क्या आपने नोटिस किया है कि कभी-कभी आपके दोनों पैरों में से एक पैर की बदबू ज़्यादा तेज़ होती है?
😅 यह सुनने में मज़ाक जैसा लगता है, लेकिन इसके पीछे भी पक्की वजह है।
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🔬 असली वजह – पसीना और बैक्टीरिया
हमारे पैरों में हज़ारों पसीने की ग्रंथियाँ होती हैं।
पसीना अपने आप में गंधहीन होता है, लेकिन जब यह बैक्टीरिया के संपर्क में आता है तो बदबू पैदा होती है।
अगर किसी पैर में ज़्यादा पसीना आता है या बैक्टीरिया की संख्या ज़्यादा है, तो उस पैर की बदबू भी ज़्यादा होगी।
🧦 जूते-मोज़े का असर
तंग जूते या गीले मोज़े एक पैर में नमी ज़्यादा रोक सकते हैं।
नमी + अंधेरा = बैक्टीरिया के लिए स्वर्ग।
यही कारण है कि एक पैर की बदबू दूसरे से ज़्यादा लग सकती है।
🦶 आदतों का अंतर
कभी-कभी हम अनजाने में एक पैर पर ज़्यादा दबाव डालते हैं या एक पैर को ज़्यादा देर तक हवा नहीं मिलने देते।
इससे भी पसीना और बदबू का फर्क पड़ सकता है।
🚫 भ्रांति का सच
लोग सोचते हैं कि एक पैर की बदबू ज़्यादा होना = कोई बड़ी बीमारी। यह ग़लत है।
अधिकतर मामलों में यह सिर्फ पसीना, बैक्टीरिया और जूतों की वजह से होता है।
✅ झटपट नतीजा
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पसीना और बैक्टीरिया = बदबू।
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एक पैर में नमी या बैक्टीरिया ज़्यादा → बदबू ज़्यादा।
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यह सामान्य है, बीमारी का लक्षण नहीं।
🌀 तीन आसान चरणों में “एक पैर की बदबू”
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पसीना जमा हुआ।
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बैक्टीरिया ने उसे तोड़ा।
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बदबू बनी → कभी एक पैर से ज़्यादा, कभी दोनों से।
नतीजा: यह सामान्य है और पैरों की सफाई से इसे आसानी से काबू किया जा सकता है।
छोटी सलाह:
रोज़ाना पैरों को धोकर सुखाएँ।
साफ़ और सूखे मोज़े पहनें।
जूतों को धूप में रखें ताकि नमी और बैक्टीरिया कम हों।