझकें नहीं, दूसरी राय लें या आगे की जाँच के लिए जोर दें. आपकी सेहत आपके हाथ में है.

मेलानोमा के ABCDEs को समझें

Asymmetry (असमरूपता): तिल का एक आधा हिस्सा दूसरे से अलग दिखे.

Border irregularity (बॉर्डर का अनियमित होना): किनारे टेढ़े-मेढ़े, कटे-फटे या धुंधले हों.

Color (रंग): रंग एक जैसा न हो और उसमें काले, भूरे, या हल्के भूरे रंग के शेड्स हों. लाल, सफेद या नीले धब्बे भी हो सकते हैं.

Diameter (व्यास): आमतौर पर 6 मिलीमीटर (पेंसिल के इरेज़र जितना) से बड़ा हो, पर छोटा भी हो सकता है.

Evolving (बदलाव आना): तिल का आकार, रूप, रंग या ऊँचाई बदल रही हो, या उसमें से खून आए, खुजली हो या पपड़ी बने.

क्या न करें (‘Don’ts’)

किसी भी नए या बदलते तिल को नज़रअंदाज़ न करें: ये न सोचें कि ये कुछ नहीं है. तुरंत डॉक्टर से दिखाएं.

टैनिंग बेड का इस्तेमाल न करें: टैनिंग बेड से निकलने वाली UV किरणें मेलानोमा का खतरा बहुत बढ़ा देती हैं.

अपनी सालाना स्किन जाँच न छोड़ें: भले ही आपको ठीक लग रहा हो, एक प्रोफेशनल डॉक्टर वो चीज़ें देख सकता है जो आप मिस कर सकते हैं.

सवाल पूछने से न डरें: अगर आपको किसी निदान (diagnosis) या इलाज के तरीके में कुछ सही न लगे, तो बेझिझक बोलें.

 

ये न समझें कि मेलानोमा सिर्फ गोरे लोगों को होता है

हालांकि खतरे के कारण अलग-अलग होते हैं, मेलानोमा किसी को भी हो सकता है, चाहे त्वचा का रंग कोई भी हो, खासकर भारत में सामान्य गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को भी.

टेड्डी मेलानकम्प की कहानी एक ज़बरदस्त याद दिलाती है कि मेलानोमा से लड़ने में सतर्क रहना और खुद के लिए आवाज़ उठाना बहुत ज़रूरी है.

कुछ आसान बचाव के तरीके अपनाकर और अपनी त्वचा में बदलावों पर ध्यान देकर, आप जल्दी पता लगने और सफल इलाज की संभावना को काफी बढ़ा सकते हैं.

सुरक्षित रहें, जागरूक रहें और हमेशा अपनी सेहत को सबसे पहले रखें.