यह प्रकोप कंट्री एग्स (Country Eggs) नाम की एक कंपनी के “केज-फ्री” अंडों से जुड़ा है, जिसके बाद कंपनी को अपने उत्पादों को वापस मँगवाना पड़ा।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि खाने की सुरक्षा कितनी ज़रूरी है और हमें अपने रोज़ाना के भोजन के बारे में कितना सतर्क रहना चाहिए।
यह ब्लॉग इसी प्रकोप पर विस्तार से बात करेगा।
हम जानेंगे कि Salmonella क्या है, अमेरिका में क्या हुआ, भारत में अंडों की सुरक्षा की क्या स्थिति है, और सबसे महत्वपूर्ण,
हम कैसे पहचान सकते हैं कि अंडा खाने लायक है या नहीं।
क्या है Salmonella बैक्टीरिया और इसके लक्षण? What is Salmonella Bacteria and What Are Its Symptoms?
Salmonella एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो आमतौर पर जानवरों और इंसानों की आँतों में रहता है।
यह मल (feces) के जरिए बाहर आता है और पानी या खाने को संक्रमित कर सकता है।
जब कोई व्यक्ति संक्रमित खाना खा लेता है, तो उसे यह बीमारी हो जाती है।
इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 12 से 72 घंटे बाद दिखना शुरू होते हैं और 4 से 7 दिनों तक रहते हैं।
मुख्य लक्षण
दस्त (Diarrhea): यह सबसे आम लक्षण है, जो कई बार खूनी भी हो सकता है।
बुखार (Fever): शरीर का तापमान 102°F से ज़्यादा हो सकता है।
पेट में दर्द: पेट में ऐंठन और तेज दर्द महसूस हो सकता है।
उल्टी और जी मिचलाना: कई बार उल्टी इतनी ज्यादा हो सकती है कि शरीर में पानी की कमी हो जाए।
ज़्यादातर स्वस्थ लोग बिना किसी खास इलाज के ठीक हो जाते हैं।
लेकिन, छोटे बच्चों (5 साल से कम), बुजुर्गों (65 साल से ऊपर), और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए यह संक्रमण बहुत गंभीर हो सकता है
और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत पड़ सकती है।
अमेरिका में अंडे से फैला Salmonella संक्रमण: पूरा मामला (The Salmonella Outbreak in the U.S.: The Whole Story)
यह पूरा मामला तब सामने आया जब अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने मिलकर
एक Salmonella प्रकोप की जाँच शुरू की।
जाँच में पता चला कि कई राज्यों में, खासकर कैलिफ़ोर्निया और नेवाडा में, 95 से ज़्यादा लोग एक ही तरह के Salmonella बैक्टीरिया से संक्रमित हुए थे।
इनमें से 18 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
जाँच के दौरान, अधिकारियों ने पाया कि जिन लोगों को यह संक्रमण हुआ था, उनमें से ज़्यादातर ने एक ही कंपनी के अंडे खाए थे।
इस कंपनी का नाम कंट्री एग्स, एलएलसी (Country Eggs, LLC) है।
इन अंडों को “केज-फ्री” और “सनशाइन योक्स” जैसे ब्रांड नामों से बेचा जाता था।
CDC और FDA ने तुरंत कंपनी को उन सभी अंडों को वापस मँगवाने का आदेश दिया, जो 16 जून 2025 से 9 जुलाई 2025 के बीच बेचे गए थे।
इन अंडों पर कुछ खास कोड और ‘सेल बाय डेट’ छपी थी। लोगों को सलाह दी गई कि वे इन अंडों को तुरंत फेंक दें या वापस लौटा दें।
यह घटना दिखाती है कि भले ही किसी अंडे की पैकेजिंग पर “केज-फ्री” या “ऑर्गेनिक” जैसी चीजें लिखी हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह 100% सुरक्षित है।
क्या ‘केज-फ्री’ अंडे ज़्यादा सुरक्षित होते हैं? [Are ‘Cage-Free’ Eggs Really Safer?]
आजकल “केज-फ्री” अंडों की मांग बहुत बढ़ गई है। लोग मानते हैं कि ऐसे अंडे मुर्गियों को बेहतर माहौल में रखने की वजह से ज़्यादा पौष्टिक और सुरक्षित होते हैं।
लेकिन सच यह है कि अंडे को ‘केज-फ्री’ कहना सिर्फ़ मुर्गियों के रहने के माहौल से जुड़ा है, इसका सीधा मतलब यह नहीं है कि अंडा संक्रमण से बचा हुआ है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चाहे मुर्गियाँ पिंजरे में रहें या खुले में, Salmonella संक्रमण का जोखिम हमेशा बना रहता है।
बैक्टीरिया मुर्गियों के मल से अंडे के खोल पर आ सकता है।
अगर अंडे को ठीक से साफ न किया जाए या वह टूट जाए, तो बैक्टीरिया अंदर तक पहुँच सकता है। इसलिए, “केज-फ्री” का मतलब सुरक्षा की गारंटी नहीं है।
अंडे की सुरक्षा: भारतीय संदर्भ (Egg Safety: The Indian Context)
भारत दुनिया के सबसे बड़े अंडा उत्पादकों में से एक है।
यहाँ भी अंडों की सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय है।
हालाँकि, अमेरिका जैसी बड़े पैमाने पर Salmonella प्रकोप की रिपोर्ट कम ही आती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि खतरा नहीं है।
भारतीय शोधों से पता चला है कि:
कम रिपोर्टिंग: भारत में Salmonella संक्रमण के मामले बहुत ज़्यादा रिपोर्ट नहीं किए जाते।
इसका एक कारण सीमित जाँच सुविधाएँ और जानकारी की कमी हो सकती है।
लापरवाही का जोखिम: हमारे यहाँ अंडों को अक्सर बिना किसी खास तापमान नियंत्रण (refrigeration) के खुले में रखा और बेचा जाता है। इससे बैक्टीरिया के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रदूषण और फीड: कुछ भारतीय अध्ययनों से यह भी पता चला है कि मुर्गियों को दिया जाने वाला चारा (feed) और पानी प्रदूषित हो सकता है,
जिससे अंडे में भारी धातुएं (heavy metals) और दूसरे हानिकारक तत्व आ सकते हैं।
जागरूकता की कमी: भारत में लोग अक्सर अंडे को ठीक से धोने, पकाने और स्टोर करने की सही जानकारी नहीं रखते।
खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अंडों की सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए हैं।
वे कहते हैं कि अंडों को साफ-सुथरा, बिना दरार वाला और सही पैकेजिंग में होना चाहिए।
लेकिन इन नियमों का पालन हमेशा नहीं हो पाता।
सही और खराब अंडे की पहचान कैसे करें? (How to Identify a Good vs. Bad Egg?)
अंडों से जुड़े संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सही अंडे खरीदें और उन्हें सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करें।
कुछ आसान तरीके हैं जिनसे आप जान सकते हैं कि अंडा अच्छा है या नहीं:
फ्लोट टेस्ट (Float Test)
यह एक बहुत ही आसान तरीका है। एक कटोरे में ठंडा पानी लें और उसमें अंडा धीरे से डाल दें।
अगर अंडा डूबकर नीचे बैठ जाए: तो वह पूरी तरह से ताज़ा है और खाने के लिए एकदम सुरक्षित है।
अगर अंडा थोड़ा टेढ़ा होकर खड़ा हो जाए: तो वह थोड़ा पुराना है, लेकिन खाने लायक है।
अगर अंडा पानी में तैरने लगे: तो इसका मतलब है कि वह बहुत पुराना हो गया है और उसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
अंडे का खोल बहुत पतला होता है, इसलिए समय के साथ उसमें से हवा अंदर चली जाती है, जिससे वह हल्का होकर तैरने लगता है।
सूंघकर देखें
अगर अंडा खाने लायक नहीं है तो उसमें से एक तेज़, सल्फर जैसी गंध आती है।
अगर आपको शक हो, तो अंडे को तोड़कर एक साफ कटोरे में डालें और सूंघें। अगर बदबू आए तो उसे तुरंत फेंक दें।
देखकर पहचानें
अंडे के बाहरी खोल पर अगर कोई दरार (crack) है, तो उसे नहीं लेना चाहिए।
दरार से बैक्टीरिया अंदर जा सकते हैं। अंडों को खरीदते समय यह भी देखें कि वे साफ हैं या नहीं।
तोड़कर देखें
जब आप अंडे को तोड़ते हैं, तो ताज़ा अंडे की पहचान है कि उसकी जर्दी (yolk) गोल, ऊँची और गाढ़ी होती है।
उसका सफेद हिस्सा (egg white) भी गाढ़ा और चिपचिपा होता है और ज़्यादा फैलता नहीं है।
अगर अंडा पुराना हो तो जर्दी चपटी हो जाती है और सफेद हिस्सा पतला और पानी जैसा हो जाता है।
निष्कर्ष: आपकी सुरक्षा आपके हाथ में
अमेरिका में हुआ Salmonella का प्रकोप एक बड़ी चेतावनी है।
यह हमें सिखाता है कि भले ही हम कहाँ भी हों, खाने की सुरक्षा हमारी अपनी जिम्मेदारी है।
चाहे अंडे हों या कोई और खाने की चीज़, हमें उसे खरीदने, स्टोर करने और पकाने में सावधानी बरतनी चाहिए।
हमेशा ताज़ा और बिना दरार वाले अंडे खरीदें।
अंडों को रेफ्रिजरेटर में ही रखें, खासकर गर्म मौसम में।
अंडे को हमेशा पूरी तरह से पकाकर ही खाएं। कच्चे या अधपके अंडे खाने से बचें।
कच्चे अंडे को छूने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं, ताकि बैक्टीरिया दूसरी चीज़ों पर न फैले।
सही जानकारी और सावधानी के साथ, हम Salmonella जैसे खतरों से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग पोस्ट केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखी गई है और इसे किसी भी तरह से डॉक्टरी सलाह नहीं माना जाना चाहिए।
इसमें दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है।
किसी भी तरह की दवा, डाइट या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या के लिए हमेशा किसी सर्टिफाइड डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।
इस ब्लॉग में बताए गए उपाय हर व्यक्ति के लिए समान रूप से प्रभावी हों, यह ज़रूरी नहीं है।
किसी भी स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले पेशेवर डॉक्टरी सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।
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