कैलिफ़ोर्निया में एक अजीब सी बीमारी के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं, और पिछले 25 सालों में इसमें 1,200% की भारी बढ़ोतरी हुई है।

इस बीमारी का नाम है Valley Fever (वैली फीवर), और इस साल इसके मामले पिछले साल के रिकॉर्ड को भी पार कर सकते हैं।

valley fever

क्या है वैली फीवर और यह कैसे फैलता है?

वैली फीवर एक फंगल इन्फेक्शन है जो कोक्सीडियोइड्स (Coccidioides) नाम की फंगस से होता है।

यह फंगस कैलिफ़ोर्निया और अमेरिका के दक्षिण-पश्चिमी इलाकों की मिट्टी में पाई जाती है।

जब धूल या मिट्टी हवा में उड़ती है, तो इस फंगस के छोटे-छोटे बीजाणु (spores) भी हवा में मिल जाते हैं।

अगर कोई व्यक्ति इन बीजाणुओं को सांस के साथ अंदर ले लेता है, तो उसे यह बीमारी हो सकती है।

यह बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलती।

मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन है।

कैलिफ़ोर्निया में अब मौसम का पैटर्न बदल रहा है – पहले बहुत बारिश होती है, फिर बहुत सूखा पड़ता है।

यह पैटर्न इस फंगस के पनपने के लिए एकदम सही है।

सूखी हवा में धूल उड़ने से फंगस के बीजाणु और भी आसानी से फैल जाते हैं।

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इसके लक्षण क्या हैं और यह कितना खतरनाक है?

वैली फीवर के लक्षण अक्सर फ्लू या COVID-19 जैसे होते हैं, इसलिए लोग इसे पहचान नहीं पाते। इसके मुख्य लक्षण हैं:

  • थकान
  • खांसी
  • बुखार
  • रात में पसीना आना
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

यह बीमारी हफ्तों से लेकर महीनों तक रह सकती है।

कुछ गंभीर मामलों में यह फंगस शरीर के बाकी हिस्सों जैसे हड्डियों, दिमाग या त्वचा तक फैल जाती है,

और ऐसे मरीजों को जिंदगी भर एंटी-फंगल दवाइयाँ लेनी पड़ सकती हैं।

यह बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। कैलिफ़ोर्निया के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार,

इस बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती हुए 10 में से 1 व्यक्ति की मौत हो जाती है।

किसे है सबसे ज्यादा खतरा?

कोई भी इस बीमारी की चपेट में आ सकता है, लेकिन कुछ लोगों को ज़्यादा खतरा है:

जो लोग उन इलाकों में रहते हैं या काम करते हैं जहाँ यह बीमारी आम है, खासकर खेती या कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े लोग।

60 साल से ऊपर के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, डायबिटीज के मरीज, और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग।

शोध के अनुसार, काले और फिलिपिनो लोगों को भी इसका ज्यादा खतरा है।

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कैसे करें बचाव और इलाज?

वैली फीवर से बचने के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं है, लेकिन कुछ सावधानियाँ बरतकर आप सुरक्षित रह सकते हैं:

जब बाहर धूल भरी हवा चल रही हो, तो घर के अंदर रहें और खिड़की-दरवाजे बंद रखें।

अगर आप धूल वाले इलाके में गाड़ी चला रहे हैं, तो कार के शीशे बंद रखें और एयर कंडीशनर को ‘recirculating’ मोड पर चलाएं।

कंस्ट्रक्शन या खुदाई का काम करते समय N95 मास्क पहनें।

यह बीमारी सिर्फ डॉक्टर की जाँच से ही पता चल सकती है। अगर आपको लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से मिलकर ब्लड टेस्ट ज़रूर कराएं।

निष्कर्ष

वैली फीवर का खतरा भले ही बढ़ रहा हो, लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है।

जागरूकता और जानकारी से हम इस बीमारी से बच सकते हैं।

सबसे ज़रूरी है कि अगर आप ऐसे इलाकों में जाते हैं जहाँ यह बीमारी आम है, तो धूल और मिट्टी से बचें और लक्षणों को पहचानें।

समय पर जाँच और इलाज से इस बीमारी से पूरी तरह ठीक हो सकते हैं, वरना यह गंभीर रूप ले सकती है।

डिस्क्लेमर

यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है और इसे किसी भी तरह से डॉक्टरी सलाह नहीं मानना चाहिए।

किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए, कृपया डॉक्टर से संपर्क करें।

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