लेक Tahoe में प्लेग का खतरा: क्या हमें डरना चाहिए?

1994 में, सूरत में प्लेग की खबर ने पूरे भारत में डर और अफरा-तफरी मचा दी थी।

उस वक्त लोग घबराकर शहर छोड़कर भागने लगे थे। हालाँकि, मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है और अब प्लेग का इलाज मुमकिन है, फिर भी ऐसी खबरें हमें सावधान कर देती हैं।

अब कैलिफ़ोर्निया से भी ऐसी ही एक खबर आई है।

plague in california

कैलिफ़ोर्निया के लेक Tahoe में एक व्यक्ति को प्लेग होने का मामला सामने आया है।

El Dorado काउंटी के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि साउथ लेक Tahoe में रहने वाला यह व्यक्ति अभी अपने घर पर ही डॉक्टरों की देखरेख में ठीक हो रहा है।

अधिकारियों का मानना है कि यह व्यक्ति कैंपिंग के दौरान किसी संक्रमित पिस्सू के काटने से बीमार हुआ है।

प्लेग क्या है और यह कैसे फैलता है?

प्लेग एक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है जिसे “येर्सिनिया पेस्टिस” (Yersinia pestis) कहते हैं।

यह बैक्टीरिया ज्यादातर पिस्सू के काटने से फैलता है जो पहले गिलहरियों, चिपमंक्स या दूसरे जंगली चूहों को काटकर संक्रमित होते हैं।

कई बार कुत्ते और बिल्लियाँ भी ऐसे संक्रमित पिस्सू को घर में ला सकते हैं।

प्लेग के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के दो हफ्ते के अंदर दिखने लगते हैं, जिनमें बुखार, उल्टी, कमजोरी और सूजी हुई लिम्फ नोड्स (गाँठें) शामिल हैं।

अच्छी बात यह है कि अगर समय पर बीमारी का पता चल जाए, तो एंटीबायोटिक दवाओं से इसका प्रभावी इलाज किया जा सकता है।

El Dorado काउंटी के कार्यवाहक पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर काइल फ्लिफ्लेट का कहना है कि प्लेग कैलिफ़ोर्निया के ऊँचे इलाकों में कुदरती रूप से मौजूद है।

उन्होंने लोगों को सलाह दी है कि वे बाहर घूमते या कैंपिंग करते समय कुछ सावधानियाँ बरतें।

प्लेग के प्रकार और सबसे खतरनाक कौन सा है?

प्लेग मुख्य रूप से तीन तरह का होता है, और तीनों में से एक सबसे खतरनाक माना जाता है।

ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague)

यह प्लेग का सबसे आम प्रकार है। इसमें बैक्टीरिया लसीका तंत्र (lymphatic system) में चला जाता है।

इससे शरीर की लसीका ग्रंथियाँ (lymph nodes) सूज जाती हैं, जिन्हें ‘बूबो’ (buboes) कहते हैं।

ये सूजी हुई गाँठें अक्सर कांख, जांघ या गर्दन में दिखाई देती हैं। इसका इलाज संभव है।

सेप्टिसेमिक प्लेग (Septicemic Plague)

 जब प्लेग का बैक्टीरिया खून में फैल जाता है, तो इसे सेप्टिसेमिक प्लेग कहते हैं।

यह ब्यूबोनिक प्लेग का ही एक रूप हो सकता है या सीधे भी हो सकता है।

इसमें बुखार, कमजोरी और शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं, जिससे त्वचा काली पड़ सकती है।

यह ब्यूबोनिक प्लेग से ज़्यादा खतरनाक होता है।

न्यूमोनिक प्लेग (Pneumonic Plague)

यह प्लेग का सबसे दुर्लभ लेकिन सबसे खतरनाक प्रकार है। इसमें संक्रमण फेफड़ों में पहुँच जाता है।

यह हवा में छींकने या खांसने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

अगर इसका जल्दी इलाज न हो तो कुछ ही घंटों में यह जानलेवा हो सकता है।

प्लेग का पता कैसे लगाते हैं?

प्लेग का सही पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ जांच करते हैं।

शारीरिक जाँच: सबसे पहले डॉक्टर मरीज के लक्षणों को देखते हैं, जैसे बुखार, कमजोरी और शरीर में सूजी हुई गाँठें।

सैंपल लेना: बीमारी की पुष्टि के लिए डॉक्टर मरीज से सैंपल लेते हैं।

अगर ब्यूबोनिक प्लेग का शक हो, तो डॉक्टर सूजी हुई गाँठ (bubo) से तरल पदार्थ का सैंपल लेते हैं।

अगर सेप्टिसेमिक प्लेग का शक हो, तो खून का सैंपल लिया जाता है।

अगर न्यूमोनिक प्लेग का शक हो, तो फेफड़ों से बलगम (sputum) का सैंपल लिया जाता है।

लैब में जाँच

इन सैंपल को लैब में भेजा जाता है ताकि यह पता चल सके कि उनमें प्लेग पैदा करने वाला बैक्टीरिया Yersinia pestis मौजूद है या नहीं।

इस जाँच के बाद ही डॉक्टर पक्का बताते हैं कि मरीज को प्लेग है या नहीं।

प्लेग से कैसे बचें: कुछ आसान उपाय

जंगली जानवरों से दूर रहें: गिलहरियों, चिपमंक्स या किसी भी जंगली चूहे को न छुएं, खासकर अगर वे मरे हुए या बीमार दिखें।

सुरक्षा का ध्यान रखें: कैंपिंग करते समय ऐसी जगहों से दूर रहें जहाँ मरे हुए चूहे हों। लंबी पैंट पहनें और उसे अपने बूटों के अंदर रखें।

कीटनाशक का प्रयोग करें: पिस्सू से बचने के लिए कीट भगाने वाले स्प्रे (repellent) का इस्तेमाल करें।

El Dorado काउंटी के अधिकारी उस इलाके के चूहों पर लगातार नजर रख रहे हैं ताकि प्लेग के खतरे का पता लगाया जा सके।

2021 से 2024 के बीच 41 चूहों में प्लेग के बैक्टीरिया पाए गए थे, और 2025 में भी Tahoe बेसिन में चार चूहे पॉजिटिव पाए गए हैं।

यह समझना ज़रूरी है कि इंसानों में प्लेग के मामले बहुत कम होते हैं।

साउथ लेक Tahoe में आखिरी मामला 2020 में आया था, जबकि उससे पहले 2015 में Yosemite नेशनल पार्क में दो लोग संक्रमित हुए थे।

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निष्कर्ष

प्लेग का मामला सुनकर भले ही डर लगे, लेकिन यह समझना ज़रूरी है कि यह बहुत ही दुर्लभ बीमारी है और इसका इलाज संभव है।

यह घटना हमें सिर्फ एक चेतावनी देती है कि हमें प्रकृति के बीच रहते हुए सावधान रहना चाहिए।

पिस्सू और जंगली चूहों से दूरी बनाए रखने और साफ-सफाई का ध्यान रखने जैसे छोटे-छोटे उपाय हमें और हमारे पालतू जानवरों को सुरक्षित रख सकते हैं।

अगर आपको कभी भी प्लेग जैसे लक्षण दिखें, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।

डिस्क्लेमर

इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। यह किसी भी तरह से डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं है।

अपनी स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए हमेशा एक योग्य डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लें।