जब मैंने ऑक्सीजन प्लांट में हुए धमाके की खबर सुनी, तो मेरे मन में भी यही सवाल आया।

और मेरे दोस्त का भी यही सवाल था। वह scuba diving करता है, इसलिए उसका सोचना था, “कहीं यह गोताखोरों के लिए ख़तरे की तरह तो नहीं है?”

तो क्या एक धमाके के बाद हवा में फैलने वाली बहुत ज़्यादा ऑक्सीजन सेहत के लिए ख़तरनाक है? चलिए, इस बात को समझते हैं।

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क्या ज़्यादा ऑक्सीजन से सीधा ख़तरा होता है?

सीधा-सीधा कहें, तो नहीं

हम सभी हर सेकंड ऑक्सीजन ही तो लेते हैं। हवा में करीब 21% ऑक्सीजन होती है।

जब प्लांट फटता है, तो उसमें से बहुत ज़्यादा मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन निकलती है

लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोगों को “ऑक्सीजन ज़हर” (Oxygen Toxicity) हो जाएगा।

 

धमाके के बाद एक पल में बहुत सारी ऑक्सीजन हवा में ज़रूर फैलती है,

लेकिन इससे सेहत पर तुरंत वैसा असर नहीं होता जैसा कि लोग सोचते हैं।

असल में, ऑक्सीजन toxicity नाम की एक बीमारी होती है, जो तब होती है जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक बहुत ज़्यादा शुद्ध ऑक्सीजन लेता रहे।

 

इसका सबसे अच्छा उदाहरण वही है जो मेरे दोस्त ने पूछा था—scuba diving।

गोताखोरों को सिखाया जाता है कि गहरे पानी में ज़्यादा देर तक शुद्ध ऑक्सीजन लेने से उन्हें चक्कर आ सकते हैं या दौरे भी पड़ सकते हैं। यह एक धीरे-धीरे होने वाला ख़तरा है।

 

लेकिन धमाके के बाद वाला मामला बिलकुल अलग है।

यहाँ ऑक्सीजन बहुत कम समय के लिए मिलती है, इसलिए इसका असर ऑक्सीजन toxicity के रूप में नहीं होता।

तो, फिर ख़तरा क्या है?

धमाके के बाद असली ख़तरे

धमाके के बाद ऑक्सीजन से सीधा ख़तरा हमारी साँसों को नहीं होता, बल्कि यह धमाके और आग को और भी ख़तरनाक बना देता है। लोगों की सेहत पर इसका असर इन तीन वजहों से पड़ता है:

धमाके से लगी चोटें: धमाके की तेज़ लहर से शरीर के अंदर और बाहर गंभीर चोटें लग सकती हैं। हवा में उछलने वाला मलबा भी लोगों को घायल कर सकता है।

ख़तरनाक आग और गर्मी: ऑक्सीजन खुद नहीं जलती, लेकिन यह किसी भी आग को कई गुना ज़्यादा तेज़ कर देती है।

सामान्य हवा में आग धीरे जलती है, लेकिन ज़्यादा ऑक्सीजन वाली जगह पर यह बहुत ही तेज़ी से और भयानक रूप से फैलती है।

इस वजह से जलने की चोटें बहुत गंभीर हो सकती हैं।

धुएँ और गैस से दिक्कत

धमाके से प्लांट के अंदर का धुँआ और दूसरी गैसें भी हवा में फैल सकती हैं, जिनसे साँस लेने में दिक्कत हो सकती है।

तो सीधी बात यह है: धमाके के बाद ऑक्सीजन का सबसे बड़ा ख़तरा यह नहीं है कि यह साँस लेने से आपको बीमार कर देगी, बल्कि यह है कि यह धमाके की ताक़त और आग को इतना बढ़ा देती है कि ख़तरा कई गुना ज़्यादा हो जाता है।

 

लेकिन इन सारी वैज्ञानिक बातों और ख़बरों के पीछे, एक सच्चाई यह भी है कि इस तरह की घटनाओं में लोगों को दर्द और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि ऐसे हादसों में जो लोग घायल होते हैं या जो परिवार अपनों को खो देते हैं, उनका दर्द सबसे बड़ा होता है।

ऐसे वक़्त में, हमारा फ़र्ज़ है कि हम उनके लिए दुआ करें और यह उम्मीद रखें कि ऐसे हादसे दोबारा न हों।