सोचिए, अगर आपका खाना ही आपकी बीमारी का कारण बन जाए तो?

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अक्सर बिना सोचे-समझे जो कुछ भी मिलता है, खा लेते हैं।

लेकिन, हमारा शरीर एक मशीन नहीं, बल्कि एक जीता-जागता सिस्टम है जो हर उस चीज़ पर प्रतिक्रिया करता है जो हम खाते हैं।

योग गुरु सद्गुरु Sadhguru कहते हैं कि, “भोजन सिर्फ़ शरीर का ईंधन (fuel) नहीं है, बल्कि यह वह जानकारी है जो आपके शरीर को मिलती है।

आज हम इसी बात पर गहराई से बात करेंगे।

हाल ही में हुए कई शोधों और पोषण विशेषज्ञों (nutritionists) की चेतावनियों ने यह साबित किया है कि कुछ आम भारतीय खाद्य पदार्थ, जिनका हम रोज़ाना सेवन करते हैं, वे शरीर को धीरे-धीरे नुकसान पहुँचा सकते हैं।

आज हम जानेंगे कि sadhguru सद्गुरु और विज्ञान, दोनों की नज़र में कौन से 4 खाद्य पदार्थ सबसे हानिकारक हैं, क्यों हैं, और सबसे महत्वपूर्ण, हम उनसे कैसे बच सकते हैं।

यह ब्लॉग आपके लिए सिर्फ़ एक चेतावनी नहीं, बल्कि आपकी थाली को फिर से समझने की एक मार्गदर्शिका (guide) है।

जंगल में बैठे सद्गुरु के सामने हानिकारक खाद्य पदार्थ और एक सकारात्मक ऊर्जा का घेरा।

सद्गुरु के अनुसार, इन हानिकारक खाद्य पदार्थों को छोड़कर प्रकृति के करीब आएं और एक स्वस्थ जीवन जिएं।

‘टॉक्सिंस’ का मतलब क्या है? (What Do ‘Toxins’ Mean?)

‘टॉक्सिन’ शब्द सुनकर अक्सर हम डर जाते हैं। सरल शब्दों में, टॉक्सिन वह कोई भी हानिकारक पदार्थ है जो हमारे शरीर में घुसकर उसे नुकसान पहुँचाता है।

बाहरी टॉक्सिंस (External Toxins)

ये ज़्यादातर हमारे खाने में बाहर से आते हैं।

जैसे कि फल और सब्ज़ियों पर इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक (pesticides), खाने को रंग देने वाले हानिकारक केमिकल (dyes), और मिलावट (adulteration) के लिए इस्तेमाल होने वाले पदार्थ।

अंदरूनी टॉक्सिंस (Internal Toxins)

कुछ ऐसे टॉक्सिंस भी होते हैं जो खाना बनाने या खाने के तरीके से बनते हैं।

जैसे कि ज़्यादा तेल में खाना तलने से बनने वाले हानिकारक केमिकल।

ये टॉक्सिंस हमारे शरीर में सूजन (inflammation) पैदा करते हैं, सेल्स (cells) को नुकसान पहुँचाते हैं और समय के साथ दिल, लिवर और दिमाग जैसी अहम चीज़ों को भी खराब कर सकते हैं।

खाने की आदतें और जीवनशैली: सद्गुरु की नजर में (Eating Habits and Lifestyle: In Sadhguru’s View)

सद्गुरु का दर्शन बहुत सीधा और गहरा है।

वे हमें सिखाते हैं कि हमें अपने शरीर को सुनना चाहिए।

उनकी सलाह सिर्फ़ यह नहीं है कि क्या खाएं और क्या नहीं, बल्कि यह भी है कि कैसे खाएं

सचेत होकर खाएं (Eat with Awareness)

सद्गुरु कहते हैं कि जब हम सचेत होकर खाते हैं, तो हम अपने शरीर की ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं।

इससे हम अनजाने में ज़्यादा खाने (overeating) या खराब खाना खाने से बच जाते हैं।

भोजन के बीच गैप (Maintain Gaps Between Meals)

वे हमें एक दिन में दो बड़े भोजन करने की सलाह देते हैं, जिनके बीच 5 से 6 घंटे का अंतर हो।

इससे हमारे पाचन तंत्र को खाने को पूरी तरह पचाने और शरीर को अंदर से साफ करने (detox) का समय मिल जाता है।

कच्चे भोजन को शामिल करें (Include Raw Foods)

सद्गुरु हर भोजन में 30-40% कच्चे फल, सब्जियां, सलाद या अंकुरित अनाज (sprouts) शामिल करने की सलाह देते हैं।

वे इन्हें “जीवित भोजन” (live food) कहते हैं, जो हमारे शरीर में ऊर्जा और जीवन शक्ति (vitality) को बढ़ाता है।

 समस्या सिर्फ़ खाने में नहीं है, बल्कि हमारे खाने के तरीके में भी है।

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ये 4 आम खाद्य पदार्थ जो आपकी सेहत के लिए हैं सबसे हानिकारक

(The 4 Common Foods That Are Most Harmful for Your Health)

विज्ञान और सद्गुरु दोनों ही कुछ खास तरह के खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह देते हैं। यहाँ वे 4 सबसे आम और हानिकारक खाद्य पदार्थ दिए गए हैं:

रिफाइंड शुगर (Refined Sugar)

समस्या: रिफाइंड शुगर, यानी सफेद चीनी, को “खाली कैलोरी” (empty calories) कहा जाता है।

इसमें सिर्फ़ कैलोरी होती है, कोई पोषक तत्व (nutrients) नहीं होते।

वैज्ञानिक कारण: यह हमारे शरीर में पहुँचते ही बहुत तेज़ी से ग्लूकोज (glucose) का स्तर बढ़ाती है, जिससे इन्सुलिन (insulin) का उत्पादन बढ़ जाता है।

लंबे समय तक ऐसा होने से मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारियाँ और लिवर की बीमारियाँ हो सकती हैं।

भारतीय संदर्भ: भारत में मिठाई, बिस्किट और मीठे पेय पदार्थों में रिफाइंड शुगर का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल होता है, जिससे डायबिटीज और मोटापे के मामले बढ़ रहे हैं।

विकल्प: आप चीनी की जगह गुड़, खजूर, शहद, या फलों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

तले हुए भोजन और प्रोसेस्ड फूड (Fried and Processed Foods)

समस्या: तले हुए पकवान जैसे समोसा, पकोड़े, और प्रोसेस्ड फूड जैसे चिप्स, नूडल्स, और पैकेट वाले स्नैक्स, हमारी सेहत के लिए बहुत खतरनाक हैं।

वैज्ञानिक कारण: जब तेल को बहुत ज़्यादा गरम किया जाता है, तो उसमें ट्रांस फैट (trans fats) और एक्रिलामाइड (acrylamide) जैसे हानिकारक केमिकल बनते हैं।

ये केमिकल शरीर में सूजन पैदा करते हैं, दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाते हैं और यहाँ तक कि कैंसर का कारण भी बन सकते हैं।

भारतीय संदर्भ: भारत में स्ट्रीट फूड (street food) और पैकेट वाले स्नैक्स का बहुत चलन है, जिससे यह समस्या बहुत आम है।

विकल्प: आप डीप-फ्राइंग (deep-frying) की जगह एयर-फ्राइंग (air-frying) या बेकिंग (baking) का इस्तेमाल कर सकते हैं।

मिलावटी अनाज और मसालें (Adulterated Grains and Spices)

समस्या: भारत में, अनाज, दालों और मसालों में मिलावट एक बहुत बड़ी चुनौती है।

FSSAI की रिपोर्ट: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की रिपोर्टों के अनुसार,

हल्दी में लेड क्रोमेट (lead chromate) और दालों में मेटानिल येलो (metanil yellow) जैसे हानिकारक केमिकल मिलाए जाते हैं। ये केमिकल लिवर, किडनी और दिमाग को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं।

विकल्प: हमेशा प्रमाणित और भरोसेमंद ब्रांड के ही अनाज और मसाले खरीदें।

अगर संभव हो तो इन्हें स्थानीय दुकानों से थोक में खरीदें और घर पर ही पीसें।

दूध और रिफाइंड तेल (Milk and Refined Oil)

समस्या: दूध को अक्सर सेहतमंद माना जाता है, लेकिन भारत में इसमें पानी, डिटर्जेंट और यूरिया जैसी चीज़ों की मिलावट की रिपोर्ट आती हैं।

वहीं, रिफाइंड तेल को बनाने की प्रक्रिया में कई केमिकल का इस्तेमाल होता है, जो सेहत के लिए अच्छे नहीं हैं।

वैज्ञानिक कारण: मिलावटी दूध से पेट की बीमारियाँ और लिवर से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं।

रिफाइंड तेलों में भी हानिकारक फैट होते हैं जो दिल के लिए खराब हैं।

विकल्प: दूध को हमेशा प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदें। रिफाइंड तेल की जगह सरसों का तेल, तिल का तेल, या शुद्ध घी का इस्तेमाल करें।

खुद को कैसे बचाएं? (How to Protect Yourself?)

लेबल पढ़ें (Read Labels): कोई भी पैकेट वाला सामान खरीदने से पहले उसके लेबल पर दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ें।

घर पर खाएं (Eat at Home): जितना हो सके, बाहर का खाना खाने से बचें और घर पर बना ताज़ा और स्वस्थ भोजन खाएं।

खुद की जाँच करें (Check Your Food): FSSAI ने कुछ आसान घरेलू तरीकों के बारे में बताया है जिनसे आप दूध और मसालों में मिलावट की जाँच कर सकते हैं।

जानकार बनें (Be Aware): स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी पर ध्यान दें और अपने और अपने परिवार की सेहत के लिए सही चुनाव करें।

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अस्वीकरण (Disclaimer)

यह ब्लॉग एक गंभीर स्वास्थ्य चेतावनी पर प्रकाश डालता है।

कृपया इसे केवल जानकारी का स्रोत मानें, न कि किसी भी तरह की स्वास्थ्य सलाह।

किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी चिंता के लिए हमेशा एक पेशेवर डॉक्टर से सलाह लें।

आपकी और आपके अपनों की सेहत हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

संदर्भ (References)