कभी सोचा है, एक छोटा-सा चुटकी भर नमक, जो हम रोज़ बिना सोचे-समझे खाने में डालते हैं, आपकी पूरी सेहत पर कितना भारी पड़ सकता है?

हाँ, हम नमक (salt) की ही बात कर रहे हैं.

और अभी, पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक बहुत ज़रूरी मुहीम चला रहा है:

#PinchForAChange!

इसका मतलब ये नहीं कि खाना बेस्वाद हो जाएगा या आपको मज़ेदार चीज़ें छोड़नी पड़ेंगी.

इसका मकसद है अपनी सेहत के लिए स्मार्ट (smart) और सस्टेनेबल (sustainable) फ़ैसले लेना, ताकि आपका दिल मज़बूत रहे, शरीर चुस्त रहे और आप एक लंबी, जोश भरी ज़िंदगी जी सकें.

हमें ये समझना होगा कि हम में से ज़्यादातर लोग ज़रूरत से बहुत ज़्यादा नमक खा रहे हैं,

अक्सर बिना ये जाने ही!

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बस एक चुटकी औरके छुपे हुए खतरे: ये सिर्फ BP की बात नहीं

भारत में और दुनिया भर में, हमारे खाने में अक्सर छिपा हुआ नमक बहुत होता है.

पैकेटबंद (processed) खाने से लेकर रेस्टोरेंट (restaurant) के खाने तक, और फिर घर में खाने में ऊपर से डालने वाला नमक…

ये सब छोटी-छोटी “चुटकी” मिलकर बड़ा पहाड़ बन जाती हैं. और इसके नतीजे?

बहुत गंभीर हैं, और ये सिर्फ हाई ब्लड प्रेशर (high BP) तक ही सीमित नहीं हैं:

हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension)

ये तो सब जानते हैं. ज़्यादा नमक खाने से शरीर में पानी रुकता है, खून का वॉल्यूम (volume) बढ़ता है और आपकी नसें और दिल पर बहुत दबाव पड़ता है. अक्सर इसके कोई लक्षण (symptoms) दिखते नहीं हैं, लेकिन ये कई बड़ी बीमारियों की जड़ है.

दिल की बीमारियाँ और स्ट्रोक (Stroke) का खतरा

हाई ब्लड प्रेशर दिल के दौरे (heart attack) और स्ट्रोक का सबसे बड़ा कारण है – जो दुनिया भर में मौत की सबसे बड़ी वजह हैं. नमक ज़्यादा होने से आपकी धमनियों (arteries) पर लगातार दबाव पड़ता है, जिससे वो सख्त और संकरी हो जाती हैं. इससे दिल और दिमाग तक खून का बहाव रुक जाता है.

किडनी (Kidney) पर ज़्यादा बोझ और नुकसान

आपकी किडनियां दिन-रात खून से फालतू नमक को छानने का काम करती हैं. ज़्यादा नमक वाला खाना लंबे समय तक खाने से उन पर बहुत ज़्यादा दबाव पड़ता है, जिससे क्रॉनिक किडनी रोग (chronic kidney disease) और यहाँ तक कि किडनी फेलियर (kidney failure) भी हो सकता है, जिसके लिए डायलिसिस (dialysis) या किडनी ट्रांसप्लांट (kidney transplant) की ज़रूरत पड़ सकती है.

कमजोर हड्डियां (Osteoporosis)

कुछ रिसर्च (research) बताती हैं कि ज़्यादा नमक खाने से शरीर में कैल्शियम (calcium) कम हो सकता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) और फ्रैक्चर (fracture) का खतरा बढ़ सकता है.

पेट के कैंसर (Stomach Cancer) का खतरा

नए सबूत बताते हैं कि बहुत ज़्यादा नमक खाने से पेट के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.

और हाँ, यौन स्वास्थ्य (Sexual Health) पर भी असर

ये एक बहुत ज़रूरी, लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाने वाला पहलू है. हाई ब्लड प्रेशर और नमक के ज़्यादा इस्तेमाल से खून की नसें (blood vessels) खराब हो जाती हैं. इससे पूरे शरीर में, यहाँ तक कि यौन क्रियाओं (sexual functions) के लिए ज़रूरी अंगों में भी खून का बहाव कम हो जाता है. पुरुषों में, इससे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile Dysfunction – ED) हो सकता है. और महिलाओं और पुरुषों दोनों में, खून का बहाव कम होने से यौन इच्छा (desire) और कुल मिलाकर यौन संतुष्टि (sexual satisfaction) पर असर पड़ सकता है. स्वस्थ यौन जीवन के लिए स्वस्थ सर्कुलेटरी सिस्टम (circulatory system) बहुत ज़रूरी है, और ज़्यादा नमक इसे सीधा नुकसान पहुँचाता है.

यह एक ख़ामोश खतरा है, जो अक्सर सालों तक बढ़ता रहता है, जब तक कि कोई बड़ी समस्या सामने नहीं आ जाती. ये सिर्फ आपकी उम्र ही नहीं, बल्कि आपकी जीवन की गुणवत्ता (quality of life) पर भी गहरा असर डालता है. लेकिन अच्छी खबर ये है: आपके पास इसे बदलने की शक्ति है, आज से ही!

सबसे अच्छे नमकका भ्रम: एक सच्ची बात!

भारत में, हम अक्सर गुलाबी हिमालयन नमक (pink Himalayan salt), काला नमक (kala namak), या सेंधा नमक (sendha namak) को आम आयोडाइज्ड नमक (iodized table salt) से ज़्यादा फायदेमंद मानते हैं. हालाँकि, इन नमकों में कुछ खनिज (trace minerals) थोड़ी मात्रा में हो सकते हैं या फिर इनमें सल्फर (sulfur) जैसे तत्वों के कारण थोड़ा अलग स्वाद (flavour) आ सकता है, लेकिन मूल बात यही है: सभी नमक मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड (sodium chloride) ही होते हैं.

ऊपर बताए गए स्वास्थ्य जोखिमों का कारण किसी भी प्रकार के नमक में मौजूद सोडियम (sodium) ही होता है, जब इसे ज़्यादा मात्रा में खाया जाता है. “खास” नमकों में पाए जाने वाले खनिज इतने कम होते हैं कि वे ज़्यादा सोडियम लोड (sodium load) के मुकाबले कोई खास स्वास्थ्य लाभ नहीं देते. बल्कि, आम आयोडाइज्ड नमक में ज़रूरी आयोडीन (iodine) होता है, जो थायराइड (thyroid) के सही काम करने और कमी को रोकने के लिए बहुत ज़रूरी है, और ये अक्सर दूसरे तरह के नमकों में नहीं मिलता. तो, चाहे वो सफेद हो, गुलाबी हो या काला, नमक की हर चुटकी आपके रोज़ाना के सोडियम सेवन में गिनी जाती है. हमें कुल खपत कम करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि “स्वस्थ” नमक चुनने पर.

कितना नमक है ‘सही’ और कैसे करें इसे कम?

WHO की सलाह है कि एक स्वस्थ वयस्क को रोजाना 5 ग्राम (करीब एक छोटा चम्मच) से ज़्यादा नमक नहीं खाना चाहिए. लेकिन भारत में, लोग औसतन इससे दोगुना या उससे भी ज़्यादा खाते हैं!

आइए, इसे अपने परिवार के हिसाब से समझते हैं:

अगर आप अकेले रहते हैं: आपका मासिक लक्ष्य 150 ग्राम नमक (5 ग्राम/दिन x 30 दिन) से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.

अगर आप एक कपल (couple) हैं: आपका मासिक लक्ष्य 300 ग्राम नमक (10 ग्राम/दिन x 30 दिन) से ज़्यादा नहीं होना चाहिए.

अगर आपके परिवार में बच्चे हैं:

छोटे बच्चों (1-3 साल) को रोजाना 2 ग्राम से भी कम नमक की ज़रूरत होती है.

बड़े बच्चों (4-6 साल) को 3 ग्राम तक.

और 7 साल से ऊपर के बच्चों को धीरे-धीरे वयस्क जितना (5 ग्राम) नमक दिया जा सकता है, लेकिन कोशिश करें कि कम ही रहे.

इसका मतलब है कि अगर आपके परिवार में बच्चे हैं, तो आपके पूरे घर का कुल मासिक नमक का उपयोग सिर्फ वयस्कों के लक्ष्य को जोड़ने से भी काफी कम होना चाहिए. उदाहरण के लिए, 2 वयस्क और 1 छोटे बच्चे वाले परिवार का लक्ष्य लगभग 210 ग्राम नमक प्रति माह (10 ग्राम/दिन वयस्कों के लिए + 2 ग्राम/दिन बच्चे के लिए x 30 दिन) हो सकता है, लेकिन यह सिर्फ एक अनुमान है और व्यक्तिगत ज़रूरतों पर निर्भर करता है. हमेशा कोशिश करें कि बच्चों के खाने में ऊपर से नमक बिलकुल न डालें और प्रोसेस्ड फूड से उन्हें दूर रखें.

आपकी #PinchForAChange: छोटेछोटे कदम, पूरे शरीर को फायदा!

डब्ल्यूएचओ (WHO) का #PinchForAChange कैंपेन (campaign) आपको रातों-रात अपनी डाइट (diet) पूरी तरह बदलने को नहीं कह रहा. ये छोटे, सोच-समझकर किए गए बदलावों की बात करता है – यहाँ एक “चुटकी” और वहाँ एक “चुटकी” कम करने की – जो मिलकर आपके पूरे शरीर को बहुत बड़ा स्वास्थ्य लाभ देंगे.

यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे आप अपनी खुद की #PinchForAChange यात्रा शुरू कर सकते हैं:

फ़ूड लेबल (Food Labels) पढ़ें (आपकी पहली चुटकी)

पैकेटबंद (packaged) खाने के लेबल पर सोडियम की मात्रा चेक (check) करने की छोटी-सी आदत आपकी सेहत बदल सकती है. आप हैरान हो जाएंगे कि नमक कहाँ-कहाँ छिपा होता है! कम सोडियम वाले ऑप्शन (option) चुनें.

स्मार्ट कुकिंग (Smart Cooking) करें (रचनात्मक चुटकी)

घर पर खाना बनाते समय, नमक की मात्रा कम कर दें. स्वाद बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों (herbs) जैसे धनिया, पुदीना, तुलसी, और मसालों जैसे जीरा, हल्दी, गरम मसाला, नींबू का रस, सिरका, अदरक और लहसुन का प्रयोग करें. आप शायद पाएंगे कि आपको अतिरिक्त नमक की कमी महसूस ही नहीं होगी!

सीज़निंग (Seasoning) से पहले चखें (सोचसमझकर वाली चुटकी)

नमकदानी (salt shaker) उठाने से पहले, अपना खाना चखें. अक्सर, इसमें पहले से ही पर्याप्त नमक होता है. अगर आपको नमक डालना ही है, तो बस एक छोटी चुटकी डालें और फिर से चखें.

प्रोसेस्ड (Processed) और पैकेटबंद (Packaged) फूड से सावधान (जागरूक चुटकी)

बहुत सारी रोज़मर्रा की चीज़ें जैसे ब्रेड (bread), नाश्ते का अनाज (breakfast cereals), सॉस (sauces), अचार (pickles), और रेडी-टू-ईट (ready-to-eat) भोजन में छिपा हुआ सोडियम बहुत ज़्यादा होता है. जब भी संभव हो, ताज़े, साबुत और घर के बने खाने को प्राथमिकता दें.

कैन्ड (Canned) फूड्स को धोएँ (तेज़ और आसान चुटकी)

कैन्ड बीन्स (beans), सब्ज़ियाँ या टूना (tuna) को धोने से उनकी सतह पर मौजूद काफी सोडियम हट जाता है.

 

ये आपके लिए (और भारत के लिए) क्यों मायने रखता है?

भारत में, हमारी पारंपरिक खान-पान की शैली और प्रोसेस्ड (processed) भोजन की बढ़ती खपत का मतलब है कि हमारा नमक का सेवन अक्सर अनुशंसित स्वस्थ सीमा से बहुत ज़्यादा होता है. यह अभियान हमारे देश के सामूहिक स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो दिल के स्वास्थ्य से लेकर प्रजनन (reproductive) स्वास्थ्य तक हर चीज़ को प्रभावित करता है. #PinchForAChange को अपनाकर, आप न केवल अपने दिल की रक्षा कर रहे हैं; आप अपनी समग्र जीवन शक्ति, अपने दीर्घकालिक स्वास्थ्य, और अपने कल्याण के उन पहलुओं की भी रक्षा कर रहे हैं जिन पर आपने शायद कभी विचार भी नहीं किया होगा.

यह एक सशक्त चुनौती है. यह नियंत्रण लेने के बारे में है, एक बार में एक छोटी सी चुटकी के साथ. यह आपकी स्वाद कलिकाओं (taste buds) को भोजन के प्राकृतिक स्वाद को समझने के लिए फिर से प्रशिक्षित करने के बारे में है, न कि अत्यधिक नमक पर निर्भर रहने के बारे में.

तो, आज आपकी पहली #PinchForAChange क्या होने वाली है?

क्या आप एक फ़ूड लेबल (food label) चेक करेंगे? डिनर (dinner) में अतिरिक्त नमक डालना छोड़ देंगे? या शायद, अपने अगले भोजन में एक नया, नमक-रहित मसाला (spice blend) ट्राई (try) करेंगे?

#PinchForAChange मुहीम से जुड़ें. वह छोटा-सा बदलाव करें. आपका दिल, आपकी किडनियां, आपकी हड्डियां, और आपकी पूरी जीवन शक्ति – जिसमें आपका यौन स्वास्थ्य (sexual health) भी शामिल है – आपको इसके लिए धन्यवाद देगी. बेहतर स्वास्थ्य की क्रांति अब, आपसे शुरू होती है.