सलमान खान ने एक बार अपने एक इंटरव्यू में अपने दर्दनाक अनुभव के बारे में बताया था, जिसे उन्होंने “चेहरे का दर्द” (Suicidal Disease) नाम दिया था।
यह दर्द इतना असहनीय था कि उन्हें अपनी जान लेने तक के ख्याल आने लगे थे।
यह कोई आम सिरदर्द या दाँत का दर्द नहीं था, बल्कि एक दुर्लभ और बेहद गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति थी जिसे ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया (Trigeminal Neuralgia) कहा जाता है।
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तो आखिर क्या है यह ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया?
हमारे चेहरे के दोनों तरफ एक मुख्य नस होती है, जिसे ट्राइजेमिनल नर्व (Trigeminal Nerve) कहते हैं।
यह नस हमारे चेहरे की संवेदनाओं (sensation) जैसे स्पर्श, तापमान और दर्द को दिमाग तक पहुँचाने का काम करती है।
ट्राइजेमिनल नर्व की तीन मुख्य शाखाएँ होती हैं, जो माथे, गालों, जबड़े और दाँतों तक जाती हैं।
जब किसी वजह से इस नस पर दबाव पड़ता है या यह क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो यह दिमाग को गलत सिग्नल भेजने लगती है।
इसी वजह से चेहरे पर अचानक, बिजली के झटके जैसा या चाकू मारने जैसा तेज दर्द महसूस होता है।
इस दर्द को इतना खतरनाक क्यों माना जाता है?
असहनीय दर्द: यह दर्द इतना तीव्र और अचानक होता है कि मरीज कुछ भी करने में असमर्थ हो जाता है। यह कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रह सकता है, और दिन में कई बार हो सकता है।
आम गतिविधियों से ट्रिगर: इस दर्द का कोई निश्चित कारण नहीं होता, बल्कि कई बार यह दाँत ब्रश करने, चेहरा धोने, हँसने, बोलने, खाने या यहाँ तक कि ठंडी हवा के झोंके से भी ट्रिगर हो सकता है।
इसी वजह से मरीज इन सामान्य गतिविधियों को करने से भी डरने लगता है।
मनोवैज्ञानिक प्रभाव: लगातार दर्द और इसके ट्रिगर होने के डर से मरीज मानसिक रूप से बहुत परेशान हो जाते हैं।
उन्हें डिप्रेशन, चिंता और सामाजिक अलगाव महसूस होने लगता है। इसी वजह से इसे “सुसाइडल डिजीज” भी कहा जाता है, क्योंकि दर्द की असहनीयता के कारण मरीज अक्सर हताश हो जाते हैं।
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सही इलाज का अभाव
कई बार इस बीमारी की पहचान जल्दी नहीं हो पाती, क्योंकि इसके लक्षण दाँत दर्द या साइनस इन्फेक्शन से मिलते-जुलते हैं।
लोग पहले दाँत निकलवा लेते हैं या अन्य इलाज करवाते रहते हैं, जिससे सही इलाज में देरी होती है।
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का कारण क्या है?
ज्यादातर मामलों में, इसका कारण मस्तिष्क के अंदर एक रक्त वाहिका (blood vessel) का ट्राइजेमिनल नर्व पर दबाव डालना होता है।
यह दबाव नसों की बाहरी परत (myelin sheath) को नुकसान पहुँचाता है, जिससे गलत सिग्नल उत्पन्न होते हैं।
इसके अलावा, ट्यूमर या मल्टीपल स्क्लेरोसिस (Multiple Sclerosis) जैसी बीमारियाँ भी इसका कारण बन सकती हैं।
क्या इसका कोई इलाज है?
हाँ, ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का इलाज संभव है।
दवाइयाँ: शुरुआत में, एंटी-सीज़र (anti-seizure) दवाइयाँ दी जाती हैं, जो नर्व के गलत सिग्नल को रोकने में मदद करती हैं।
सर्जरी: यदि दवाइयाँ प्रभावी नहीं होतीं, तो कई सर्जिकल विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें से एक को “माइक्रोवस्कुलर डीकंप्रेसन” (Microvascular Decompression – MVD) कहते हैं,
जिसमें सर्जन रक्त वाहिका को नस से दूर हटा देते हैं।
रेडियोसर्जरी: “गामा नाइफ” (Gamma Knife) जैसी रेडियोसर्जरी तकनीक से भी नस को प्रभावित हिस्से पर नियंत्रित विकिरण दिया जाता है, जिससे दर्द कम होता है।
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सलमान खान की बात करें तो, उन्होंने भी इलाज के लिए अमेरिका में MVD सर्जरी करवाई थी, जिसके बाद उन्हें इस दर्द से काफी राहत मिली।
अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को इस तरह के चेहरे के दर्द का अनुभव होता है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।
तुरंत किसी न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लें और सही निदान (diagnosis) और इलाज करवाएँ।
यह एक ऐसी बीमारी है जिसका सही समय पर इलाज करके मरीज को एक सामान्य और दर्द-मुक्त जीवन दिया जा सकता है।