हम सबके जीवन का हिस्सा है पेशाब करना—लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि बैठकर पेशाब करना और खड़े होकर पेशाब करने में कोई फर्क पड़ता है?
भारत और बहुत से देशों में पुरुष अधिकतर खड़े होकर पेशाब करते हैं। लेकिन यूरोप और एशिया के कई हिस्सों में बैठकर पेशाब करना सामान्य माना जाता है।
सवाल यह है कि कौन-सा तरीका सेहत, सफ़ाई और आराम के लिए सही है?
Table of Contents
पेशाब की प्रक्रिया (थोड़ा विज्ञान)
हमारे शरीर में जब मूत्राशय (bladder) भर जाता है, तो मांसपेशियाँ सिकुड़कर पेशाब बाहर निकालती हैं। इस प्रक्रिया को urinary flow कहते हैं।
अगर मूत्राशय पूरा खाली न हो पाए → पेशाब बचा रह जाता है (residual urine)।
यही बचा हुआ मूत्र कई बार संक्रमण (UTI), पथरी और बार-बार पेशाब आने जैसी समस्या का कारण बनता है।
खड़े होकर पेशाब करना — फायदे और नुकसान
✔️ फायदे
जल्दी और आसान है, खासकर पब्लिक टॉयलेट्स में।
कपड़े उतारने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
आदत के हिसाब से कई लोगों को यही सुविधाजनक लगता है।
❌ नुकसान
छिटकाव (Splashing): टॉयलेट गंदा होता है, बैक्टीरिया चारों तरफ फैल सकते हैं।
Residual urine ज्यादा रह सकता है: कुछ शोधों के अनुसार, खासकर जिन लोगों को प्रोस्टेट की समस्या है, खड़े होकर मूत्राशय पूरा खाली नहीं होता।
पेल्विक फ्लोर पर दबाव: खड़े होकर पेशाब करने में पेट और पेल्विक मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
🪑 बैठकर पेशाब करना — फायदे और नुकसान
✔️ फायदे
ज्यादा साफ़-सुथरा: छिटकाव नहीं होता, टॉयलेट और आसपास साफ रहते हैं।
मूत्राशय बेहतर खाली होता है: रिसर्च में पाया गया कि प्रोस्टेट बढ़े हुए या पेशाब की दिक्कत वाले पुरुषों को बैठकर पेशाब करने से मूत्राशय ज़्यादा पूरी तरह खाली होता है।
आरामदायक: शरीर को जोर नहीं लगाना पड़ता, मांसपेशियों को रिलैक्स होने का समय मिलता है।
बुज़ुर्गों और बीमारों के लिए बेहतर: जिन्हें बार-बार पेशाब की समस्या है या रीढ़/पैर की दिक्कत है, उनके लिए बैठना आसान रहता है।
❌ नुकसान
कुछ पुरुषों को यह अस्वाभाविक लगता है क्योंकि बचपन से खड़े होकर करने की आदत होती है।
पब्लिक टॉयलेट्स में बैठना हमेशा संभव नहीं होता।
🔍 रिसर्च क्या कहती है?
2014 की एक मेटा-एनालिसिस (de Jong et al.):
स्वस्थ पुरुषों में बैठने और खड़े होकर करने में ज्यादा फर्क नहीं मिला।
लेकिन प्रोस्टेट बढ़े हुए पुरुषों (LUTS वाले) को बैठकर करने में फायदा हुआ।
उनका मूत्राशय ज्यादा खाली हुआ और संक्रमण का खतरा कम हुआ।
2022 के एक जापानी अध्ययन (Suzuki et al.):
पाया गया कि कुछ पुरुषों में बैठने से पेशाब शुरू करने में देर हो सकती है।
लेकिन लंबे समय में residual urine कम होता है।
स्वच्छता का पहलू (Hygiene Studies):
खड़े होकर करने से दीवारों और फर्श पर बैक्टीरिया छिटकते हैं।
बैठकर करने से यह समस्या काफी हद तक कम होती है।
मिथक और सच्चाई
मिथक: खड़े होकर करना “ज्यादा मर्दाना” है।
सच्चाई: यह सिर्फ़ सांस्कृतिक सोच है, स्वास्थ्य से इसका कोई संबंध नहीं।
मिथक: बैठकर पेशाब करने से पुरुष कमजोर हो जाते हैं।
सच्चाई: कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं। उल्टा कुछ केस में बैठना ज्यादा सेहतमंद है।
मिथक: बैठकर करना सिर्फ बुज़ुर्ग या बीमार लोग करते हैं।
सच्चाई: बहुत से स्वस्थ युवा पुरुष भी स्वच्छता और आराम के लिए बैठना चुनते हैं।
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कब कौन-सा तरीका बेहतर है?
स्थिति | सही तरीका | वजह |
---|---|---|
पूरी तरह स्वस्थ, कोई समस्या नहीं | खड़े या बैठ, दोनों चलेगा | फर्क नहीं |
प्रोस्टेट बढ़ा हुआ / पेशाब की दिक्कत | बैठकर | मूत्राशय ज्यादा खाली होता है |
बुज़ुर्ग / रीढ़/पैर में समस्या | बैठकर | आसान और आरामदायक |
पब्लिक टॉयलेट / जल्दी करना हो | खड़े होकर | सुविधाजनक |
घर में स्वच्छता प्राथमिकता हो | बैठकर | सफाई बनी रहती है |
प्रैक्टिकल टिप्स
पेशाब को ज़बरदस्ती न रोकें।
“डबल वॉइडिंग” अपनाएँ: पहली बार पेशाब करने के बाद 30 सेकंड रुकेँ और फिर कोशिश करें—residual urine कम होगा।
सफाई रखें: खड़े होकर करना है तो छिटकाव कम करने के लिए सीट के पास खड़े हों।
शरीर को आराम दें: पेशाब करते समय फोन या किताब में ध्यान न लगाएँ, bladder को आराम से खाली होने दें।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
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क्या बैठकर पेशाब करने से यौन क्षमता (sexual power) पर असर पड़ता है?
→ नहीं, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। -
क्या बैठकर करने से संक्रमण कम हो सकता है?
→ हाँ, क्योंकि छिटकाव कम होता है और सफाई बनी रहती है। -
क्या छोटे बच्चों को बैठकर करना सिखाना चाहिए?
→ हाँ, ताकि आदत बने और घर में सफाई बनी रहे।
📖 रेफ़रेंस (स्रोत)
🏁 निष्कर्ष
पुरुषों को पेशाब खड़े होकर या बैठकर—दोनों ही तरीके ठीक हैं अगर वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
लेकिन अगर पेशाब में समस्या है, प्रोस्टेट बढ़ा हुआ है या घर में सफाई बनाए रखना है, तो बैठकर पेशाब करना ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है।
असली मर्दानगी तरीका चुनने में नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और सफाई को प्राथमिकता देने में है।
स्वीकरण (Disclaimer)
यह ब्लॉग केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है।इसका मकसद किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह (Medical Advice) देना नहीं है।
यदि आपको पेशाब करने में परेशानी, दर्द, बार-बार पेशाब आना, मूत्राशय या प्रोस्टेट संबंधी कोई लक्षण दिखाई दे, तो कृपया तुरंत योग्य चिकित्सक से परामर्श लें।
ब्लॉग की जानकारी को व्यक्तिगत इलाज या डॉक्टर की राय का विकल्प न मानें।
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