गर्मियों में या अचानक चोट लगने पर नाक से खून निकल आता है।
इसे कहते हैं नकसीर (Nosebleed)।
कई बार यह डरावना लगता है, लेकिन ज़्यादातर मामलों में यह हानिरहित होता है।
आइए जानते हैं इसके कारण।
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🔬 असली वजह – नाक की नाज़ुक नसें
हमारी नाक के अंदर बहुत सारी पतली रक्त-नलिकाएँ (blood vessels) होती हैं।
ये सतह के बहुत पास होती हैं, इसलिए आसानी से फट सकती हैं।
जब ये फटती हैं तो नाक से खून बहने लगता है।
🌡️ नकसीर कब ज़्यादा होती है?
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गर्मी और सूखापन – गर्मियों में नाक सूख जाती है और नसें फट जाती हैं।
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नाक कुरेदने पर – बच्चों में यह सबसे आम कारण है।
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चोट लगने पर – हल्की चोट भी नसें फाड़ सकती है।
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एलर्जी या संक्रमण – छींक और ज़ुकाम में बार-बार रगड़ने से।
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उच्च रक्तचाप (High BP) – बड़े लोगों में इसका कारण हो सकता है।
🚫 भ्रांति का सच
कई लोग मानते हैं कि नकसीर = गंभीर बीमारी या कैंसर।
👉 सच यह है कि ज़्यादातर नकसीर साधारण वजहों से होती है। हाँ, बार-बार और बिना कारण नकसीर आए तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
✅ झटपट नतीजा
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नाक की नाज़ुक नसें फटने पर नकसीर आती है।
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आम कारण – गर्मी, सूखापन, चोट या आदतें।
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अधिकतर मामले सामान्य होते हैं।
🌀 तीन आसान चरणों में “नकसीर”
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नाक सूखी या चोट लगी।
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नस फटी।
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खून बहा।
नतीजा: नकसीर डरावनी दिखती है, पर अक्सर सामान्य होती है।
छोटी सलाह:
नकसीर आने पर सिर थोड़ा आगे झुकाएँ और नाक को हल्के से दबाएँ।
नाक में तेल/वैसलीन लगाकर सूखापन कम करें।
बार-बार नकसीर हो तो ईएनटी डॉक्टर से सलाह लें।