सुबह-सुबह नींद खुली और लगे → “वाह, आज तो एनर्जी डबल है।”
मॉर्निंग सेक्स को कई लोग सबसे बेस्ट टाइम मानते हैं।
लेकिन ऐसा क्यों?
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असली वजह – हॉर्मोनल पीक
सुबह उठते ही शरीर में टेस्टोस्टेरोन (पुरुषों में) और एस्ट्रोजन (महिलाओं में) का लेवल सबसे ज़्यादा होता है।
यही हॉर्मोन सेक्स ड्राइव और एनर्जी को बूस्ट करते हैं।
नतीजा → सुबह सेक्स ज़्यादा मज़ेदार और एनर्जेटिक लगता है।
दिमाग़ का “रीसेट मोड”
नींद पूरी होने के बाद दिमाग़ “रिफ्रेश स्टेट” में होता है।
स्ट्रेस कम, थकान कम और हॉर्मोनल बैलेंस बेहतर।
इस वजह से रोमांस में ज़्यादा फोकस और प्लेज़र मिलता है।
फ़नी सिचुएशन
अलार्म घड़ी बजे और आप स्नूज़ करने के बजाय “किस” कर दें। 😂
या फिर ऑफिस लेट होने पर बहाना बने → “ट्रैफिक नहीं, रोमांस की वजह से लेट हुआ।”
भ्रांति का सच
कई लोग सोचते हैं कि “सुबह-सुबह शरीर लेज़ी होता है, तो सेक्स भी स्लो होगा।”
सच यह है कि सुबह का सेक्स ज्यादातर हॉर्मोन पीक + फ्रेश दिमाग़ की वजह से ज़्यादा एनर्जेटिक होता है।
झटपट नतीजा
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सुबह हॉर्मोन हाई।
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नींद से दिमाग़ रिफ्रेश।
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नतीजा → एनर्जेटिक सेक्स।
🌀 तीन आसान चरणों में “Morning Magic”
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टेस्टोस्टेरोन और हॉर्मोन टॉप पर।
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स्ट्रेस लो, एनर्जी हाई।
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मज़ा डबल।
नतीजा: मॉर्निंग सेक्स सबसे एनर्जेटिक इसलिए होता है क्योंकि यह हॉर्मोन पीक + फ्रेश दिमाग़ का परफेक्ट कॉम्बो है।
छोटी सलाह
सुबह की हड़बड़ी में टाइम निकालना मुश्किल हो तो वीकेंड मॉर्निंग बेस्ट है।
और हाँ → ब्रश करना मत भूलिए, वरना रोमांस की जगह “गंध युद्ध” शुरू हो जाएगा। 😂